‘एसबीआय’ में छह बैंकों का विलयन; दुनिया के ५० बड़े बैंकों में नाम शामिल

नई दिल्ली, दि. १ : ‘स्टेट बैंक ऑफ इंडिया’ (एसबीआय) में पाँच संलग्न बैंकों के साथ साथ ‘भारतीय महिला बैंक’ के विलयन की प्रक्रिया शनिवार से शुरू हो गई| इस विलयन की वजह से ‘स्टेट बैंक ऑफ इंडिया’ का समावेश दुनिया के सबसे बड़े ५० बैंकों में होनेवाला है| देश के सरकारी बैंकों की संख्या कम करके आठ से दस बड़े बैंकों तक मर्यादित रखने की सरकार की नीति के तहत यह महत्वपूर्ण पड़ाव माना जाता है| इस विलयन की वजह से कुछ बैंकों की शाखाएँ दूसरी जगह पर पुनर्स्थापित की जायेंगी| इसके कारण स्टेट बैंक का दूरदराज़ तक फ़ैलाव होगा और ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों तक इस बैंक की सेवा पहुँचेगी, ऐसा दावा किया जाता है|

‘एसबीआय’फरवरी महीने में केंद्रीय मंत्रीमंडल ने, ‘एसबीआय’ में छह बैंकों के विलयन की प्रक्रिया को मंज़ुरी दी थी| इसके तहत ‘स्टेट बैंक ऑफ बिकानेर ऍण्ड जयपुर’ (एसबीबीजे), ‘स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद’ (एसबीएच), ‘स्टेट बैंक ऑफ मैसूर’ (एसबीएम), ‘स्टेट बैंक ऑफ पटियाला’ (एसबीपी) और ‘स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर’ (एसबीटी) इन पाँच संलग्न बैंकों की ‘एसबीआय’ में विलयन प्रक्रिया शनिवार से शुरू हो गई| इसके अलावा ‘भारतीय महिला बैंक’ का भी एसबीआय में विलयन हुआ है| देश के बैकिंग क्षेत्र की महत्त्वपूर्ण घटना बतौर इसे देखा जा रहा है|

देश में सरकारी बैंकों की संख्या २७ थी| इसमें १९ बैंक राष्ट्रीयकृत बैंक हैं; वहीं, ६ बैंक एसबीआय से संलग्न बैंक थे| इसके साथ ही, आयडीबीआय और भारतीय महिला बैंक का अन्य सरकारी महिला बैंकों में समावेश होता है| इसके अलावा ९३ निजी बैंक देश में कार्यरत हैं| लेकिन सरकारी बैंक का विलयन करके उनकी तादाद २७ से कम करके ८ या १० तक नीचे लाने की नीति कुछ साल पहले प्लान की गई थी|

बड़े बैंकों की वजह से कार्यप्रणाली में ज्यादा सुसूत्रता आयेगी। साथ ही, बड़े बैंकों में छोटे बैंकों का विलीनिकरण होने के कारण, बड़े बैंकों के पास के तकनीक और नेटवर्क का लाभ अन्य छोटे बैंकों के ग्राहकों तक पहुँचेगा| इस वजह से खर्च भी कम होगा, बैंक की कार्यक्षमता बढ़ेगी और मुनाफ़े में वृद्धि होगी, ऐसा कहा जाता है| विलयन के बाद पहले साल में खर्चा कम होने से हजार करोड़ रुपये की बचत होगी, ऐसा दावा किया जाता है| इसके अलावा बैंकों मे कर्जा देने के लिये और निधि इकट्ठा करने के लिए जिस प्रकार की प्रतिस्पर्धा चलती थी, वह भी कम होगी ऐसा कहा जाता है|

विलिनिकरण हुए बैंकों की पूरी मालमत्ता एसबीआय को हस्तांतरित होने के कारण ‘एसबीआय’ का हिस्सा बढ़कर ३७ लाख करोड़ होने वाला है| इसके कारण ‘एसबीआय’ का समावेश दुनिया के ५० बड़े बैंकों में होगा| यह बात भी देश के बैंकिग क्षेत्र के लिये गर्व की बात है| इस विलयन के साथ इन बैंकों के ग्राहक और कर्मचारी भी ‘एसबीआय’ में हस्तांतरित होने के कारण, ‘एसबीआय’ के खातेदारों की संख्या ३७ करोड़ तक पहुँचेगी| साथ ही, ‘एसबीआय’ के कार्यालयों की संख्या २४ हज़ार और एटीएम की ५९ हज़ार तक पहुँचनेवाली है|

‘एसबीआय में विलयन हुए ‘एसबीबीजे’, ‘एसबीएच’, ‘एसबीएम’, ‘एसबीपी’, ‘एसबीटी’ और महिला बैंक के ग्राहकों को इस कारण चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं| उनके खाते में किसी भी प्रकार का बदलाव होनेवाला नहीं है’ ऐसा यक़ीन ‘एसबीआय’ ने दिलाया है| इससे पहले २००८ में ‘स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र’ और २०१० में ‘स्टेट बैंक ऑफ इंदौर’ का ‘एसबीआय’ में विलीनिकरण हुआ था|

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