अमरिकी राजदूत की तिब्बत यात्रा से चीन बेचैन

बीजिंग – चीन में नियुक्त अमरिका के राजदूत टेरी ब्रानस्टॅड इन्होंने तिब्बत की यात्रा की है| अमरिका के राजनयिक अधिकारी और पत्रकारों को तिब्बत की यात्रा करने की अनुमति देने से अबतक इन्कार किया था| लेकिन, राजनयिक दबाव की वजह से इस बार चीन ने राजदूत ब्रानस्टॅड इन्हें तिब्बत की यात्रा करने की अनुमति दी दिखाई दे रही है| चीन के विदेशमंत्री ने इसपर दर्ज की प्रतिक्रिया चीन की बेचैनी व्यक्त करनेवाली साबित होती है| अमरिका के राजदूत पूर्वग्रह से तिब्बत की ओर नही देखेंगे, यह उम्मीद चीन के विदेशमंत्री वँग ई इन्होंने व्यक्त की है|

वर्ष २०१५ के मई महीने में अमरिका के चीन में नियुक्त राजदूत मॅक्स बाउकस इन्होंने तिब्बत की यात्रा की थी| उसके बाद चीन ने तिब्बत को अधिक सुरक्षित रखकर अमरिका और अन्य पश्‍चिमी देशों के राजनयिक अधिकारी एवं पत्रकारों को तिब्बत की यात्रा करने की अनुमति देने से इन्कार किया था| तिब्बत की पहचान होनेवाला बौद्ध धर्म, तिब्बती भाषा और संस्कृति खतम करने के लिए चीन ने आक्रामकता के साथ कोशिश शुरू की थी| चीन के दमन का सामना करके तिब्बती जनता अपनी स्वतंत्र पहचान बरकरार रखने के लिए कोशिश कर रही है| चीन के इस अन्याय के विरोध में दुनिया भर में तीव्र प्रतिक्रिया प्राप्त हो रही थी|

कई तिब्बती बौद्धभिक्खू ने चीन की करतूतों का विरोध करने के लिए आत्मदहन भी किया था| इसी लिए तिब्बत का प्रश्‍न अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपस्थित ना हो इसलिए चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत अधिक से अधिक दमन कर रही थी| इसी वजह से तिब्बत में दुसरे देशों के राजनयिक अधिकारी एवं पत्रकारों को प्रवेश देने से चीन ने इन्कार किया था| लेकिन, फिलहाल चीन के साथ बने अमरिका के संबंध काफी खराब हुए है और दोनों देशों में शुरू व्यापार युद्ध का झटका चीन को लग रहा है|

इसी लिए चीन ने इस बार अमरिकी राजदूत को तिब्बत की यात्रा करने की अनुमति दी हो, यह दिख रहा है| साथ ही इस यात्रा के मुद्दे पर चीन के विदेशमंत्री ने अमरिकी राजदूत को समझ देने की भी कोशिश की है|

पूर्वग्रह के साथ तिब्बत की ओर ना देखे, यह सूचना चीन के विदेशमंत्री वँग ई इन्होंने राजदूत ब्रानस्टॅड इन्हें की है| वही, ब्रानस्टॅड ने तिब्बत को चीन ने प्रतिबंधों में फंसाकर रखा है, यह कहकर अपनी नाराजगी व्यक्त की है| अमरिकी राजनयिक अधिकारियों को और पत्रकारों को चीन ने तिब्बत की यात्रा करने की अनुमति नही दी थी, इस ओर भी राजदूत ब्रानस्टॅड इन्होंने ध्यान केंद्रीत किया है|

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