‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ ने युद्ध तैयारी गतिमान की है – रक्षा विभाग के प्रवक्ता की चेतावनी

बीजिंग/वॉशिंग्टन/ताइपे – अमरीका से खरीदे हथियारों के बलबुते पर ताइवान को चीन से अलग रखने की इरादों को नाकाम किया जाएगा और इसके लिए चीन के ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ ने अपनी युद्ध तैयारी गतिमान की है, ऐसी कड़ी चेतावनी रक्षा विभाग के प्रवक्ता कर्नल तान केफेई ने दी। चीन की शासक कम्युनिस्ट हुकूमत ताइवान की आज़ादी का अभियान कुचल देगी, यह इशारा भी कर्नल केफेई ने दिया। कुछ ही दिन पहले अमरीका के बायडेन प्रशासन ने ताइवान को ५० करोड़ डॉलर्स की शस्त्र सहायता प्रदान करने का ऐलान करके इसकी प्रक्रिया ‘फास्ट ट्रैक’ करने का ऐलान भी किया था। इसपर चीन का यह बयान आता दिख रहा है। 

‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर ताइवान के समुद्री क्षेत्र का तनाव लगातार बढ़ता दिख रहा है। इसके लिए चीन के ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ लगातार आयोजित कर रहे युद्धाभ्यास एवं ताइवान की सीमा में बार बार कर रही घुसपैठ ज़िम्मेदार बने हैं। मार्च और अप्रैल के लगातार दो महीनों में चीन की सेना ने ताइवान की समुद्री सीमा के करीब व्यापक युद्धाभ्यास का आयोजन किया था। 

मार्च महीने में चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने ताइवान की खाड़ी में अबतक के सबसे बड़े युद्धाभ्यास का आयोजन किया था। लगातार तीन दिन चले इस युद्धाभ्यास में चीन के लड़ाकू विमान, विध्वंसकों ने ताइवान की ‘मिडियल लाईन’ को पार किया था। चीन के इस युद्धाभ्यास की अमरीका और मित्रदेशों ने आलोचना भी की थी। लेकिन, इसकी बिल्कुल भी परवाह किए बिना चीन ने अप्रैल के आखरी हफ्ते में ताइवान की हवाई और समुद्री सुरक्षा को फिर से चुनौती दी।

चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के ३८ लड़ाकू और बॉम्बर विमान एवं ६ विध्वंसकों ने ताइवान की खाड़ी के करीब से यात्रा की थी। इनमें से कुछ विमानों ने ताइवान पर उड़ान भरी। चीन के इस हवाई गश्ती में ‘टीबी-००१ बॉम्बर ड्रोन’ भी शामिल थे। इस ड्रोन ने ताइवान और फिलीपीन्स को विभाजित कर रहे बाशी की खाड़ी पार करके गश्त लगाई थी। चीन की इन हरकतों के जवाब में अमरीका के पोसायडन विमान ने भी इस बीच ताइवान की हवाई सीमा के करीब गश्त लगाई थी। इन घटनाओं से तनाव बढ़ा था और इसी दौरान अमरीका ने ताइवान को शस्त्र सहायता प्रदान करने का ऐलान किया। 

ताइवान को ५० करोड़ डॉलर्स से हथियार शीघ्रता से प्रदान होंगे और इनमें मिसाइल यंत्रणा एवं ड्रोन्स का भी समावेश हो सकता हैं। ताइवान ने अमरीका से ‘एफ-१६ व्ही’ लड़ाकू विमानों की मांग की हैं और अमरीका इसपर भी सकारात्मक निर्णय करेगी, ऐसे संकेत ‘पेंटॅगॉन’ के सुत्रों ने दिए हैं। अमरीका की घोषित इस नई शस्त्र सहायता के कारण चीन काफी गुस्सा हुआ हैं ऐसे में ताइवान और अमरीका को धमकाता दिख रहा है।

पिछले महीने चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने सेना को प्रत्यक्ष युद्ध के लिए तैयार रहने के आदेश दिए थे। पीपल्स लिबरेशन आर्मी के सदर्न थिएटर कमांड चीन का सार्वभूम क्षेत्र और समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आवश्यक तैयारी रखे, ऐसी सूचना राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने दी थी। इस सूचना की पृष्ठभूमि पर ताइवान संबंधित संवेदनशील चीन कभी भी, 2025 से पहले ही हमला कर सकता है और इस वजह से अमरीका-चीन युद्ध शुरू हो सकता है, ऐसी चेतावनी चीन विषय से जुड़े विश्लेषक गॉर्डन चैंग ने दी थी। 

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