चीन छोड रहीं अमरिकी कंपनियाँ उत्तर प्रदेश में कारोबार जमाने के लिए उत्सुक – उत्तर प्रदेश के लघु एवं मध्यम उद्योगमंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह

नई दिल्ली – चीन से बाहर निकलने की तैयारी कर रहीं अमरिकी कंपनियाँ, विकल्प के तौर पर भारत की ओर देख रहीं हैं। साथ ही, अमरिकी सरकार भी इन कंपनियों को चीन से बाहर निकलने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। पिछले हफ्तें ही अमरिकी विदेश विभाग के वरिष्ठ अफसर और भारत में कार्यरत अमरिकी कंपनियों के प्रतिनिधियों की एक बैठक हुई थी। इसमें चीन के लिए विकल्प साबित हो रहें भारत में निवेश करने पर बातचीत होने का समाचार है। इस पृष्ठभूमि पर, चीन से अपना कारोबार समेटने की तैयारी में होनेवालीं १०० अमरिकी कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में निवेश करने में रुचि दिखाई है, यह बयान उत्तर प्रदेश के लघु एवं मध्यम उद्योगमंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने किया है। इन अमरिकी कंपनियों में रक्षा, औषधि एवं इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की कंपनियों का समावेश होने की जानकारी सिद्धार्थनाथ सिंह ने साझा की।

पिछले हफ्तें में चीन से अपनें कारखानें हटाने की तैयारी में होनेवालीं हज़ार कंपनियों के प्रतिनिधी भारत सरकार के साथ अलग अलग स्तर पर बातचीत कर रहे हैं, ऐसी खबर सामने आयी थी। अमरीका, जापान और दक्षिण कोरियन कंपनियाँ इस मुद्दे पर भारत से बातचीत कर रहीं हैं। दो दिन पहले ही केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगमंत्री नितीन गडकरी ने चीन और शेष दुनिया के बीच बढ रही दूरियाँ, भारत के लिए अच्छा अवसर होने का विश्‍वास व्यक्त किया था। साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ की हुई बातचीत में, विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए तैयार रहें, यह निवेदन राज्यों से किया था। व्यापार युद्ध और इसके बाद कोरोना वायरस की महामारी के कारण चीन छोड रहीं बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए अपने दरवाज़ें खुलें रखें, यह संदेश भी प्रधानमंत्री ने इस दौरान दिया था।

इस पृष्ठभूमि पर, चीन के लिए विकल्प के तौर पर बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत की ओर मुड रहीं हैं, यह रेखांकित करनेवालीं अन्य दो ख़बरें बुधवार के दिन सामने आयी हैं। बुधवार को प्राप्त हुई एक ख़बर के अनुसार अमरिकी विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अफसर और भारत में कार्यरत अमरिकी कंपनियों के प्रतिनिधियों की हाल ही में एक बैठक हुई है। ‘अमरिकन चेंबर्स ऑफ कॉमर्स इन इंडिया’ के माध्यम से इस बैठक का आयोजन किया गया था। चीन में फिलहाल जारी औद्योगिक गतिविधियाँ जल्द ही भारत में शुरू होंगी, यह संभावना भी इस दौरान अमरिकी विदेश विभाग के दक्षिण एशिया के लिए नियुक्त उपमंत्री थॉमस वाजदा ने व्यक्त की है। साथ ही, अमरिकी कंपनियों के प्रतिनिधियों को, अपना प्रस्ताव लेकर भारत सरकार के सामने जाने के लिए कहकर, अमरिकी उपमंत्री वाजदा ने इन कंपनियों के प्रतिनिधियों को, भारत से सहूलियत और सुविधा प्रदान करने की माँग करें, इससे अमरिकी कंपनियों को अपने कारोबार को विस्तार करना आसान होगा, यह सलाह भी प्रदान की, ऐसीं खबर प्राप्त हुई है।

‘यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम’ ने अमरिकी कंपनियाँ और निवेशकों के लिए एक वेबिनार का आयोजन किया था। इसमें वीडियो कान्फरन्सिंग के जरिए अलग अलग क्षेत्र के निवेशकों से बातचीत करने के बाद १०० कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में निवेश करने की तैयारी दिखाई है, यह दावा राज्य के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगमंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने किया है। उत्तर प्रदेश में बडी मात्रा में ग्राहक मौजूद हैं और मनुष्यबल एवं अनुकूल माहौल होने की वजह से ये कंपनियाँ उत्तर प्रदेश को पसंती दे रही हैं, यह बयान सिंह ने किया हैं।

इसी बीच, केंद्र सरकार की ‘डिपार्टमेंट ऑफ प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री ॲण्ड इंटर्नल ट्रेड’ की विशेष समिती गठित की गई है और भारत में विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए नीति तैयार करने का काम पूरा करने में यह समिती जुटीं होने की बात भी कही जा रही है।

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