अमरिका ने सायबर वेपन्स के उपयोग के लिए प्रतिबंध शिथिल किए

वाशिंगटन: भविष्य में अमरिका को सायबर वेपन्स का उपयोग करना है, तो उसके लिए दर्जनभर सरकारी यंत्रणा की अनुमती लेने की बात नहीं होगी। अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने इस संबंध में प्रतिबंध शिथिल करने के लिए कदम उठाए हैं और इस बारे में अध्यादेश पर ट्रम्प ने हस्ताक्षर किए हैं। अमरिका के एक दैनिक ने इस विषय में खबर प्रसिद्ध की है।

अमरिका के तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने सायबर वेपन्स अर्थात सायबर शस्त्र का उपयोग करने पर प्रतिबंध जारी किए थे। इसका उपयोग करने से पहले व्हाईट हाउस से संबंधित यंत्रणा से अनुमति लेने की आवश्यकता थी। इसकी वजह से सायबर वेपन्स का उपयोग करने की निर्णय प्रक्रिया पेचीदा होने की बात कही जा रही थी। तथा इस प्रक्रिया में विलंब अमरिका के सायबर सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकती है, ऐसी आलोचना हो रही थी। पर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने पिछले कई महीनों में सायबर सुरक्षा को प्राथमिकता देकर, इस बारे में नियमों में सुधार करने की घोषणा की थी।

अमरिका, सायबर वेपन्स, उपयोग, प्रतिबंध, शिथिल किए, वाशिंगटन, डोनाल्ड ट्रम्पउसके अनुसार राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने सायबर वेपन्स के उपयोग पर प्रतिबंध शिथिल करने की जानकारी अमरिकी दैनिक ने दी है। पर ओबामा इनके कार्यकाल में लगाये गये प्रतिबंध निकालने का दावा इस दैनिक ने किया है। अमरिकी दैनिक इस बारे में अधिक प्रकाश नहीं डाल सका है तथा व्हाइट हाउस ने इस मामले में प्रतिक्रिया देने की बात टाली है। पर अमरिका के सरकारी तथा लष्करी यंत्रणा पर बढ़ते सायबर हमलों की पृष्ठभूमि पर यह निर्णय आवश्यक है, ऐसा दावा अमरिका के विश्लेषक कर रहे हैं।

ट्रम्प के इस निर्णय की वजह से अमरिका के लष्कर विषयक गोपनीय दस्तावेज तथा बुद्धिसंपदा के चोरी पर नियंत्रण प्राप्त करना आसान होगा तथा सायबर चोरी करनेवालों पर कठोर कार्रवाई करने का मार्ग भी खुला होगा, ऐसा कहा जा रहा है। साथ ही भविष्य में सायबर युद्ध की आशंका का विचार करते हुए अमरिका ने आक्रामक भूमिका का स्वीकार करने का दावा ब्रिटेन के विश्लेषक कर रहे हैं। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इस बारे में जल्द ही निर्णय घोषित कर सकते हैं।

दौरान पिछले कई महीनों में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने सायबर सुरक्षा के बारे में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। जून महीने में ट्रम्प ने सायबर सुरक्षा के प्रश्न पर रशिया के पांच कंपनियों पर प्रतिबंध जारी किए थे। रशिया के गुप्तचर यंत्रणा से संबंधित होनेवाले पांच कंपनियों को सायबर हमले से संबंध होने की बात उजागर होने की वजह से यह कार्रवाई होने की बात अमरिका ने स्पष्ट की थी।

रशिया, चीन, ईरान और उत्तर कोरिया इन देशों से अमरिका पर लगातार सायबर हमले होने का दावा हालही में प्रसिद्ध हुआ था। इस पृष्ठभूमि पर अमरिकन वृत्तपत्र द्वारा मिले इस जानकारी का महत्व अधिक है।

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