यूक्रेन की सेना का भारी नुकसान हुआ है – रशिया के राजनीतिक अधिकारी का दावा

न्यूयॉर्क – रशिया के साथ युद्ध के दौरान यूक्रेन की सेना का भारी नुकसान हो रहा है। इसी कारण महज तीन दिनों के प्रशिक्षण के साथ युवकों को रशियन सेना से लड़ने के लिए यूक्रेन मज़बूर है। हम रशिया विरोधी युद्ध जीत सकते हैं, ऐसा वादा यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष ज़ेलेन्स्की ने पश्चिमी देशों से किया था। इसकी वजह से यह युद्ध उनके लिए प्रतिष्ठा का मुद्दा बना हुआ है। इसके लिए हज़ारों यूक्रेनी मर रहे हैं और यूक्रेन के लिए स्थिति काफी ड़रावनी बनी हुई है, ऐसा बयान संयुक्त राष्ट्र संघ में नियुक्त रशिया के उप-राजदूत दिमित्री पोलान्स्की ने किया है।

अमरिकी पत्रकार को दिए साक्षात्कार के दौरान उप-राजदूत पोलान्स्की ने मौजूदा दौर में यूक्रेन की सेना की स्थिति बहुर बिगडने का दावा किया। यूक्रेन हार की कगार की ओर बढ़ रहा है और राष्ट्राध्यक्ष ज़ेलेन्स्की अपनी ही ड़िंगों के जाल में फंसे हुए हैं। हमारा देश रशिया को पराजित कर सकता है, ऐसा आश्वासन ज़ेलेन्स्की ने पश्चिमियों को दिया है। लेकिन, इसकी बहुत बड़ी कीमत यूक्रेन की जनता चुका रही है। मात्र तीन दिनों के प्रशिक्षण के बाद युवकों को युद्ध में भेजने के लिए यूक्रेन मज़बूर है। इस युद्ध में यूक्रेन की सेना को रसद और अन्य सामान की आपूर्ति करने वाले आर्चोमोव्‌‍स्क जैसे अहम प्रांत का करीबी हिस्सा रशियन सेना से जुड़े ‘वैग्नर ग्रूप’ के कब्ज़े में है। इसकी वजह से यूक्रेन के सैनिक वहां पर रशिया के घेरे में फंसे हुए हैं और यह यूक्रेनी सेना के लिए बड़ी गंभीर बात है, ऐसा इशारा पोलान्स्की ने दिया।

यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष ज़ेलेन्स्की पश्चिमियों के हाथों की कठपुतली होने का बयान करके उन्हीं की वजह से यह युद्ध शुरू हुआ है, ऐसा आरोप रशिया ने पहले भी लगाया था। साथ ही पश्चिमी माध्यम इस युद्ध में यूक्रेन की जीत के फिजूल दावे कर रहे हैं, ऐसा कहकर यह एक प्रचार युद्ध का हिस्सा होने की बात रशिया ने कही थी। लेकिन, यूक्रेन युद्ध का एक वर्ष पूरा होने के बाद स्थिति पूरी तरह से बदल चुकी है और यूक्रेन की सेना को इस युद्ध में बड़ा नुकसान सहना पड़ रहा है, यह भी स्पष्ट हुआ है। अमरीका और नाटो ने प्रदान किए हुए हथियार भी यूक्रेनी सेना को बचा नहीं पाए हैं। इसलिए अमरीका और नाटो के सदस्य देश हमें लड़ाकू विमानों की आपूर्ति करें, ऐसी मांग यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष ने की है। लेकिन, यह मांग पूरी करना मुमकिन नहीं है, ऐसे संकेत अमरीका और नाटो ने दिए हैं। साथ ही अमरिकी माध्यम इस युद्ध में यूक्रेन की स्थिति बिगडने की बात स्वीकार कर रहे हैं। लेकिन, ऐसी स्थिति में यह युद्ध रोकने के बजाय अमरीका और नाटो यूक्रेन को अधिक सैन्य सहायता प्रदान करें, ऐसी मांग अमरीका में मौजूद कड़े रशिया विरोधी कर रहे हैं।

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