चीन की सेंट्रल बैंक ने किया ब्याज दर कटौती का निर्णय आर्थिक स्थिति चिंताजनक होने का दर्शक – विश्लेषक एवं निवेशकों का दावा

बीजिंग – चीन की सेंट्रल बैंक ने मंगलवार को ब्याज दर कटौती का निर्णय किया। इसके अनुसार अल्प समय (७ दिन) के लिए आवश्यक कर्ज का दर दो प्रतिशत से १.९ प्रतिशत किया है। ‘रिवर्स रेपो रेट’ में की गई कटौती बैंकिंग व्यवस्था में अधिक निधी उपलब्ध करने के साथ छोटे समय के लिए मुहैया किया जा रहा कर्ज सस्ता करेगी, ऐसा विशेषज्ञों ने कहा हैं। लेकिन, लगभग १० महीनों के दौरान पहली बार किया गया ब्याज दर कटौती का यह निर्णय देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति चिंताजनक होने का दर्शक हैं, ऐसा इशारा विश्लेषक और निवेशकों ने दिया है। कुछ दिन पहले ही चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने देश के प्रमुख बैंकों को ब्याज दर कम करने की सूचना की थी। 

ब्याज दर कटौतीकोरोना की महामारी के दौरान कम्युनिस्ट हुकूमत ने थोपे सख्त प्रतिबंधों की वजह से चीन की अर्थव्यवस्था मुश्किलों में फंसने की बात स्पष्ट हुई थी। विश्व की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था संकट में फंसने की गूंज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुनाई पड़ी थी। पश्चिमी देशों के साथ अफ्रीकी एवं लैटिन अमरीका के कई देशों को आर्थिक समस्याओं का मुकाबला देना पड़ा था। वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी से घिरने का अनुमान भी जताई गई थी।

पिछले वर्ष के अन्त में चीन ने कोरोना के दौर में लगाए प्रतिबंध हटाने का निर्णय किया था। इसके बाद चीन की अर्थव्यवस्था ने गति प्राप्त करना शुरू किया। प्रतिबंध हटाने के बाद चीन की अर्थव्यवस्था उछाल लेगी और वैश्विक व्यवस्था सामान्य स्तर पर आने की प्रक्रिया शुरू होगी, यह विचार कई वित्तसंस्था और आर्थिक विशेषज्ञों ने व्यक्त किया था। लेकिन, इस वर्ष की पहली तिमाही के बाद चीन की अर्थव्यवस्था ने फिर से गोते लगाना शुरू करने की बात दिख रही है। पिछले दो महीनों में देश की अंदरुनि मांग और घरों की खरीद, खुदरा बिक्री, उत्पाद, आयात-निर्यात, निजी निवेश जैसे सभी क्षेत्रों का प्रदर्शन निराश कर रहा है।

चीन की हुकूमत इसे सार्वजनिक स्तर पर कबुल करने के लिए तैयार नहीं हैं, फिर भी अर्थव्यवस्था को सामान्य स्तर पर पहुंचाने के लिए ज़रूरी प्रावधान करना शुरू किया है। पिछले हफ्ते शीर्ष बैंकों को ब्याज दर कम करने के लिए जारी की हुई सूचना और अब सेंट्रल बैंक ने ‘रिवर्स रेपो’ दर मे की हुई कटौती इसी के दर्शक हैं। अगले हफ्ते चीन की हुकूमत अतिरिक्त आर्थिक सहायता का ऐलान कर सकती है, ऐसे संकेत कुछ माध्यमों ने दिए हैं। वहीं, कुछ विश्लेषकों ने आगे के समय में चीन की अर्थव्यव्यस्था अधिक बड़े झटके लगते देखें जाएंगे, ऐसी चेतावनी दी है। 

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