अमरिकी ‘रिपर ड्रोन’ पोलंड में तैनात

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवार्सा – यूरोपीय देशों की सुरक्षा के लिए अमरिका ने तेजी से कदम उठाना शुरू किया है और इसके तहेत अमरिका ने पोलंड में ‘रिपर ड्रोन’ की तैनाती की है| बाल्टिक और ब्लैक सी क्षेत्र में गश्त एवं कार्रवाई करने के लिए इस ड्रोन की तैनाती करने की बात अमरिकी वायुसेना ने स्पष्ट की है| इसके पहले अमरिका ने पोलंड में मिसाइल और पैट्रियॉट हवाई सुरक्षा यंत्रणा की तैनाती करने का ऐलान किया था| रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन इन्होंने अमरिका की इस ऐलान पर आलोचना करके पोलंड में तैनात किए मिसाइल रशिया के लिए खतरा साबित होंगे यह कहकर इस तैनाती को प्रत्युत्तर देने का इशारा दिया था| ऐसी स्थिति में अमरिकी ड्रोन पोलंड में तैनात होने पर रशिया से प्रतिक्रिया प्राप्त हो सकती है|

पोलंड की ईशान्य हिस्से में ‘मिरोस्लाविक हवाई अड्डे’ पर अमरिकन वायुसेना के ‘एमक्यू-९ रिपर ड्रोन’ तैनात किए है| ‘यूएस एअर फोर्सेस यूरोप’ इस अमरिकी वायुसेना की यूरोप के विभाग ने प्रसिद्ध की जानकारी के नुसार ‘रिपर ड्रोन’ की तैनाती यह काफी जल्द की गई थी| लेकिन, सोमवार से रिपर ड्रोन पूरी तरह कार्यान्वित होने की बात अमरिकी वायुसेना ने कही है| नाटो सदस्य देशों को बाल्टिक और ब्लैक सी के क्षेत्र से प्राप्त हो रही गोपनीय जानकारी का आदान प्रदान करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल होगा|

लेकिन, अमरिकी लष्कर से जुडी जानकारी देनेवाली एक वेबसाईट पर ‘रिपर ड्रोन’ की पोलंड में हुई तैनाती अहम होने की बात कही है| पिछले कुछ महीनों से रशिया और नाटो में बना तनाव काफी मात्रा में बढा है और रशिया ने पूर्व के यूरोपीय देशों की सीमा पर सेना और टैंक तैनात किए है| साथ ही कैलिनिनग्रॅड के लष्करी ठिकाने पर रशिया ने ‘इस्कंदर’ मिसाइल यंत्रणा तैनात करने का दावा किया जा रहा है| रशिया की लष्करी तैनाती के विरोध में नाटोने भी पूर्व यूरोपीय देशों में बडी संख्या में सेना का जमावडा किया है| साथ ही पूर्व यूरोपीय देशों में बडे युद्धाभ्यास का आयोजन भी किया था| इन सभी गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर अमरिका ने पोलंड में रिपर ड्रोन तैनात करके रशिया को इशारा दिया है, यह दावा संबंधि वेबसाईट ने किया है|

अमरिका की ‘जनरल ऍटोमिक्स’ कंपनी ने ‘रिपर ड्रोन’ का निर्माण किया है और यह ड्रोन इराक, अफगानिस्तान, सीरिया में प्रभावी तरीके से किया गया है| गश्त करनेवाले अन्य ड्रोन की तुलना में रिपर ड्रोन का इस्तेमाल हमले के लिए भी संभव है| चार हेलफायर मिसाइल और लेजर गायडेड बम से लैस यह ड्रोन सबसे घातक गश्ती विमान के तौर पर जाना जाता है| लेकिन, इराक, अफगानिस्तान के जैसे ही पोलंड में तैनात रिपर ड्रोन का इस्तेमाल सिर्फ गश्ती के लिए ही किया जाएगा, ऐसा अमरिकी अधिकरियों ने कहा है|

इस दौरान अमरिका ने पहले ही पोलंड में पैट्रियॉट मिसाइल यंत्रणा तैनात करने का तया किया है| पिछले वर्ष पैट्रियॉट की तैनाती के लिए पोलंड ने अमरिका के साथ करीबन पांच अरब डॉलर्स का समझौता किया था| अमरिका ने पोलंड में पैट्रियॉट की तैनाती पर रशिया ने कडी आपत्ति जताई थी| वही, अमरिका की ‘इंटरमिजिएट रेंज न्यूक्लिअर फोर्सेस’ (आईएनएफ) समझौते से वापसी के बाद रशिया ने भी इस परमाणु हथियारों से संबंधि समझौते से वापसी की है| साथ ही रशिया ने पूर्व यूरोपीय देशों की सीमापर मिसाइल तैनात करने की धमकी दी है| इस वजह से अमरिका और रशिया में तनाव बढ रहा है और अमरिका ने पोलंड में की रिपर ड्रोन की तैनाती इस तनाव में बढोतरी कर रही है|

रशिया के जेट ने अमरिकी गश्ती विमान भगाया

मास्को  – ‘बाल्टिक सी’ की हवाई क्षेत्र में गश्त कर रहे अमरिकी ‘आरसी १३५’ विमान को रशिया के ‘सुखोई-२७’ विमान ने भगाया है| रशिया ने इस कार्रवाई का व्हिडिओ प्रसिद्ध करके अमरिका ने की गश्त पर आलोचना की है|

पिछले वर्ष से रशिया की हवाई सीमा से विदेशी विमानों के मंडराने की घटना बढी है, यह आरोप रशिया कर रहा है| अपने वायुसेना ने समय पर कार्रवाई करके इस घुसपैठी विमान को भगाया है, ऐसी जानकारी रशियन लष्कर ने प्रसिद्ध की है| इसी दौरान रशिया के लडाकू विमान नाटो सदस्य देशों की सीमा में घुसपैठ कर रहे है, यह आरोप अमरिका और नाटो कर रहा है|

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