अमरिका ने किया तैवान का ‘देश’ के तौर पर जिक्र

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन/तैपेई – तैवान यह ‘देश’ होने का स्पष्ट उल्लेख अमरिका के रक्षा मंत्रालय ने किया है| साथ ही तैवान अमरिका का विश्वास, समर्थता और नैसर्गिक सहयोगी देश होने की घोषणा अमरिका के रक्षा मंत्रालय ने की है| तैवान अपना ही भूभाग होकर इस बारे में समझौता संभव न होने की बात कहनेवाले चीन के लिए यह बहुत बड़ा झटका है| इसकी वजह से चीन से तीव्र प्रतिक्रिया उमड़ सकती है|

अमरिका के रक्षा मंत्रालय ने इंडो-पैसिफिक स्टडी रिपोर्ट घोषित किया था| जिसमें रक्षा मंत्रालय ने इंडो-पैसिफिक सागरी क्षेत्र में अमरिका के मित्र देशों का उल्लेख किया था| तथा इन देशों के साथ सहयोग बढ़ाना अमरिका के लिए आवश्यक होने की बात कही थी| जिसमें तैवान, सिंगापुर, मंगोलिया और न्यूजीलैंड का समावेश था|

इन चारों देशों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमरिका की मुहिम को सहायता की है| साथ ही मुक्त और खुले अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था निर्माण करने के लिए इन चारों देशों ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, ऐसा अमरिका के रक्षा मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा था| तथा यह चारों देश अमरिका के विश्वास, समर्थता और नैसर्गिक सहयोगी देश होने का उल्लेख इसमें किया गया था|

तैवान यह अपना ही सार्वभौम भूभाग होने का दावा चीन कर रहा है| अन्य देशों ने भी ‘वन चाइना’ धारणा का स्वीकार करके तैवान के साथ संबंध न रखें, ऐसी धमकी चीन अपने सहयोगी देशों को दे रहा है| वैसे करनेवाले देशों को बहिष्कृत करके चीनने दबाव बनाना शुरू किया है| पर डोनाल्ड ट्रम्प ने अमरिका के सूत्र हाथ लेने के बाद तैवान के साथ लष्करी सहयोग बढ़ाया है| अमरिका एवं तैवान में हो रहे लष्करी सहयोग पर चीन से नाराजगी व्यक्त की जा रही है| फिर भी अमरिका ने तैवान को ‘देश’ संबोधित करके चीन को बहुत बड़ा झटका दिया है|

इससे पहले भी अमरिका और तैवान में रक्षा सहयोग को लेकर चीन तिलमिला रहा था| ऐसी परिस्थिति में अमरिका के रक्षा मंत्रालय की यह घोषणा चीन को चेतावनी देनेवाली होने की बात हॉंगकॉंग स्थित अखबार ने कही थी|

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