हॉटस्पॉट क्षेत्र में तेज़ी से निर्जंतुकीकरण के लिए डीआरडीओ द्वारा ‘यूव्ही ब्लास्टर टॉवर’ का निर्माण

नई दिल्ली – कोरोनावायरस के हॉटस्पॉट क्षेत्रों में तेज़ी से निर्जंतुकीकरण करना मुमक़िन हों, इसलिए ‘संरक्षण संशोधन विकास संस्था’ने (डीआरडीओ) ‘अल्ट्रा व्हायलेट ब्लास्टर टॉवर’ विकसित किया है। रक्षामंत्रालय ने इसकी जानकारी दी।

नई दिल्लीस्थित डीआरडीओ के ‘लेझर सायन्स अँन्ड टेक्नॉलॉजी सेंटर’ ने एक प्राइवेट कंपनी की सहायता से यह टॉवर विकसित किया। इस टॉवर में छ: लॅम्प होकर, हर एक लॅम्प ४३ वॅट युव्हीसी का है। यह टॉवर वायफाय के द्वारा लॅपटॉप और स्मार्टफोन के माध्यम से जोड़ा जा सकता है, ऐसा भी रक्षामंत्रालय ने कहा। यह टॉवर १२ फूट लंबे और १२ फूट चौड़े कमरे का दस मिनटों में निर्जंतुकीकरण करेगा, ऐसा दावा डीआरडीओ ने किया। वहीं, इस टॉवर में ४०० स्केअर फूट परिसर का चन्द ३० मिनटों में निर्जंतुकीकरण करने की क्षमता है, ऐसी जानकारी भी डीआरडीओ ने दी।

लॅब और कार्यालयों के कॉम्प्युटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर रसायनिक छिड़काव उपयुक्त साबित नहीं होता। ऐसी जगहों में यूव्ही ब्लास्टर उपयोगी साबित होगा, ऐसा रक्षामंत्रालय ने स्पष्ट किया। साथ ही, हवाई अड्डे, मेट्रो स्थानक, शॉपिंग मॉल्स, हॉटेल्स ऐसीं भीड़ की जगहों में डीआरडीओ का यूव्ही ब्लास्टर प्रभावी साबित होगा, ऐसा रक्षामंत्रालय ने आगे कहा। इसी बीच, इससे पहले भी डीआरडीओ ने व्हेटिंलेटर्स, लॅब, पीपीई किट्स विकसित करके, कोरोनावायरस के ख़िलाफ़ के युद्ध में अहम भूमिका निभायी थी।

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