रशिया और चीन को प्रत्युत्तर देने के लिए अमरिका की तरफ से ‘हाइपरसोनिक मिसाइल’ का निर्माण; लगभग १०० करोड डॉलर्स का प्रावधान

पॅरिस: रशिया और चीन के प्रगत और तेज मिसाइलों के सामने अमरिका बेअसर साबित होने का डर अमरिकी अधिकारी व्यक्त कर रहे हैं और ऐसे में अमरिकी हवाई दल ने ‘हाइपरसोनिक मिसाइलों’ का निर्माण करने का निर्णय लिया है। अमरिका की प्रमुख हथियार निर्माण कंपनी ‘लॉकहिड मार्टिन’ इन हाइपरसोनिक मिसाइलों का निर्माण करने वाली है और इसके लिए लगभग १०० करोड़ डॉलर्स निधि का प्रावधान किया गया है।

अमरिकी हवाई दल ने ‘लॉकहिड मार्टिन’ को ९२.८ करोड़ डॉलर्स का ठेका देने की जानकारी दी है।‘अमरिकी हवाई दल की तरफ से विकसित की जाने वाली दो हाइपरसोनिक यंत्रणाओं में से एक की जिम्मेदारी इस कंपनी पर सौंपी गई है। हवाई दल को जल्द से जल्द हाइपरसोनिक हथियार यंत्रणा बनाकर चाहिए और उसके लिए यह निर्णय लिया गया है’, ऐसी जानकारी हवाई दल के प्रवक्ता ने दी है।

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अमरिका के हवाई दल की तरफ से दो अलग अलग प्रकार के ‘हाइपरसोनिक वेपन सिस्टिम’ निर्माण किए जा रहे हैं। उसमें से एक ‘टैक्टिकल बूस्ट ग्लाईड वेपन’ इस प्रकार की है और दूसरी ‘हाइपरसोनिक एयर ब्रेथिंग वेपन कॉन्सेप्ट’ प्रकार की है। ‘लॉकहिड मार्टिन’ को ‘टैक्टिकल बूस्ट ग्लाईड वेपन’ के निर्माण के लिए ठेका दिया गया है। इस कंपनी की तरफ से ‘हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल’ विकसित करके लिया जाने वाला है, ऐसी जानकारी हवाई दलों के सूत्रों ने दी है।

इसके अलावा हवाई दल की तरफ से ‘एयर लौंच्ड रैपिड रिस्पॉन्स वेपन’, नाम की हाइपरसोनिक यंत्रणा विकसित की जा रही है और उसके लिए २६ करोड़ डॉलर्स निधि की माँग की गई है।

रशिया और चीन इन दोनों देशों ने ‘हाइपरसोनिक वेपन्स’ विकसित किए हैं और रशिया ने इस साल के आखिर तक इसका बड़े पैमाने पर निर्माण शुरू करने के संकेत दिए हैं। रशिया ने भारत की सहायता से ‘ब्राम्होस’ यह हाइपरसोनिक मिसाइल बनाया है और उसका रक्षा दल में समावेश भी किया गया है। चीन ने अपने पास ‘हाइपरसोनिक वेपन्स’ तैयार हैं, ऐसे दावे किए हैं।

पिछले महीने में ही ‘स्ट्रॅटेजिक कमांड’ के प्रमुख जनरल जॉन हायटन ने एक साक्षात्कार के दौरान रशिया और चीन की बढती हाइपरसोनिक क्षमता का उल्लेख किया था। उसमें हायटन ने अमरिका के पास इन हथियारों को रोकने की क्षमता नहीं है, ऐसी चिंता भी जताई थी। ध्वनि के पांच गुना (मैक५) और उससे भी अधिक तेज यंत्रणाओं को ‘हाइपरसोनिक’ कहा जाता है।

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