तकनीकी क्षेत्र की बडी कंपनियां वैश्‍विक अर्थव्यवस्था में उथल पुथल करेगी – अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की प्रमुख का इशारा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरटोकियो – ‘दुनिया की कुछ चुनिंदा कंपनियों का हाथ में जानकारी की काफी बडा भंडार है| यह कंपनियां ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ और अन्य तकनीक के बल पर वैश्‍विक अर्थव्यवस्था का आधार होनेवाले आर्थिक व्यवहारों पर वर्चस्व प्राप्त करके अर्थव्यवस्था में उथल पुथल कर सकती है’, यह चौकानेवाला इशारा अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की प्रमुख क्रिस्तिन लैगार्ड ने दिया है| पिछले कुछ महीनों में तकनीकी क्षेत्र की बडी कंपनियों के विरोध में अमरिका और यूरोप में कानूनी कार्रवाई शुरू हो रही है और ऐसे में मुद्राकोष की प्रमुख ने दिया यह इशारा ध्यान आकर्षित करता है|

पिछले कुछ वर्षों में ‘आईटी’ क्षेत्र की कुछ चुनिंदा कंपनियां नई तकनीक, जानकारी एवं बहुत बडी आर्थिक क्षमता के बल पर अलग अलग क्षेत्र में वर्चस्व करती दिख रही है| यह करते समय इन कंपनियों से सामाजिक, आर्थिक, सियासी क्षेत्रों के समेत कई क्षेत्र के लिए तय नियमों का खुलेआम भंग होता दिख रहा है| अभिव्यक्ती स्वतंत्रता, मानवाधिकार और कानून में रही कमी के बल पर यह कंपनियां दुनिया के प्रमुख देशों की भी परवाह नही कर रही है|

इस पृष्ठभूमि पर अमरिका और यूरोपिय महासंघ ने पिछले कुछ महीनों में आईटी क्षेत्र की बडी कंपनियों के विरोध में कानूनन कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरू की है| ऐसे में इन कंपनियों के पास जमा जानकारी का विशाल भंडार, उसका गलत इस्तेमाल, उन पर ना होनेवाला नियंत्रण और आर्थिक क्षमता होते हुए भी करों का भुगतान न करने का रवैया ऐसे मुद्दों को लक्ष्य किया गया है| जापान में इस महीने के अंत तक हो रही ‘जी-२०’ की बैठक में भी यह मुद्दे उपस्थित होने के संकेत प्राप्त हो रहे है|

मुद्राकोष की प्रमुख लैगार्ड ने जापान की एक बैठक में आईटी क्षेत्र की कंपनियों का मुद्दा उपस्थित करते समय इन कंपनियों की क्षमता और उसके इस्तेमाल के मुद्दे पर चिंता व्यक्त की| आर्थिक व्यवहारों के क्षेत्र में आईटी क्षेत्र की कंपनियों का बढ रहा प्रभाव अब आर्थिक स्थिरता के लिए बडी चुनौती साबित हो सकती है, ऐसा लैगार्ड ने इस दौरान इशारा दिया| साथ ही उन्होंने चीन में फिलहाल सिर्फ दो बडी कंपनियों के हाथ में ‘मोबाईल पेमेंटस्’ बाजार का नियंत्रण होने की ओर ध्यान आकर्षित किया|

इस दौरान, शनिवार के दिन जापान में ‘जी-२०’ से जुडी बैठक में २० प्रमुख देशों की अर्थमंत्रियों में आईटी क्षेत्र की बडी कंपनियों पर ‘डिजिटल टैक्स’ लगाने के मुद्दे पर सहमति होने की बात सामने आ रही है|

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