भारत में २४ घंटे में ७१ कोरोना संक्रमितों की मौत – मरीज़ों की संख्या ३२ हजार से अधिक

नई दिल्ली, (वृत्तसंस्था) – पिछले २४ घंटे में भारत में कोरोना से संक्रमित ७१ लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही इस महामारी का शिकार हुए लोगों की संख्या १००८ हुई है। साथ ही, देश में कोरोना के मामलों की संख्या बढकर ३२ हज़ार से भी अधिक हुई है। महाराष्ट्र में कोरोना का कोहराम जारी है और बुधवार के दिनभर में राज्य में ३२ कोरोना संक्रमितों की मृत्यु हुई। इनमें से २६ लोगों ने मुंबई में दम तोडा है। इस पृष्ठभूमि लेकिन ४ मई के बाद नई सूचना जारी करने का तय किया गया है। इसके तहत कुछ जिलों को सहूलियत प्राप्त हो सकती है, ऐसा केंद्रीय गृहमंत्रालय ने कहा है।

देश में कोरोना के मरीज़ों की संख्या बढकर ३१,७७८ होने का ऐलान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया है। मंगलवार की शाम से बुधवार की शाम तक के २४ घंटों में, देश में कोरोना के १,८२३ नए मामलें सामने आए। लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषित किए इन आँकडों में बुधवार के दिनभर में पाये गए नए मरीज़ों का समावेश नहीं है। ऐसे में बुधवार की रात तक देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या ३२ हजार से भी अधिक होने की बात सामने आयी है। महाराष्ट्र में स्थिति सबसे ज्यादा चिंताजनक बनी है। बुधवार के दिन राज्य में कुल ३२ कोरोना संक्रमितों की मौत हुई, इससे पहले मंगलवार के दिन राज्य में कोरोना के ३१ मरीज़ों ने दम तोडा था। इसी बीच, बुधवार के दिनभर में राज्य में कोरोना के ५९७ नए मामले सामने आए। इसके साथ ही, महाराष्ट्र में कोरोना से संक्रमित मरीज़ों की संख्या १० हज़ार के करीब पहुँची है। इसके अलावा गुजरात और दिल्ली में भी कोरोना के मरीज़ों की संख्या बढना जारी है।

ऐसें में देश के कुछ जिलें कोरोना से मुक्त हुए हैं और ग्रीन एवं ऑरेंज झोन की संख्या भी बढ रही हैं। इसी बीच कई जिलों में, कोरोना के मरीज़ पाये जाने की मात्रा कम हुई है। देश में पंद्रह दिन पहले, रेड झोन की संख्या १७० थी। अब यह कम होकर १२९ हुई है। शहरीं इलाकों में ख़ास तौर पर मुंबई, पुणे, दिल्ली, सूरत, वड़ोदरा, भोपाल जैसें बडें शहरों में कोरोना के मरीज़ों की मात्रा अभी भी ज़्यादा है। इस पृष्ठभूमि पर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन की स्थिति का जायज़ा करने के लिए बैठक बुलाई थी। लॉकडाउन की वजह से कोरोना की महामारी को काफी मात्रा में रोकना संभव हुआ है और लॉकडाउन से फ़ायदा भी हुआ है। ३ मई तक लॉकडाउन का सख्त पालन करना जरूरी है। इसके बाद नई सूचना जारी करें और इसमें कुछ जिलों को ज्यादा सहूलियत प्रदान करना मुमकिन हो सकता है, यह निर्णय हुआ है।

इसी बीच केंद्रीय गृहमंत्रालय ने, लॉकडाउन की वजह से कई राज्यों में फँसे मजदूर, छात्र और यात्रियों को अपने राज्य में लौटने की अनुमति दी है। लेकिन इसके लिए नियम और निर्देशों का पालन हों, यह बात गृहमंत्रालय ने स्पष्ट की है। साथ ही, इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय राज्य सरकार ही करेगी। राज्यों की अनुमति के बाद ही इन फँसे मजदूरों, छात्रों को अपने राज्य में लौटना संभव होगा, यह भी गृहमंत्रालय ने स्पष्ट किया है।

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