अफ़गानिस्तान संबंधित परिषद के अवसर पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोवल की रशियन राष्ट्राध्यक्ष से चर्चा

मास्को – रशिया ने अफ़गानिस्तान से संबंधित आयोजित की हुई बैठक में शामिल होने पहुंचे भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल ने रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। इस दौरान द्विपक्षीय एवं क्षेत्रिय मुद्दे पर चर्चा होने की बात कही जा रही है। इस चर्चा में अफ़गानिस्तान में भारत और रशिया की रणनीतिक भागीदारी आगे भी कायम रखने का निर्णय दोनों देशों ने करने की जानकारी विदेश मंत्रालय ने प्रदान की। साथ ही अफ़गानिस्तान की भूमि का इस्तेमाल करके दूसरे देशों में आतंकवाद की निर्यात करने का अनुज्ञापत्र किसी को भी नहीं दिया जा सकता, ऐसा इशारा डोवल ने इस अफ़गानिस्तान से संबंधित बैठक में दिया। सीधे ज़िक्र किए बिना राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार इस बयान के ज़रिये पाकिस्तान को लक्ष्य करते दिखाई दे रहे है।

भारत के साथ ईरान, कझाकस्तान, किरघिझिस्तान, ताज़िकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उझबेकिस्तान और चीन इन देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रशिया ने आयोजित किए अफ़गानिस्तान संबंधित बैठक में शामिल हुए थे। इसमें पाकिस्तान का समावेश नहीं था, यह ध्यान आकर्षित कर रहा है। इससे पहले साल २०२१ में भारत के नई दिल्ली में और साल २०२२ में ताजिकिस्तान के दुशांबे में अफ़गानिस्तान संबंधित बैठक का आयोजन हुआ था। रशिया में आयोजित इस बैठक में अफ़गानिस्तान की स्थिति पर गहरी चर्चा हुई। इस के बाहरी देश अफ़गानिस्तान पर प्रभाव बनाने की गतिविधियां कर रहे हैं। इशके लिए यह देश आतंकवाद विरोधी कार्रवाई की वजह बता रहे हैं। लेकिन, इस दिशा में इन देशों का काम शुरू नहीं है, ऐसी चिंता रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने इस दौरान व्यक्त की। तथा, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने अफ़गानिस्तान में सक्रीय आतंकवादी संगठनों को हराने की आवश्यकता का अहसास कराया।

आयएस, लश्कर ए तोयबा, जैश ए मोहम्मद जैसी आतंकवादी संगठनों के विरोध में खुफिया जानकारी और रक्षा संबंधित सहयोग करना सभी देशों की सुरक्षा संगठनों के लिए आवश्यक होने का बयान अजित डोवल ने इस दौरान किया। संयुक्त राष्ट्रसंघ ने आतंकवादी घोषित किए संगठनों को अफ़गानिस्तान में पनाह नहीं मिलनी चाहिये और अफ़गानिस्तान की भूमि का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने के लिए नहीं होना चाहिये, ऐसी उम्मीद भी डोवल ने इस अवसर पर जताई।

इसके साथ ही अफ़गानिस्तान की खनिज संपत्ती और नैसर्गिक स्रोत की लूट करने की मंशा रखने वाले चीन को भी डोवल ने फटकार लगाई। अफ़गानिस्तान की खनिज संपत्ति और स्रोत पर पहा अधिकार अफ़गान जनता का ही रहे, ऐसा डोवल ने कहा। साथ ही संकट के समय में भारत अफ़गान जनता के पीछे ड़टकर खड़ा ह ैं और भारत अफ़गान जनता को कभी भी बेसहारा नहीं छोड़ेगा, ऐसा डोवल ने कहा। पिछले डेढ़ सालों में भारत ने अफ़गानिस्तान को ४० हज़ार मेट्रिक टन गेंहू, ६० टन दवाईयां, पांच लाख कोरोना टीके, ठंड़ के लिए २८ टन गरम कपड़े एवं अन्य मानवीय सहायता प्रदान की है, ऐसी जानकारी भी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने साझा की।

इसी बीच, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल ने कुछ दिन पहले ही अमरीका का दौरा किया था। भारत और अमरीका की ‘इनिशिएटिव ऑन क्रिटिकल ॲण्ड इमर्जिंग टेक्नॉलॉजीज्‌‍’ (आईसीईटी) परिषद के लिए डोवल अमरीका पहुँचे थे। इस दौरान उन्होंने अमरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन, रक्षा मंत्री लॉईड ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन से चर्चा की थी। भारत एक ही समय पर अमरीका और रशिया के संबंधों में संतुलन बनाए रखने की कोशिश में होने की बात डोवल के अमरीका और रशिया दौरे से सामने आ रही है।

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