युक्रेन के युद्ध के कारण जागतिक अर्थव्यवस्था को झटका लगकर सोने के दाम भड़केंगे – वित्तसंस्थाओं का निष्कर्ष

ukraine-war-global-economy-3पॅरिस/वॉशिंग्टन – रशिया-युक्रेन युद्ध के कारण जागतिक अर्थव्यवस्था को झटका लगेगा, ऐसी चेतावनी ‘ओईसीडी’ इस युरोपीय अभ्यासगुट ने दी है। इस युद्ध के कारण अनाज, इंधन तथा अन्य कच्चे माल की कीमतों में भारी वृद्धि हुई होकर महँगाई भड़की है। इसका असर अर्थव्यवस्था पर होगा, ऐसी चेतावनी युरोपीय अभ्यास गुट ने दी। इस कारण, पारंपरिक दृष्टि से सुरक्षित निवेश माने जानेवाले सोने की दरों में ज़बरदस्त बढ़ोतरी होगी और इस साल के अंत तक सोने के दाम 2500 डॉलर्स प्रति औंस तक पहुँचने का अनुमान ‘गोल्डमॅन सॅक्स’ इस वित्तसंस्था ने जताया है।

ukraine-war-global-economy-2रशिया ने युक्रेन पर किए हमले को तीन हफ्ते से अधिक समय बीता है। युद्ध जारी रहते समय ही अमरीका, युरोप तथा मित्र देशों ने रशियन अर्थव्यवस्था पर बड़े पैमाने पर प्रतिबंध लगाए हैं। युद्ध और पश्चिमी देशों ने लगाए प्रतिबंध, इसके बहुत बड़े परिणाम अन्तर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर दिखाई देने लगे हैं। रशिया यह इंधन, अनाज तथा खनिज क्षेत्र के अग्रसर उत्पादक देशों में से एक है। वहीं, रशिया और युक्रेन इन देशों का एकत्रित उल्लेख दुनिया का ‘ब्रेडबास्केट’ ऐसा किया जाता है। गेहूं, दलहन, कॉर्न, सूरजमुखी इनके उत्पादन में ये देश अग्रसर हैं। इन सारे घटकों के दामों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हो रही है और जागतिक शेयर मार्केट में भारी गिरावट शुरू हुई है।

ukraine-war-global-economy-1सन 2022 की शुरुआत के बाद महज तीन महीनों की अवधि में सोने के दामों में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके पीछे ‘गोल्ड ईटीएफ’ में होनेवाली बढ़ोतरी, कोरोना के बाद बढ़ी हुई सोने की माँग तथा मध्यवर्ती बैंकों से हुई खरीद इन जैसे घटक कारण बने हैं। युद्ध की पृष्ठभूमि पर ‘गोल्ड ईटीएफ’ में बढ़ोतरी कायम होकर दरवृद्धि के लिए यह एक प्रमुख घटक साबित होगा, ऐसा ‘गोल्डमन सॅक्स’ इस वित्तसंस्था ने कहा है। अमरीका में बढ़ती महँगाई, फेडरल रिज़र्व्ह से होनेवाला ऐलान ये घटक भी सोने की दरवृद्धि का कारण बनेंगे, ऐसा दावा अमरिकी वित्तसंस्था ने किया।

कुछ दिन पहले सोने के दामों ने प्रति औंस 2000 डॉलर्स का पड़ाव पार किया था। फिलहाल ये दाम दो हज़ार डॉलर्स के नीचे आए हैं, फिर भी उसमें उल्लेखनीय वृद्धि अपेक्षित है, इस पर ‘गोल्डमन सॅक्स’ के विश्लेषकों ने गौर फ़रमाया। इस साल के अंत तक सोने के दाम ढ़ाई हज़ार डॉलर्स प्रति औंस तक पहुँचेंगे, ऐसा अनुमान इस अमरिकी वित्त संस्था के विश्लेषकों ने जताया है।

सोने के दामों के साथ ही अनाज, धातु और अन्य कच्चे माल के दामों में भी भारी वृद्धि हो रही है। इस बुद्धि के कारण विभिन्न देशों में महंगाई भड़की होकर, उसका असर अर्थव्यवस्था पर होने की शुरुआत हुई है। युद्ध के कारण जागतिक सप्लाई चैन भी तहस-नहस हुई है। उसकी गूंजे अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में सुनाई देने लगी हैं। ये सारे घटक जागतिक अर्थव्यवस्था की गति धीमी होने का कारण बनेंगे, ऐसा अनुमान ‘ओईसीडी’ इस युरोपीय गुट ने जताया है। जागतिक अर्थव्यवस्था की ‘जीडीपी’ में 1.08 की गिरावट आएगी, ऐसा इस गुट ने अपनी रिपोर्ट में जताया। कुछ दिन पहले अमरिकी विशेषज्ञ तथा विश्लेषकों ने भी रशिया-युक्रेन युद्ध के कारण आर्थिक मंदी आ सकती है, ऐसी चिंता ज़ाहिर की थी। 

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