ग्रामीण क्षेत्र के लिए सरकार की ‘ई-रिटेल’ सेवा

नई दिल्ली, (वृत्तसंस्था) – लॉकडाऊन के कारण ग्रामीण इलाक़े में जीवनावश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने में आ रहीं मुश्किलों को मद्देनज़र रखते हुए केंद्र सरकार ने अमेझॉन, फ्लिपकार्ट जैसी स्वदेशी ई-रिटेल सेवा शुरू की है। इस सेवा के कारण ग्रामीण इलाक़े के नागरिक ऑनलाईन अथवा ऑफलाईन ख़रीद कर सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में रहनेवाले नागरिकों को जीवनावश्यक  वस्तु ना मिलने के कारण उन्हें बड़े प्रमाण में असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। इस कारण ग्रामीण क्षेत्र के लिए सरकार ने यह ई-रिटेल सेवा शुरू की है। ‘कॉमन सर्विस सेंटर’ (सीएससी) के माध्यम से यह सेवा चलायी जानेवाली है। ‘सीएससी’ के ३.८ लाख आऊटलेट के माध्यम से ग्रामीण इलाक़े के ६० लाख नागरिकों तक पहुँचने के प्रयास केंद्र सरकार इसके ज़रिये कर रही है।

लॉकडाऊन के कारण जीवनावश्यक वस्तुओं की यातायात करनेवाले वाहनों को मुश्किलें आ रहीं होने के कारण, सरकार ने गाँव-स्तर पर ऑनलाईन रिटेल चेन की स्थापना की है। इस माध्यम से ऑनलाइन और ऑफलाइन ऑर्डर लिए जायेंगे और होम डिलिव्हरी की जायेगी। हालाँकि ‘सीएससी’ निजी आऊटलेट हैं, ये केंद्र सरकार के नियंत्रण में काम करते हैं। इन सेवा केंद्रों को सब्ज़ी-तरकारी, दूध, दालें, फल तथा अन्य उत्पादन बिक्री और सप्लाई की ज़िम्मेदारी सरकार ने सौंपी है, ऐसा सीएससी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिनेश त्यागी ने कहा।

ग्राहक ऑनलाइन जाकर, इसके लिए बनाये अ‍ॅप में से वस्तुएँ मँगा सकता है। ग्रामीण क्षेत्र के उद्योजकों को यह अ‍ॅप  दिया गया है। इसके साथ ही, रिटेल तथा ई-रिटेल की सेवा देनेवाले सेवा केंद्रों को ये अ‍ॅप दिये गए हैं। साथ ही, ग्रामीण स्तर के उद्योजक भी ऑफलाइन ऑर्डर लेते हैं और फिर एक दिन में अथवा कुछ घंटों में वस्तु ग्राहकों तक पहुँचाने की व्यवस्था करते हैं, ऐसा त्यागी ने कहा।

अब तक दो हज़ार सीएससी केंद्र जोड़े गये हैं। इन केंद्रों के माध्यम से ५ हज़ार नागरिकों ने सामान के ऑर्डर दर्ज़ किए होकर, २० लाख रुपये क़ीमत का सामान पहुँचाया गया है। हर एक केंद्र को ५ से १० किलोमीटर के परिसर में सप्लाई करने की सूचनाएँ दी गयीं हैं, ऐसी जानकारी त्यागी ने दी।

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