अमेरिकी राष्ट्राध्यक्ष की रशिया और चीन को चेतावनी, रशिया के खिलाफ युद्ध की तैयारी

Barack Obama

विश्‍व के सबसे ताकतवर सेना की कमान मेरे हाथ में है।  आवश्यकता होने पर सहयोगी देशों की रक्षा के लिए अमेरिका बलप्रयोग कर सकता है, ऐसी कड़ी चेतावनी अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने रशिया और चीन को दी। तानाशाहों के दिन लद गये फिर भी अमेरिका रशिया और चीन के साथ राजनैतिक संवाद जारी रखेगा, ऐसा ओबामा ने संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा है। वहीं अमेरिका रशिया के खिलाफ युद्ध की तैयारी कर रहा है, ऐसी खबर जर्मनी के मिडियाने दी है। इसीलिए राष्ट्राध्यक्ष ओबामा और रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन की मुलाकात के बाद भी अमेरिका और रशिया में तनाव बरकरार रहने के आसार नजर आ रहे है।

संयुक्त राष्ट्र में अपनी नपीतुली भाषण में ओबामा ने यूक्रेन और सीरिया में सैनिकी कारवाई का निर्णय लेने वाले रशिया को आडे हाथों लिया। तथा ‘साऊथ चायना सी’ क्षेत्र मे अपने सैनिकी सामर्थ्य का प्रदर्शन करने वाले चीन को भी ओबामा ने खडकाया। विश्‍व के सबसे ताकतवर सेना की कमान किसी और के पास नहीं, बल्के मेरे पास है, ऐसा ओबामा ने अपने भाषण में कहा। जरुरत पडने पर अपनी रक्षा और अपने सहयोगी देशों की रक्षा के लिए सैनिकी बल का प्रयोग करने में अमेरिका हिचकिचाहट नही दिखाएगा, यह ओबामा की टिप्पणी अमेरिका समेत दुनियाभर के मीडियाकी सुर्खिया बटोर रही है।

रशिया और यूक्रेन की समस्या जटील है और अमेरिका को यह बात पता है। लेकिन यूक्रेन में अमेरिका के भी आर्थिक हितसंबंध है। ऐसी परिस्थिती में युक्रेन की संप्रभुता को चुनौती मिल रही है, तो अमेरिका हाथ पे हाथ रखे बैठ नही सकता’ ऐसा कहकर अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने रशियापर कडी आपत्ति जताई। चीन जिस साऊथ चायना सी क्षेत्र पर अपने मालिकाना हक का दावा कर रहा है, वह क्षेत्र अमेरिका का नहीं है। लेकिन यहाँ उपस्थित और देशों की तरह इस क्षेत्र की समुद्री परिवहन की स्वतंत्रता के लिए अमेरिका चिंतित है, ऐसा कहते हुए ओबामा ने चीन की नीतियों पर निशाना साधा।

दुनिया की सारी समस्यों का हल अकेला अमेरिका नही कर सकता है। इसके लिए सभी देशों की सहायता जरुरी है। अमेरिका को रशिया और चीन के साथ झगडा करने में बिलकुल रुचि नही। इसीलिए इन दोनों देशों के साथ मतभेद के चलते हुए भी अमेरिका ने राजनैतिक संवाद जारी रखा है, इस बात पर ओबामा ने जोर दिया। लेकिन तानाशाहों के दिन समाप्त हो चुके है और लीबिया के भूतपूर्व तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी के बाद इस देश को स्थिर करने के लिए अमेरिका और मित्र देशों को और भी प्रयास करने की जरुरत है, ऐसा ओबामा का कहना है। सीरिया में राष्ट्राध्यक्ष बाशर अल असाद के शासन को उखाड फेकनें के बाद वहाँ सुव्यवस्था कायम करने की जिम्मेदारी अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को लेनी होगी, ऐसी अपेक्षा ओबामा ने व्यक्त की है।

nato_exerciseअमेरिका अपने समर्थक संस्थाओं द्वारा दुनियाभर के तानाशाहो के खिलाफ साशिज कर रहा है, इस आरोप का भी ओबामा ने खंडन किया। तानाशाहो के भ्रष्ट शासन की पोल अमेरिका ने नही खोली। तानाशाह का शासन हमेशा अस्थिर रहता है। तानाशाह अपने विरोधियों को जेल में डाल सकते है लेकिन विचारों को नही। नया प्रौद्योगिकी और सोशल मीडिया की वजह से लोगो में नयी जागृति आ रही है, इसीलिए तानाशाह अब सच को दबा नही सकते हो, ऐसा ओबामा ने अपने भाषण मे जोर देते हुए कहा।

अमेरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने अपने भाषण मे राजनैतिक संवाद का पुरस्कार किया है। लेकिन अमेरिका रशिया के खिलाफ जोरशोर से युद्ध की तैयारी कर रहा है, ऐसा जर्मन मीडिया का कहना है। जब से रशिया ने पूर्व यूक्रेन मे धावा बोल दिया, तब से अमेरिका के रक्षा मुख्यालय पेंटॅगॉन को आपतकालीन योजना तैयार करनी पडी। इस योजना के तहत अमेरिका बाल्टिक देशों मे रशिया के वर्चस्व को चुनौती दे रहा है। इस क्षेत्र के अन्य देशों के साथ अमेरिका और नाटो ने संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू किये है। इसके साथ ही यूरोप में अपनी सैन्यशक्ति का विस्तार करने मे अमेरिका जुटा है।

अमेरिका की इस जंगी तैयारी पर रशिया की कडी नजर है और रशिया ने इसके खिलाफ कारवाई भी शुरू की है। बाल्टिक देशों के नजदीक रशिया ने अपनी सेना और टैंक तैनात कर अमेरिका और नाटो को करारा जबाब दिया है। लेकिन अमेरिका और नाटो की ये तैयारी केवल तैयारी तक सीमित रहेगी, केवल रशिया को आगाह करने के लिए इसका उपयोग किया जाएगा, ऐसा अमेरिकन सेना के रक्षा विशेषज्ञ डेव्हिड ओशमनेक का कहना है। अगर बाल्टिक देशों पर रशिया आक्रमण करता है, तो अमेरिका और नाटो की सेना रशिया को रोक सकती है, ऐसा ओशमनेक का मानना है।

इस्तोनिया, लुशिनिया और लाटविया, रोमानिया, हन्गेरी, बल्गेरिया ये बाल्टिक देश नाटो के सदस्य है। इन सदस्य देशों की संप्रभुता की रक्षा करना नाटो की जिम्मेदारी बनती है। लेकिन रशिया से इन देशों की रक्षा करना आसान काम नही होगा, ओशमनेक ने कहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.