पाकिस्तान की नई सरकार आतंकवाद मुक्त दक्षिण आशिया के लिए कदम उठाएं – संयुक्त राष्ट्रसंघ में भारत के राजदूत का आवाहन

संयुक्त राष्ट्रसंघ – पाकिस्तान की नई सरकार आतंकवाद एवं हिंसाचार मुक्त दक्षिण आशिया के लिए रचनात्मक प्रयत्न करें, ऐसी अपेक्षा भारत ने व्यक्त की है। संयुक्त राष्ट्रसंघ के सुरक्षा परिषद में बोलते हुए भारत के राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने यह अपेक्षा व्यक्त करते हुए कश्मीर का प्रश्न लगातार उत्पन्न करनेवाले पाकिस्तान के कान खींचे हैं। लगातार नजरंदाज हुआ कश्मीर का मुद्दा फिर एकबार उपस्थित करके पाकिस्तान ने अपनी नकारात्मक भूमिका दुनिया के सामने घोषित की है, ऐसा आरोप अकबरुद्दीन ने किया है।

संयुक्त राष्ट्रसंघ में ‘मीडिएशन एंड सेटलमेंट ऑफ डिस्प्यूट’ इस विषय पर चर्चा में पाकिस्तान के राजदूत मलीहा लोधी ने कश्मीर का मुद्दा उपस्थित किया। ७० वर्षों से प्रलंबित कश्मीर प्रश्न सुलझाने के लिए फिर से प्रयत्न शुरू हो, ऐसा लोधी ने कहा। हर बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कश्मीर का मुद्दा उपस्थित करके भारत को संकट में डालने का एक भी अवसर पाकिस्तान नहीं छोड़ रहा। इस समय भी पाकिस्तान के राजदूत ने वैसा ही प्रयत्न करके देखा है, पर भारत के राजदूत अकबरुद्दीन ने उसे जोरदार प्रत्युत्तर दिया है।

अब तक लगातार ठुकराया गया कश्मीर का मुद्दा फिर से उपस्थित करके पाकिस्तान फिर एक बार असफलता का सामना कर रहा है, ऐसी टिप्पणी अकबरुद्दीन ने लगाई है। स्पष्ट तौर पर पाकिस्तान संपूर्ण रूप से अकेला हुआ है, ऐसा कहकर अकबरुद्दीन ने इस प्रश्न को दूसरा कोई भी देश बिल्कुल महत्व नहीं दे रहा, ऐसे संकेत दिए हैं। उस समय जम्मू कश्मीर भारत का अविभाज्य भूभाग होने की बात अकबरुद्दीन ने जोर देकर कही और पाकिस्तान यह अनावश्यक मुद्दा लगातार उपस्थित कर रहा है, इस पर नाराजगी व्यक्त की है।

कश्मीर का प्रश्न सुलझाना है तो, पहले पाकिस्तान को अपना हेतु स्पष्ट करना चाहिए, ऐसी मांग अकबरुद्दीन ने की है। उस समय पाकिस्तान में सत्ता पर आई नई सरकार से होनेवाली अपेक्षा भी अकबरुद्दीन ने स्पष्ट तौर पर प्रस्तुत की है। पाकिस्तान की नई सरकार दक्षिण एशिया में आतंकवाद एवं हिंसाचार मुक्ति के लिए रचनात्मक प्रयत्न करेगी और इस क्षेत्र में सुरक्षित एवं विकसित करने के लिए कदम उठाएगी, ऐसी आशा अकबरुद्दीन व्यक्त की है। पाकिस्तान केवल भारत में ही नहीं तो अफगानिस्तान में भी आतंकवाद फैला रहा है, ऐसा अकबरुद्दीन ने इस निमित्त से दूसरे शब्दों में प्रस्तुत किया है।

पाकिस्तान की नवनियुक्त नई सरकार अलग धारणा का स्वीकार करेगी, ऐसी अपेक्षा व्यक्त करके अकबरुद्दीन ने पाकिस्तान को टिप्पणी लगाई है। दौरान पाकिस्तान की नई सरकार सत्ता पर आने के बाद संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में दोनों देशों में हुई यह पहली राजनीतिक मुठभेड़ है। पाकिस्तान की नई सरकार कश्मीर के बारे में आक्रामक धारणा स्वीकारने के संकेत मिल रहे हैं और पाकिस्तान के मानवाधिकार मंत्री सिरीन मझारी ने कश्मीर प्रश्न सुलझाने के लिए प्रस्ताव तैयार करने की खबरें आ रही है। पर उसे भारत से बिल्कुल प्रतिक्रिया नहीं मिल रही। फिर भी कश्मीर प्रश्न पर समझौते के लिए तैयारी दिखाकर पाकिस्तान की सरकार भारत पर दबाव बनाने की तैयारी में होने की बात इस निमित्त से उजागर हो रही है।

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