कनाड़ा में भारत का ‘मोस्ट वॉन्टेड’ आतंकवादी मारा गया

नई दिल्ली – ‘खलिस्तान टाइगर फोर्स’ (केटीएफ) का प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर को कनाड़ा में गोलियों से मार दिया गया। निज्जर को भारत ने ‘मोस्ट वॉन्टेड टेररिस्ट’ घोषित किया था और उसके सिर पर दस लाख रुपयों का इनाम भी रखा था। कुछ महीन पहले लंदन में स्थित भारतीय उच्चायोग पर लगा राष्ट्रध्वज हटाकर भारत का अपमान करने की योजना निज्जर और उसका साथी अवतार सिंह खांड़ा ने बनाई थी। दो दिन पहले ही खांडा की मौत हुई थी और अब निज्जर भी मारा गया है। इस तरह से देश के शत्रुओं को सीधे निपटाया जा रहा है, यह बड़ी संतोष की बात होने का बयान भारतीय विश्लेषक कर रहे हैं। 

‘मोस्ट वॉन्टेड’निज्जर ने ‘केटीएफ’ पर कब्ज़ा किया था और वह भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए तैयार लोगों को हथियार चलाने का प्रशिक्षण दे रहा था। कनाड़ा के ब्रिटिश कोलंबिया स्थित मिशन सिटी के पहाड़ी इलाके में निज्जर उन्हें यह प्रशिक्षण देने में लगा होने की बात स्पष्ट हुई थी। भारत ने मोस्ट वॉन्टेड घोषित किया हुआ आतंकवाद कनाड़ा में ऐसी गतिविधियां करने में जुटा होने के बावजूद कनाड़ा की सरकार ने उसके विरोध में कार्रवाई करना टाल दिया था। वर्ष २०१६ में निज्जर के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटीस जारी की थी। वर्ष २०१८ में कनाड़ा की पुलिस ने निज्जर को नज़रकैद किया था, लेकिन, बाद में उसे रिहा किया गया।

इसी बीच, निज्जर के मारे जाने से भारतीय विश्लेषक संतोष व्यक्त कर रहे हैं। एक महीने के भीतर ‘आईएसआई’ के समर्थन पर खड़े खलिस्तानी अलगाववादी और नशिलें पदार्थो के व्यापार में जुड़े उसके हस्तक विदेशों में मार जा रहे हैं। पिछले हफ्तेर अवतार सिंह खांड़ा की दिल के दौरे से मौत हुई। वह कैन्सर की चपेट में था, ऐसी जानकारी भी सामने आ रही है। इसी बीच पाकिस्तान के लाहोर शहर में परममजित सिंह पंजवार की गोली मारकर हत्या की गई थी। मई महीने में हैपी हैपी नामक कुख्यात नशीले पदार्थों का व्यापार करने वाला आईएसआई का हस्तक   गोलीबारी में मारा गया था।

इस सभी घटनाओं के लिए भारत का हाथ होगा, ऐसी आशंका पाकिस्तानी माध्यमों ने व्यक्त की थी। लेकिन, इसकी पुष्टि किसी ने भी नहीं की है। आपसी बैर भावना से इन अलगाववादी मारे गए होंगे, ऐसा भारत के पूर्व सेना अधिकारी कह रहे हैं।

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