अफ़गानिस्तान से ११ सिख शरणार्थी आश्रय लेने के लिए भारत पहुँचे

नई दिल्ली – असुरक्षित माहौल की वज़ह से अफ़गानिस्तान से भारत आने की इच्छा रखनेवाले हिंदू और सिख धर्मियों को भारत में आश्रय दिया जाएगा। उन्हें भारत पहुँचने के लिए हर तरह की सहायता प्रदान की जाएगी, यह ऐलान भारतीय विदेश मंत्रालय ने दो दिन पहले ही किया था। इस पृष्ठभूमि पर रविवार के दिन ११ सिख शरणार्थी भारत पहुँचे हैं। इनमें डेढ़ महीने पहले तालिबानी आतंकियों ने अपहरण किए हुए निनाद सिंग और उनके परिवारजनों का समावेश हैं। नागरिकता सुधार कानून (सीएए) लागू होने के बाद पहली बार आश्रय पाने के लिए भारत पहुँचे इस सिख समुदाय के नागरिकों का यह पहला खेमा हैं। ज़ल्द ही और भी परिवार अफ़गानिस्तान से भारत पहुँचेगे, यह दावा किया जा रहा हैं।

सिख शरणार्थी

अफ़गानिस्तान में सिख समुदाय पर आतंकी हमलें होने की मात्रा बढ़ी हैं। चार महीनें पहले काबूल के शोर बाज़ार में स्थित प्रार्थनास्थल पर हुए हमले में सिख समुदाय के २५ लोगों की मौत हुई थी। इसी बीच वहां के सिख समुदाय के नेता निनाद सिंग के साथ कुछ सिख नागरिकों का अपहरण भी किया गया था। करीबन एक महीने तक निनाद सिंग आतंकियों के कब्ज़े में रहे थे। इस दौरान उनपर काफ़ी अत्याचार किए गए। तालिबानी आतंकियों ने एक नाबालीग लड़की का भी अपहरण किया था। यह लड़की भी ११ लोगों में भारत पहुँची हैं।

सिख शरणार्थी

अफ़गानिस्तान में कुछ वर्ष पहले तक ढ़ाई लाख हिंदू और सिख समुदाय के नागरिक मौजूद थे। अब मात्र १०० की संख्या में हिंदू और सिख परिवार अफ़गानिस्तान में शेष रहें हैं। अफ़गानिस्तान में सिख समुदाय पर हो रहें हमलों पर अमरीका ने भी कड़ी आलोचना की थी। साथ ही अमरीका में इस समुदाय के शरणार्थियों को पनाह देने की माँग अमरिकी कांग्रेस में रखी गई थी। हाल ही में भारत ने अफ़गानिस्तान में स्थित हिंदू और सिख समुदाय के नागरिकों को आश्रय देने का ऐलान करने के बाद अमरिकी कांग्रेस के प्रतिनिधियों ने इसका स्वागत किया था।

रविवार के दिन भारत पहुँचे ११ लोग कुछ समय के लिए जारी किया गया वीसा प्राप्त करके भारत पहुँचे हैं। भारतीय संसद में पिछले वर्ष ‘सीएए’ कानून सुधार किया गया हैं। इसके अनुसार पड़ोसी देशों में स्थित हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी एवं ख्रिस्ती नागरिकों को आश्रय देने की और उन्हें भारत की नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान किया गया हैं। पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यांक बने इन समुदाय को अत्याचार भुगतने पड़ रहे हैं। इस वज़ह से उन्हें आश्रय देने के लिए यह कानून मंजूर किया गया था। इसी कानून के तहत, निनाद सिंग और उनके साथ भारत पहुंचे कुल ११ लोगों को, अगले दिनों में भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी, यह दावा किया जा रहा हैं।

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