ब्रेक्झिट के बाद भी ब्रिटन यूरोपीय देशों के साथ रक्षा सहकार्य कायम रखने की कोशिश में

ब्रिटन और जर्मनी के बीच रक्षा सहकार्य अनुबंध पूरा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

बर्लिन – ब्रिटन यूरोपीय महासंघ को छोड़ने की तैयारियां कर रहा है, लेकिन यूरोप की सुरक्षा के लिए ब्रिटन की प्रतिबद्धता अबाधित रहेगी, इन शब्दों में ब्रिटिश रक्षामंत्री गेविन विल्यमसन ने ब्रिटन और जर्मनी के बीच हुए व्यापक रक्षा सहकार्य अनुबंध का समर्थन किया।इस अनुबंध के अनुसार, ब्रिटन की लष्करी टुकड़ी जर्मनी में हमेशा के लिए तैनात रहने वाली है और नौसेना, लष्कर, हवाई बल एकदूसरे से समन्वय रखकर सक्रीय रहेंगे, ऐसा स्पष्ट किया गया है।इस साल की सुरुआत में ही ब्रिटन और फ़्रांस के बीच रक्षा सहकार्य पर एकमत हुआ था।

‘ब्रेक्झिट’ पर मुहर लगाने के बाद यूरोप के साथ रक्षा विषयक सहकार्य पर ब्रिटन ने सकारात्मक भूमिका लेने की बात सामने आ रही है।ब्रिटन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे के साथ साथ वरिष्ठ नेता और अधिकारियों ने भी यूरोप के साथ रक्षा सहकार्य कायम रखने के स्पष्ट संकेत दिए हैं।मई महीने में ब्रिटन ने यूरोपियन रक्षा बल के बारे में रखे ‘यूरोपियन इंटरवेन्शन इनिशिएटिव’ प्रस्ताव को समर्थन घोषित किया था। उसके पहले जनवरी महीने में मे और फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युअल मैक्रॉन ने द्विपक्षीय रक्षा सहकार्य पर एकमत दर्शाया था।

फ़्रांस के बाद अब ब्रिटन ने यूरोपीय महासंघ का महत्वपूर्ण देश जर्मनी के साथ रक्षा सहकार्य बढाने पर जोर देने की शुरुआत की है।ब्रिटन के रक्षामंत्री ने जर्मनी को दी भेंट और उस दौरान हुआ अनुबंध इसका ही स्पष्ट देता है।दोनों देशों के बीच हुए नए अनुबंध में, ब्रिटन और जर्मनी के तीनो सुरक्षा बल एकदूसरे के बीच सहकार्य और समन्वय बढाने के लिए कदम उठाएंगे, इस पर जोर दिया गया है।इसके अलावा ब्रिटन की लष्करी टुकड़ियों की जर्मनी में हमेशा के लिए तैनाती पर भी मुहर लगाई गई है।

‘ब्रिटन और जर्मनी इसके आगे नाटो के यूरोपीय देशों की क्षमता अधिक मजबूत करने के लिए कोशिश करेंगे।उसी समय यूरोप की सुरक्षा को संभावित खतरों से निपटने के लिए यूरोप की सुरक्षा यंत्रणा में अधिकाधिक योगदान देंगे। जर्मनी और ब्रिटन की रक्षा क्षेत्र के सामान उद्दिष्टों को पूरा करने के लिए दोनों देशों के बीच संबंध अधिक मजबूत किए जाएंगे’, ऐसा जर्मनी और ब्रिटन के रक्षा सहकार्य अनुबंध में उल्लेख किया गया है।यह अनुबंध जर्मनी और ब्रिटन के बीच दोस्ती का प्रतीकात्मक और महत्वपूर्ण पड़ाव साबित होगा, ऐसी प्रतिक्रिया जर्मनी की रक्षामंत्री उर्सुला वॉन डर लेयन ने दी है।

ब्रिटन के रक्षामंत्री ने भी जर्मन मंत्री के वक्तव्य की पुष्टि की है और नाटो के सदस्य देश वाले दोनों दो देशों साझेदारी का मोर्चा अधिक मजबूत होने का आश्वासन दिया है।ब्रेक्झिट समस्या पर एकदूसरे को चेतावनी देने वाले जर्मनी और ब्रिटन के बीच के इस सहकार्य से पहले कुछ लक्षवेधी बातें सामने आईं हैं।अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने व्यापारी मतभेदों को लेकर यूरोपीय महासंघ की आलोचना की थी।ऐसे में अपने सदस्य देशों ने सुरक्षा के लिए रशिया के साथ हाथ मिलाना चाहिए, ऐसी माँग महासंघ के वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं।लेकिन अमरिका की अमरिका की सुरक्षा नहीं होगी तो रशिया यूरोप में आक्रामक बनेगा और इस वजह से यूरोपीय देश कमाल के असुरक्षित बनेंगे, ऐसी चिंता यूरोप के कुछ जिम्मेदार नेता और विश्लेषक व्यक्त कर रहे हैं।

इस पृष्ठभूमि पर रशिया के साथ सहकार्य बढाने की तैयारी करने वाले जर्मनी ने अलग नीति अपनाई है।रशिया के साथ जर्मनी का इंधन चैनल का अनुबंध ‘नॉर्ड स्ट्रीम टू’ से जर्मनी बहार निकल सकेगा, ऐसे संकेत दिए जा रहे हैं।उसी समय जर्मनी ने ब्रिटन के साथ रक्षा सहकार्य किया है। ऐसा दिखाई दे रहा है।

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