भारत की पाबंदी के कारण ‘टिकटॉक’ का ४५ हज़ार करोड़ का नुकसान – प्रधानमंत्री मोदी का ‘ॲप इनोव्हेशन चॅलेंज’

नई दिल्ली – गलवान में चीन के विश्वासघात के बाद भारत ने चिनी अ‍ॅप्स पर लगाई पाबंदी का बड़ा आर्थिक झटका ये अ‍ॅप्स चलानेवालीं चिनी कंपनियों को लगा है। अकेली ‘टिकटॉक’ चलानेवाली ‘बाईटडान्स’ कंपनी को ही ४५००० करोड़ रुपयों (६ अरब डॉलर्स) का नुकसान उठाना पड़ेगा, ऐसा अनुमान है। वहीं, इतना ही नुकसान चीन की अन्य अ‍ॅप्स कंपनियों को मिलाकर होनेवाला है। यह दावा चीन के ही माध्यमों ने किया है। चीन की कंपनियों को भारत की पाबंदी के कारण हुए प्रचंड नुकसान की ख़बर सामने आ रही है कि तभी प्रधानमंत्री मोदी ने ‘ॲप इनोव्हेशन चॅलेंज’ लॉन्च किया है।

भारत ने कुल ५९ चिनी अ‍ॅप्स पर पाबंदी लगाई है। इनमें टिकटॉक और हॅलो समेत यूसी ब्राउजर, कॅमस्कॅनर, शेअरइट, विचॅट तथा अन्य विख्यात अ‍ॅप्स का समावेश है। इन सभी चिनी अ‍ॅप्स के युजर्स भारत में ही सर्वाधिक हैं। देश में स्मार्ट फोन क इस्तेमाल करनेवालों के पास २०० अ‍ॅप्स में से ३८ प्रतिशत चिनी अ‍ॅप्स हैं। चीन की ‘बाईटडान्स’ कंपनी के ‘टिकटॉक’, ‘हॅलो’ और वीगो अ‍ॅप्स भी भारत में लोकप्रिय बने थे। लेकिन भारत की पाबंदी के बाद इन अ‍ॅप्स ने अपना युजर बेस खोया होकर, दुनियाभर में विस्तार करने की योजना को भी झटका लगा है।

‘बाईटडान्स’ इस चिनी कंपनी को अकेले ‘टिकटॉक’ पर लगाई पाबंदी के कारण ४५ हज़ार करोड़ का नुकसान होने का अनुमान है। ‘काईशिन ग्लोबल’ इस चिनी माध्यमसंस्था ने अपनी वेबसाईट् पर ‘बाईटडान्स’ कंपनी के एक मॅनेजर के हवाले से यह दावा किया है। साथ ही, भारत ने पाबंदी लगाए अन्य चिनी अ‍ॅप्स कंपनियों को भी करोड़ों का झटका लगा है। लेकिन इन अ‍ॅप्स कंपनियों का जितना नुकसान होने की संभावना है, उनके कुल मिलाकर होनेवाले नुकसान से भी अधिक नुकसान ‘बाईटडान्स’ को सहना पड़नेवाला है, ऐसा भी इस वेबसाईट ने किये दावे में कहा गया है।

कुछ दिन पहले भारत में चिनी उत्पादों पर तथा चिनी अ‍ॅप्स पर पाबंदी लगाने की मुहिम की, चीन की सरकार का मुखपत्र होनेवाले ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने आलोचना की थी। इन चिनी उत्पादों पर पाबंदी लगाने से भारत का ही नुकसान होगा, ऐसा दावा ग्लोबल टाइम्स ने किया था। लेकिन वास्तव में भारत की आक्रमक भूमिका के कारण इस बार चीन के पैरों तले की ज़मीन खिसक गयी होकर, भारत द्वारा आर्थिक स्तर पर मिलनेवाले प्रत्युत्तर से चीन को बड़े झटके लग रहे हैं, ऐसा विश्लेषकों का कहना है।

इसी बीच, प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को ‘ॲप इनोव्हेशन चॅलेंज’ लॉन्च किया। चिनी अ‍ॅप्स पर लगाई पाबंदी के बाद, ‘मेड इन इंडिया’ अ‍ॅप्स को बढ़ावा देने के लिए, युवाओं को ऐसे अ‍ॅप्स बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए यह चॅलेंज दिया गया है। ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत प्रधानमंत्री ने यह ॲप चॅलेंज लॉन्च किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.