अफगानिस्तान में आत्मघाती हमले में तीन ढ़ेर

काबुल, (वृत्तसंस्था) –  अफगानिस्तान की राजधानी काबुलस्थित लष्करी अड्डे पर हुए आत्मघाती हमले में तीन लोग मारे गये हैं। अफगानिस्तान के रक्षामंत्री जनरल असादुल्लाह खलिया और अफगाणिस्तान में अमरीका के जनरल स्कॉट मिलर ने इस हमले के एक दिन पहले इस अड्डे की भेंट की थी। इस कारण इस हमले की गंभीरता कई गुना बढ़ी है। यह हमला तालिबान ने कराया होगा, ऐसा गहरा शक़ व्यक्त किया जा रहा है। क्या यह हमला हमारे सदस्यों ने किया है, इसकी तालिबान द्वारा जाँच की जायेगी, ऐसी चमत्कारिक प्रतिक्रिया तालिबान ने दी है।

बुधवार को काबुल के चार असीब ज़िले में स्थित यह अड्डा तालिबानी आतंकियों के निशाने पर था। यहाँ भयंकर जीवितहानि कराने की आतंकियों की साज़िश थी। लेकिन इसमें उन्हें बहुत बड़ी क़ामयाबी नहीं मिल पाई। इस हमले में तीन लोग मारे गये हैं। इसके एक दिन पहले ही अफगानिस्तान के रक्षामंत्री और अफगाणिस्तान में अमरिकी लष्कर के कमांडर जनरल स्कॉट मिलर ने इस अड्डे की भेंट की थी। इस कारण इस हमले की गंभीरता बढ़ी होकर, यह हमला कराके तालिबान ने शक्तिप्रदर्शन किया होने की चर्चा अफगानिस्तान में शुरू है।

तालिबान ने ठेंठ इस हमले की ज़िम्मेदारी का स्वीकार नहीं किया है। यह हमला हमारे सदस्यों ने किया या अन्य किसीने, इसकी जाँच तालिबान करेगा, ऐसा इस संगठन का प्रवक्ता झबिहुल्लाह मुजाहिद ने कहा है। लेकिन यह हमला तालिबान ने  कराया, इसपर अफगानिस्तान की सुरक्षा यंत्रणा अड़िग है ऐसा दिखायी दे रहा है। गत कुछ हफ़्तों से अफगानिस्तान के लगभग चौदह प्रांतों में अफगानी सुरक्षा दलों के जवानों पर तालिबान द्वारा भीषण हमलों का सत्र शुरू हुआ है। इसमें सुरक्षा दल के डेढ़सौ जवान मारे गये हैं। साथ ही, तालिबान के कुछ आतंकियों का इसमें ख़ात्मा हुआ, ऐसा कहा जा रहा है। इस कारण, अमरीका और  तालिबान के बीच हुआ शांतिसमझौता लगभग ख़त्म ही हुआ होकर, आनेवाले समय में अफगानिस्तान में संघर्ष अधिक रक्तरंजित होगा, ऐसी चिंता जतायी जा रही है। तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता हथियाने की तैयारी की होकर, आनेवाले कुछ महीनों में ही तालिबान अफगानिस्तान की सत्ता में आ सकता है, ऐसे दावे पश्चिमी अख़बार करने लगे हैं।

अमरीका ने अफगानिस्तान के लिए नियुक्त किये विशेषदूत खल्मे झलिझदाद ने तालिबान को अफगानिस्तान में हमले रोकने का आवाहन किया था। लेकिन उसका कुछ ख़ास प्रभाव इस संगठन पर नहीं पड़ा है। ऐसी परिस्थिति में तालिबान के इस हमले पर अमरीका कौनसी भूमिका अपनाती है, इसपर विश्लेषकों की नज़र है। यदि तालिबान ने अमरीका के साथ किया शांतिसमझौता ख़त्म किया, तो अमरीका तालिबान पर भयंकर हमलें करेगी, ऐसी चेतावनी अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने शांतिसमझौते के बीच दी थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published.