ईरान का संवर्धित युरेनियम भंड़ार १८ गुना बढ़ा – अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग की चिंता

वियना/तेहरान – साल २०१५ में हुए परमाणु समझौते के अनुसार ईरान को ३०० किलो संवर्धित युरेनियम का भंड़ार रखने की अनुमति प्रदान हुई थी। लेकिन, १२ मई २०२२ तक ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम के तहत कुल ३,८०९.३ किलो संवर्धित युरेनियम का भंड़ारण करने की चिंताजनक जानकारी अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग ने प्रसिद्ध की। ईरान के संवर्धित युरेनियम के भंड़ार की १८ गुना बढ़ोतरी साल २०१५ के असल परमाणु समझौते का उल्लंघन होने का दावा अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक कर रहे हैं। इसी बीच, परमाणु ऊर्जा आयोग की रपट के अनुसार ईरान के पास अब परमाणु बम का निर्माण करने के लिए आवश्यक युरेनियम का भंड़ारण होने का ड़र भी विश्लेषक जता रहे हैं। 

संवर्धित युरेनियमसाल २०१५ में अमरीका के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने पहल करके ईरान के साथ परमाणु समझौता किया था। इसके अनुसार ईरान को अपने परमाणु कार्यक्रम में संवर्धित युरेनियम और सेंट्रीफ्यूजेस की संख्या सीमित रखने की सूचना की गई थी। इसी शर्त पर पश्चिमी देशों ने ईरान को प्रतिबंधों में राहत एवं अन्य सहायता प्रदान की थी। लेकिन, पिछले सात सालों में ईरान ने असल परमाणु समझौते का पूरी तरह से उल्लंघन किया है, यह बात परमाणु ऊर्जा आयोग की नयी रपट से सामने आ रही है।

परमाणु बम के निर्माण के लिए संवर्धित युरेनियम की मात्रा ९० प्रतिशत ज़रूरी होती है। लेकिन, ईरान को अपने परमाणु प्रकल्पों में संवर्धित यूरेनियम की मात्रा ३.६७ प्रतिशत तक सीमित रखनी होगी, यह तय हुआ था। पर, ईरान के परमाणु प्रकल्पों का निरीक्षण कर रहे अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग ने जारी की हुई जानकारी के अनुसार ईरान ने २० प्रतिशत मात्रा के संवर्धित यूरेनियम का भंड़ार बढ़ाकर २३८.४ किलो किया है। इसके अलावा ६० प्रतिशत मात्रा के संवर्धित युरेनियम का भंड़ारण भी काफी बढ़ाने की बात पर परमाणु ऊर्जा आयोग ध्यान आकर्षित कर रहा है। 

संवर्धित युरेनियमसाथ ही ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम से संबंधित कुछ सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं दिए हैं, यह शिकायत भी परमाणु आयोग ने की। मारिवान, वारामिन और तुकूझाबाद के प्रकल्पों के अघोषित परमाणु भंड़ारण को लेकर ईरान ने कुछ स्पष्ट ही नहीं किया है, ऐसा परमाणु ऊर्जा आयोग ने कहा है। इस वजह से ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम की जानकारी छुपा रहा है, ऐसा अप्रत्यक्ष आरोप आयोग लगा रहा है, इस पर अंतरराष्ट्रीय माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

इसी बीच, साल २०१५ के परमाणु समझौते का उल्लंघन करके ईरान ने परमाणु बम के लिए आवश्यक युरेनियम का भंड़ारण किया है, ऐसा दावा अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक कर रहे हैं। इस्रायल के रक्षामंत्री बेनी गांत्ज़ ने भी कुछ दिन पहले ईरान परमाणु बम बनाने के लिए आवश्यक सामान प्राप्त करने के काफी करीब पहुँचने का इशारा दिया था। ईरान परमाणु बम से सज्जित हुआ तो सौदी अरब भी चुप नहीं बैठेगा, यह इशारा अमरिकी विश्लेषकों ने पहले ही दिया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published.