अफगानिस्तान संबंधी बातचीत से चीन ने भारत को दूर रखा

नई दिल्ली/बीजिंग – चीन की राजधानी बीजिंग में हुई अफगानिस्तान संबंधी बातचीत से भारत को दूर रखा गया है| इस बातचीत में चीन ने अमरिका, रशिया और पाकिस्तान को शामिल कराया है और भारत को जानबूझकर इस बातचीत से दूर रखा गया है, यह चर्चा माध्यमों में शुरू हुई है| लेकिन, अफगानिस्तान की शांति चर्चा से भारत को दूर रखा गया नही है, यह बात चीन के विदेशमंत्री ने स्पष्ट की है| लेकिन, इस बातचीत में भारत को क्यों शामिल किया गया नही, इस सवाल पर संतोषजनक स्पष्टीकरण चीन ने दिया नही है|

अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया के विषय पर फिलहाल बातचीत शुरू है| अमरिका और तालिबान में भी बातचीत के दौर शुरू है| वही, रशिया भी तालिबान को पकडकर अफगानिस्तान में शांति बनाने के लिए बातचीत कर रही है| ऐसे में अब चीन ने भी अफगानिस्तान के विषय पर बातचीत के लिए पहल की है| इस बातचीत में चीन ने अमरिका, रशिया और पाकिस्तान को भी शामिल किया है| इससे भारत को दूर रखने का सवाल ही नही है, ऐसा चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है| यह चार देशों ने समझदारी से अफगानिस्तान पर बातचीत करनेला तय किया है, सीर्फ इतनी सी बात चीन के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता गँग शुआंग दे सके है|

अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के लिए चीन सभी देशों के साथ बातचीत करेगा और इसमें भारत का भी समावेश होने की बात शुआंग ने आगे कही| लेकिन, इससे पहले चीन और पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में भारत की भूमिका पर कडी नाराजगी व्यक्त की थी| अमरिका अब अफगानिस्तान में भारत को और भी बडी भूमिका दे रही है, यह तक्रार पाकिस्तान लगातार कर रहा है| वही, अफगानिस्तान एक भारत का पडोसी देश है और अफगानिस्तान में शांति बनी रहे, यह सीर्फ भारत के लिए ही नही बल्कि पूरे दक्षिणी एशियाई क्षेत्र के लिए जरूरी है| इसी के लिए भारत-अफगानिस्तान हमेशा सकारात्मक भूमिका निभा रहे है, ऐसा भारत का कहना है| अमरिका ने भी भारत ने किए इस दावे का समर्थन किया है|

अफगानिस्तान की जनता भी भारत को काफी बडा प्रतिसाद दे रही है और भारत इस देश में कर रहे विकास योजनाओं का बडा लाभ अफगानिस्तान को प्राप्त हो रहा है| इस वजह से पाकिस्तान बेचैन है और यह चीन के लिए भी चिंता का विषय साबित होता दिखाई दे रहा है| इसी लिए अफगानिस्तान में भारत का प्रभाव कम करके वहां की शांति प्रक्रिया में भारत को स्थान प्राप्त ना हो, इसका प्रावधान चीन कर रहा है|

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