भारत-बांगलादेश के बीच ‘सीईपीए’ पर चर्चा होगी

ढाका – बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना अगले महीने भारत के दौरे पर आ रही हैं। कोरोना की महामारी और उसके बाद भड़का हुआ युक्रेन का युद्ध इसका विपरीत परिणाम बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर भी हुआ होकर, आनेवाले समय में यहां पर श्रीलंका जैसी स्थिति देखने को मिल सकती है, ऐसी चिंता ज़ाहिर की जा रही है। बांग्लादेश के फॉरेन रिजर्व्स में हुई गिरावट इसका सबूत दे रही है। इससे प्रधानमंत्री शेख हसिना की सरकार खतरे में पड़ गई है। ऐसी परिस्थिति में सहायता प्राप्त करने के लिए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री भारत का दौरा कर रहीं होने के निष्कर्ष कुछ विश्लेषकों ने दर्ज किए हैं।

‘सीईपीए’6 से 7 सितंबर को प्रधानमंत्री शेख हसिना भारत की भेंट करेंगी। दोनों देशों के बीच ‘कॉम्प्रिहेन्सिव्ह इकॉनॉमिक पार्टनरशिप ॲग्रीमेंट-सीईपीए’ पर जल्द ही चर्चा शुरू होगी। उसके लिए आवश्यक रहनेवाली अनुमति प्रधानमंत्री हसीना ने हाल ही में दी थी। अब तक बांग्लादेश ने किसी भी देश के साथ इस प्रकार का व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता नहीं किया है। इसलिए भारत यह बांग्लादेश के साथ ऐसा सहयोग होने वाला पहला देश बन सकता है। ऐसे किस्म का समझौता बांग्लादेश पहले चीन के साथ करें, इसके लिए चीन ने बहुत कोशिशें की थी। लेकिन श्रीलंका और पाकिस्तान के, चीन के साथ किये आर्थिक सहयोग के, उन देशों पर हुए दुष्परिणामों के मद्देनजर, बांग्लादेश ने इसके लिए भारत को प्राथमिकता दी है।

भारत के साथ अगर सीईपीए समझौता हुआ, तो उससे बांग्लादेश की निर्यात 190 प्रतिशत से बढ़ सकती है। वहीं, भारत की बांग्लादेश को होने वाली निर्यात इससे 188 प्रतिशत से बढ़ने वाली है। वर्तमान दौर में बांग्लादेश को इसकी बहुत बड़ी आवश्यकता है। उसी समय, बांग्लादेश के साथ बन रहे सहयोग का फायदा भारत को भी मिलेगा।

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