अमरीका को जल्द ही अफ़गानिस्तान की तरह ही सीरिया और पर्शियन खाड़ी से भी पीछे हटना पड़ेगा – ईरान के पूर्व वरिष्ठ सेना अधिकारी का दावा

तेहरान – अफ़गानिस्तान से शर्मनाक सेना वापसी के बाद अमरीका जल्द ही सीरिया और पर्शियन खाड़ी से भी भागेगी, ऐसा दावा ईरान ने किया है। साथ ही अमरीका पहले की तरह खतरनाक नहीं रही और नाकाम, भगौड़ी और निराशता से भरी है, ऐसी फटकार ईरान ने लगाई है। ऐसे बयान करके ईरान ने खाड़ी क्षेत्र में अमरीका के मित्र और सहयोगी देशों को इशारा दिया हुआ दिख रहा है।

us-syria-persian-gulf-iran-2बीते महीने अमरीका ने अफ़गानिस्तान से अपनी पूरी सेना हटाई थी। बायडेन प्रशासन के इस निर्णय पर अमरीका के साथ विश्‍वभर से जोरदार आलोचना हुई। गैरज़िम्मेदाराना तरीके से ऐसे वापसी करना अमरीका के मित्रदेशों को गलत संदेशा देता है, ऐसे इशारे अमरीका के पूर्व नेता, राजनीतिक अधिकारी और विश्‍लेषक दे रहे हैं। चीन ने भी अफ़गानिस्तान से अमरीका की सेना वापसी का दाखिला देकर ताइवान और जापान को धमकाया था। ईरान के मौजूदा एवं पूर्व सेना अफसरों ने भी अफ़गानिस्तान से सेना की वापसी के अमरीका के निर्णय का लाभ उठाने की कोशिश शुरू की है।

ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्ला खामेनी के लष्करी सलाहकार याह्या रहीम सफावी ने स्थानीय वृत्तसंस्था से बातचीत करते समय यह दावा किया कि, अमरीका अब सीरिया और पर्शियन खाड़ी में तैनात सेना की वापसी पर गंभीरता से विचार कर रही है। ‘अमरीका को पर्शियन खाड़ी और पश्‍चिमी एशिया से भागना है, क्योंकि उन्हें इस क्षेत्र में अधिक समय तक नहीं रुकना है’ ऐसा सफावी ने कहा। इसी दौरान ईरान के रिवोल्युशनर गार्डस्‌ के प्रमुख मेजर जनरल हुसेन सलामी ने भी अमरीका भागने की तैयारी में होने का दावा किया। साथ ही अमरीका पहले की तरह अब खतरनाक नहीं रही, ऐसा कहकर ईरान अधिकाधिक ताकतवर हो रहा है, यह इशारा भी उन्होंने दिया।

us-syria-persian-gulf-iran-1दो दिन पहले सीरिया के विदेशमंत्री फैज़ल मेकदाद ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की आम सभा में बोलते समय अमरीका को धमकाया था। सीरिया से सेना को वापस बुलाने के लिए यही समय उचित है। वरना, अफ़गानिस्तान की तरह सीरिया में भी अमरिका को बेबसी का सामना करने पड़ेगा, ऐसा इशारा मेकदाद ने दिया था। सीरिया की तरह इराक भी अमरिकी सैनिकों की वापसी की माँग कर रहा है। इराक में मौजूद ईरान से जुड़े आतंकी संगठनों ने अमरिकी सैनिकों पर हमले तेज़ करने की धमकियाँ दी हैं।

अमरीका ने अफ़गानिस्तान की तरह सीरिया और इराक से वापसी की तो वहां के कुर्द संगठनों पर हमले तीव्र हो सकते हैं, यह इशारा भी दिया जा रहा है। सीरिया में कुर्द संगठन के प्रमुख मज़लूम अब्दी ने अमरीका की सेना वापसी के बाद कुर्दों की सुरक्षा पर असर नहीं होगा, यह दावा किया। लेकिन, बीते कुछ दिनों से तुर्की और ईरान ने सीरिया और इराक में कुर्दों पर शुरू किए हमलों की पृष्ठभूमि पर अमरीका इराक-सीरिया के कुर्दों को बेसहारा छोड़ने की कड़ी संभावना सामने आ रही है।

इसी बीच, अफ़गानिस्तान से सेना वापसी के बाद आलोचना का विषय बने बायडेन प्रशासन ने यह ऐलान किया था कि, खाड़ी क्षेत्र से पीछे नहीं हटेंगे। लेकिन, बीते कुछ दिनों में अमरीका ने सौदी अरब की सुरक्षा के लिए तैनात की हुई हवाई सुरक्षा यंत्रणा हटाई है। साथ ही मानव अधिकारों के मुद्दे पर इजिप्ट की लष्करी सहायता भी रोक रखी थी। इस्रायल की ‘आयर्न डोम’ यंत्रणा की फंड़िंग पर भी रोक लगाई गई थी। लेकिन, अमरिकी सिनेट में इस पर तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ होने के बाद इस्रायल के फंड़िंग का रास्ता साफ किया गया है।

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