विदेश में बसे भारतीयों की देश के लिए ८० अरब डॉलर्स की ‘भेंट’

वॉशिंगटन – विदेश में नौकरी-व्यापार करके देश में पैसे भेजने वाले भारतीयों ने इस वर्ष लगभग ८० अरब डॉलर इतना निधि मातृभूमि में भेजा है| जागतिक बैंक के रिपोर्ट से यह बात सामने आ रही है| ‘रेमिटेंस’ में भारत अव्वल स्थान पर होने की बात कहकर उसके पीछे चीन एवं मैक्सिको और फिलिपाईन्स इन देशों का क्रमांक लगता है| इस रेमिटेंस की वजह से भारत के अर्थव्यवस्था को सक्षम आधार मिलेगा, यह बात दिखाई दे रही है और पिछले २ वर्षों की तुलना में इस वर्ष रेमिटेंस में बड़ी तादाद में बढ़ोतरी होने की बात जागतिक बैंक ने कही है|

पिछले ३ वर्षों में भारत रेमिटेंस में अव्वल स्थान पर था| २०१६ में भारत का रेमिटेंस ६२.७ अरब डॉलर तथा २०१७ में ६५.३ अरब डॉलर्स इतना दर्ज हुआ था| २०१७ में भारत की जीडीपी में रेमिटेंस का हिस्सा २.७ प्रतिशत था| पर इस वर्ष उसमें बहुत बड़ी बढ़ोतरी हुई है और यह प्रमाण लगभग ८० डॉलर्स अरब डॉलर पर गया है| जागतिक बैंक ने अपनी रिपोर्ट में दर्ज किए यह बात दर्ज की है और दुनिया भर में २०१८ वर्ष में रेमिटेंस का व्यवहार ५२८ अरब डॉलर्स पर गया है, यह भी जागतिक बैंक ने कहा है| साथ ही इस वर्ष ‘रेमिटेंस’ में १०.८ प्रतिशत बढ़ोतरी भी दर्ज हुई है|

अमरिका जैसे देश की वित्त व्यवस्था में हुआ सुधार, ईंधन तेल के दामों में हुई बढ़त, खाड़ी देशों में गतिमान रूप से हुए वित्त व्यवस्था के बदलाव की वजह से नौकरी एवं व्यापार को थोड़े बहुत प्रमाण में ऊर्जित अवस्था मिली है| इसका परिणाम रेमिटेंस में दिखाई देने का दावा किया जा रहा है| भारत इस अग्रणी पर अव्वल स्थान पर होकर भारत के बाद ६७ अरब का रेमिटेंस होनेवाले चीन दूसरे स्थान पर है| मैक्सिको-फिलिपाईन्स यह दोनों देश तीसरे क्रमांक पर होकर, इन देशों का रेमिटेंस ३४ अरब डॉलर्स का है| तथा २६ अरब डॉलर इतना रेमिटेंस इजिप्ट का होकर इस सूची में वह चौथे स्थान पर है|

इस वर्ष रेमिटेंस में १०.८ प्रतिशत से बढ़ोतरी दर्ज हुई है, फिर भी २०१९ वर्ष में रेमिटेंस में होनेवाली बढ़त केवल ३.७ प्रतिशत इतनी ही हो सकती है, ऐसा जागतिक बैंक के रिपोर्ट में बताया गया है|

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