‘जर्मन खिलाफत’ के ‘पोस्टर’ की वजह से खलबली

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबर्लिन – जर्मनी में घुसपैठ कर रहे परधर्मिय शरणार्थियों के झुंड और उनके बढते प्रभाव का विरोध कर रहे ‘अल्टरनेटिव्ह फॉर जर्मनी’ (एएफडी) यह दल विवाद में फंसा है| हाल ही में हुए यूरोपिय संसद के चुनाव में जर्मनी में अच्छी सफलता प्राप्त करनेवाले इस दल ने अपनी सफलता की जानकारी देते समय विवादित पोस्टर सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध किया था| इश पोस्टर में जर्मनी के दो हिस्से दिखाए गए है और इनमें से एक हिस्सा ‘फेडरल रिपब्लिक’ और दुसरा ‘जर्मन खिलाफत’ के तौर पर दिखाया गया है| अल्टरनेटिव्ह फॉर जर्मनी इस पोस्टर के जरिए जर्मनी में द्वेष की भावना फैला रही है, ऐसी कडी आलोचना विपक्षी एवं नागरिकों ने की है|

जर्मन चान्सेलर एंजेला मर्केल ने वर्ष २०१५ में शरणार्थियों के लिए जर्मनी के साथ ही यूरोप के दरवाजे खुले होने का ऐलान किया था| इसके बाद जर्मनी के साथ पुरे यूरोप में करीबन ३० लाख से भी अधिक अवैध शरणार्थि पहुंचे है और इनमें से अधिकांश इस्लामधर्मि होने का दावा किया जा रहा है| वर्ष २०१५ से लगातार घुसपैठ कर रहे इन शरणार्थियों के झुंडों की वजह से यूरोप की सामाजिक और धार्मिक संरचना में बदलाव शुरू होने की नाराजगी स्थानिय जनता व्यक्त कर रही है| इसके सियासी परिणाम भी कई यूरोपिय देशों में दिखाई देने लगे है और शरणार्थियों का विरोध करनेवाले गुटों को प्राप्त हो रहे समर्थन में बढोतरी भी हो रही है|

इटली, हंगेरी, ऑस्ट्रिया, पोलंड जैसे कई प्रमुख यूरोपिय देशों ने शरणार्थियों के विरोध में आक्रामक कार्रवाई शुरू की है और इस्लामिकरण के विरोध में उजागर तौर पर भूमिका स्वीकारना शुरू किया है| जर्मनी में अल्टरनेटिव्ह फॉर जर्मनी और पेगिडा जैसे गुटों ने शरणार्थियों की वजह से जर्मनी की असल संस्कृति और धर्म के लिए खतरा बना है, यह कहकर इस ओर ध्यान आकर्षित किया| यह होते हुए भी सत्ता पक्ष इस बात की ओर अनदेखा कर रहा है, यह आरोप एएफडी ने किया है| कुछ महीनों पहले एएफडी ने यूरोपिय संसद के चुनाव में प्रसिद्ध किए घोषणापत्र में भी यह मुद्दा उठाया था|

‘यूरोप में कई लोग परधर्मि शरणर्थियों का खतरा होने की बात स्वीकार ने के लिए तैयार नही है| लेकिन, यह खतरा बढ रहा है और फिलहाल यूरोप को होनेवाला सबसे बडा खतरा साबित हो रहा है’, यह दावा अल्टरनेटिव्ह फॉर जर्मनी ने किया था| इस्लाम के तत्व यूरोप का कानून, आजादी और जनतंत्र जैसे तत्व के साथ मेल नही रखते, इस ओर भी एएफडी ने ध्यान आकर्षित किया था| यूरोप में यह शुरू रहा तो, अगले कुछ वर्षों में जर्मनी भी महासंघ से ‘एक्जिट’ करने के लिए कदम उठाएगा, यह चेतावनी भी दी गई थी|

रविवार के दिन हुए चुनाव में अल्टरनेटिव्ह फॉर जर्मनी को ११ प्रतिशत वोट प्राप्त हुए| इसमें सबसे अधिक हिस्सा पूर्व और उत्तरी जर्मनी के क्षेत्र में प्राप्त हुए है| हमें समर्थन दे रहा जर्मनी ही सच्चा जर्मनी होने का दावा करने की कोशिश करते समय एएफडी की बर्लिन शाखा ने जर्मनी का अलग नक्शा प्रसिद्ध किया| इस नक्शे में अल्टरनेटिव्ह फॉर जर्मनी को सबसे अधिक समर्थन और वोट देनेवाला हिस्सा फेडरल रिपब्लिक ऑफ जर्मनी के तौर पर दिखाया गया है| साथ ही दक्षिणी एवं पश्‍चिमी जर्मनी का क्षेत्र ‘जर्मन खिलाफत’ दिखाया गया है|

सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध हुए इस पोस्टर से जोरदार खलबली मची है और अल्टरनेटिव्ह फॉर जर्मनी पर वंश द्वेषी और द्वेष भावना को बढावा देनेवाला पक्ष के तौर पर आलोचना की जा रही है| इस आलोचना के बाद पार्टी ने यह नक्शा हटाया है, फिर भी इस दौरान शुरू हुई आलोचना अभी थमी नही है, इस ओर प्रसार माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे है|

कुछ महीने पहले ‘रॅमी डॅबास’ इस विश्‍लेषक ने अमरिका, यूरोप के साथ दुनिया में सिर्फ चरमपंथीयों की ‘खिलाफत’ स्थापित करने के लिए ‘मुस्लिम ब्रदरहूड’ इस आतंकी संगठन ने जोरदार गतिविधियां शुरू की है, यह दावा हो रहा है| इसमें भी इन गतिविधियों में शामिल संगठनों की संख्या ब्रिटेन और जर्मनी में काफी बडी होने की बात कही जा रही थी|

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