पूर्वोत्तर राज्यों का विकास ‘अ‍ॅक्ट ईस्ट’ नीति को मज़बूत करनेवाला – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली – पूर्वोत्तर राज्यों के मूलभूत सुविधाओं में बढ़ोतरी होने पर दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के साथ व्यापार, पर्यटन में बढ़ोतरी के साथ ‘अ‍ॅक्ट ईस्ट’ नीति अधिक मज़बूत होगी, ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘व्हिडीओ कॉन्फरन्सिंग’ के माध्यम से मणिपूर जल आपूर्ति परियोजना की नींव रखी। इस समय बोलते हुए पूर्वोत्तर भारत की मुलभूत सुविधाओं के विकास का महत्त्व उन्होंने रेखांकित किया।

‘अ‍ॅक्ट ईस्ट'

गुरुवार के दिन प्रधानमंत्री के हाथों मणिपूर जल आपूर्ति परियोजना की नींव रखी गई। तीन हज़ार करोड़ रुपये खर्च कर कार्यान्वित होनेवाली इस परियोजना के कारण राज्यों में पीने के पानी की समस्या कम होगी। इंफाल के अलावा राज्यों के २५ छोटे शहर तथा १७०० गाँवों को इस योजना का लाभ मिलनेवाला है। आनेवाले दो दशकों की जरुरतों को मद्देनज़र रखते हुए इस योजना को तैयार किया गया है। इस योजना से लाखो नागरिकों के घर में पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध होगी तथा हज़ारो लोगों को रोज़गार भी मिलेगा ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा।

‘अ‍ॅक्ट ईस्ट पॉलिसी’ अंतर्गत भारत दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के साथ सहयोग बढ़ाने का प्रयास कर रहा होकर, अगर पूर्वोत्तर राज्यों का विकास होता है, तो भारत के इन प्रयासों को मदद मिलेगी, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा। मूलभूत सुविधाओं में बढ़ोतरी होने पर पूर्वोत्तर राज्य व्यापार, पर्यटन के लिये प्रवेश द्वार साबित होंगे। पिछले छह वर्षों में पूर्वोत्तर राज्यों में मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिये हज़ारो करोड़ रुपयों का निवेश किया गया है। रास्ते, महामार्ग, वायुमार्ग, जलमार्ग और आय-वे इनके साथ गॅस पाईपलाईन द्वारा इन इलाकों में आधुनिक मूलभूत सुविधा विकसित की जा रही है, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने रेखांकित किया।

रास्ते तथा रेल्वे को जोडने के अलावा पूर्वोत्तर हवाई संपर्क सेवा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। आज पूर्वोत्तर इलाकों में लगभग १३ हवाई अड़्डे होकर वे पूरी तरह से कार्यान्वित हैं। इंफाल हवाई अड्डे के साथ पूर्वोत्तर सभी मौजूदा हवाई अड्डों के आधुनिकीकरण के लिये ३ हज़ार करोड़ से ज़्यादा रुपये खर्च किये जा रहे हैं। पूर्वोत्‍तर राज्यों के साथ संपर्क बनाये रखने के लिए २० से ज़्यादा राष्ट्रीय जलमार्गों पर काम शुरू है, इस नात की प्रधानमंत्री मोदी ने याद दिलाई।

पूर्वोत्तर राज्य भारत की सांस्कृतिक विविधता का प्रतिनिधित्व करते हैं। यहाँ पर्यटन की अत्यधिक क्षमता है लेकिन उसका अभी तक पूरी तरह से उपयोग नहीं किया गया था। पूर्वोत्तर राज्य देश के विकास का इंजिन बनने चाहिये, ऐसा भी प्रधानमंत्री ने कहा। यहाँ के युवा तथा सामान्य नागरिक हिंसा का मार्ग छोड़कर प्रगति के मार्ग का स्वीकार कर रहे हैं। मणिपूर की कठिनाइयाँ दूर हो रही हैं। असम, त्रिपुरा और मिझोरम के नागरिकों ने भी हिंसा के मार्ग को छोड़ दिया है, इसपर प्रधानमंत्री ने सन्तोष व्यक्त किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published.