भारतीय दवाइयों की “संजीवनी” ब्राझील के नागरिकों के प्राण बचायेगी – ब्राझील के राष्ट्राध्यक्ष की कृतज्ञता

ब्राझिलिया – हनुमानजी ने दिव्य संजीवनी औषधि लाकर श्रीरामजी के भाई लक्ष्मणजी के प्राण बचाये थे; ठीक उसी प्रकार, भारत ने सप्लाई की दवाइयों के कारण ब्राझील के नागरिकों के प्राण बचेंगे, ऐसे शब्दों में ब्राझील के राष्ट्राध्यक्ष जेर बोल्सोनारो ने भारत का शुक्रिया अदा किया। हनुमानपूर्णिमा के दिन ही, हनुमानजी ने हिमालय से लायी संजीवनी औषधि का उल्लेख कर ब्राझील के राष्ट्राध्यक्ष ने बहुत बड़ी समयज्ञता दर्शायी दिख रही है। अभी भी कोरोनावायरस के संक्रमण पर दवाई प्राप्त नहीं हुई है। लेकिन मलेरिया के मरीज़ों के लिए उपयोग में लाये जानेवाले हायड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल कर दुनियाभर के डॉक्टरों ने कोरोनावायरस के मरीज़ों को ठीक किया होने के कई उदाहरण सामने आये हैं। इस कारण हायड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की माँग बढ़ रही है। इसका सर्वाधिक मात्रा में निर्माण करनेवाले भारत की ओर सारी दुनिया बड़ी उम्मीद लगाकर देख रही है।

अन्य देशों की तरह भारत ने ब्राझील को भी हायड्रोक्सीक्लोरोक्वीन तथा अन्य दवाइयों की सप्लाई की है। इसपर कृतज्ञता व्यक्त करते हुए ब्राझील के राष्ट्राध्यक्ष जेर बोल्सोनारो ने, रामायण की संजीवनी बूटी की कथा का संदर्भ दिया। हनुमानजी ने समय पर ही संजीवनी लाकर लक्ष्मणजी के प्राण बचाये थे, उसकी याद कराके बोल्सोनारो ने, भारत द्वारा भेजी गईं दवाइयों का महत्त्व अधोरेखित किया।

इसी बीच, भारत ने श्रीलंका को भी तक़रीबन दस टन इतने बड़े प्रमाण में दवाइयों की सप्लाई की है। इन दवाइयों से भरे बॉक्स पर भारत द्वारा “गिफ्ट फ्रॉम इंडिया” ऐसा लिखा गया है। कोरोनावायरस विरोधी जंग में भारत बहुत बड़ा योगदान दे रहा है, यह फिर एक बार सामने आया है, जिससे कि आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का स्थान अधिक ही मज़बूत होनेवाला है।

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