‘एआई रिवोल्युशनरी’ के कारण २७ प्रतिशत कुशल श्रमिक नौकरी खो देंगे – ‘ओईसीडी’ की रपट की चेतावनी

पैरिस – ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ यानी ‘एआई’ के क्षेत्र में हो रही क्रांति के कारण २७ प्रतिशत कुशल श्रमिकों के सामने नौकरी खो देने का संकट खड़ा होगा, ऐसी चेतावनी ‘ओईसीडी’ की नई रपट में दी गई है। उत्पादन एवं वित्तीय क्षेत्र में आवश्यक विभिन्न १०० कुशलताओं में से कम से कम २५ कुशलता और क्षमताओं का स्थान ‘एआई’ पर आधारित प्रौद्योगिकी हासिल कर सकती है, इस मुद्दे को लेकर वर्णित रपट में आगाह किया गया है। कुछ दिन पहले ही एक ‘ई-कॉमर्स’ कंपनी ने अपने ९० प्रतिशत ‘सपोर्ट स्टाफ’ को नौकरी से हटाया और उनकी जगह पर ‘एआई चैटबोट’ का इस्तेमाल शुरू करने का ऐलान किया था।

पिछले कुछ सालों में ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ के इस्तेमाल को लेकर विभिन्न स्तर पर गंभीर चेतावनी दी जा रही हैं। कुछ दिन पहले ही ‘जनरेटिव एआई’ विकसित करने का हिस्सा रहे विशेषषज्ञ जॉर्फे हिन्टन ने यह चेतावनी दी है कि, इसका इस्तेमाल घातक प्रवृत्ति के लोग कर सकते हैं। विश्व के प्रमुख देशों के ‘जी ७’ गुट में भी ‘एआई’ के इस्तेमाल को लेकर पारदर्शिता एवं नियमों के मुद्दे पर अहम चर्चा होने की जानकारी सामने आयी थी। ‘एआई’ की वजह से विभिन्न क्षेत्र की नौकरियों पर हो रहे असर पर भी चिंता जताई जा रही है और ‘ओईसीडी’ की रपट इसी का हिस्सा है।

विश्व के ३८ देशों के ‘ऑर्गनाइजेशन फॉर इकॉनॉमिक को-ऑपरेशन ॲण्ड डेवलपमेंट’ (ओईसीडी) ने ‘एम्प्लॉइमेंट आउटलुक २०२३’ नामक रपट जारी की है। इसमें ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स ॲण्ड जॉब्स: एन अर्जंट नीड टू एक्ट’ नामक स्वतंत्र मुद्दे को भी इसका हिस्सा बनाया गया है। ‘ओईसीडी’ के सदस्य देशों के कार्यबल की आय में कटौती होने का दावा करके आगे के दौर में ‘एआई’ के असर का अहसास कराया गया है।

एत्पाद एवं वित्त इन दो क्षेत्रों को ‘एआई’ प्रौद्योगिकी के क्रांतिकारी बदलाव का सबसे अधिक खतरा होने का ज़िक्र करके इस मुद्दे पर विभिन्न देशों ने शीघ्रता से कार्रवाई करने की ज़रूरत जताई गई है। ‘ओईसीडी’ सदस्य देश ‘एआई’ के क्रांति की दहलीज पर हैं। इससे होने वाले बदलावों के कारण सदस्य देशों में चार में से एक कुशल श्रमिक पर नौकरी खोने का संकट टूट सकता है, ऐसी चेतावनी ‘ओईसीडी’ की रपट में दी गई है।

पिछले साल ‘ओईसीडी’ ने किए सर्वेक्षण के अनुसार अगले दशक में वित्त एवं उत्पाद क्षेत्र के श्रमिकों की नौकरी को सबसे अधिक खतरा होने की बात सामने आयी है। वित्त क्षेत्र के ६३ प्रतिशत और उत्पाद क्षेत्र के ५७ प्रतिशत श्रमिकों के सामने नौकरी खो देने का संकट होने का ड़र व्यक्त किया गया गै। ‘एआई’ प्रौद्योगिकी के कारण निर्माण होने वाली बेरोज़गारी पर गौर करके सरकारी स्तर पर ज़रूरी कार्य करने की सलाह इस रपट में दी गई है। कम वेतन प्राप्त कर रहे श्रमिकों की सुरक्षा की नीति अपनाना, कर्मचारियों के बुनियादी अधिकारों के लिए प्रावधान और ‘एआई’ प्रौद्योगिकी का प्रशिक्षण देने जैसे सुझाव यह रपट देती है।

मई महीने में प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख बहुराष्ट्रीय कंपनी ‘आईबीएम’ ने यह घोषित किया था कि, करीबी समय में कर्मचारियों का स्थान ‘एआई’ प्रौद्योगिकी हथिया लेगी। ‘आट्रिफिशल प्रौद्योगिकी और ‘ऑटोमेशन’ के इस्तेमाल से बैक ऑफिस के लगभग ३० प्रतिशत कर्मचारी कम होंगे, ऐसा कंपनी के प्रमुख एवं सीईओ अरविंद कृष्णा ने कहा था। इससे पहले गोल्डमन सैक्स कंपनी ने चेतावनी देकर यह कहा था कि, ‘एआई’ प्रौद्योगिकी के कारण ३० करोड़ लोग नौकरी खो सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.