चीन के खिलाफ अमरीका-ऑस्ट्रेलिया की ‘स्ट्रैटेजिक प्लैनिंग’ – संयुक्त तौर पर मिसाइल यंत्रणा विकसित करेंगे

कैनबेरा – चीन द्वारा आनेवाले दिनों में तैवान पर हमला करने की संभावना बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में चीन के हमलों को संगठित होकर कैसे प्रत्युत्तर देना है, इस मुद्दे पर अमरीका और ऑस्ट्रेलिया रणनीतिक योजना तैयार कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया में नियुक्त अमरीका के प्रभारी मायकल गोल्डमन ने यह जानकारी प्रदान की। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने अमरीका के सहयोग से गाइडेड मिसाइल यंत्रणा विकसित करने का ऐलान किया है।

us-aust-strategic-planningचीन से तैवान की सुरक्षा के लिए खतरा बढ़ रहा है। अगले कुछ वर्षों में या महीनों में चीन लष्करी कार्रवाई करके तैवान पर कब्ज़ा कर सकता है, ऐसे इशारे बीते कुछ दिनों से अमरिकी लष्करी अधिकारी और विश्‍लेषक दे रहे हैं। तो, चीन ने भी तैवान के हवाई क्षेत्र में अपने लड़ाकू विमान, बॉम्बर और गश्‍त विमानों की घुसपैठ बढ़ाई है। बीते हफ्ते में चीन के २० विमानों ने तैवान की सीमा में घुसपैठ की थी। इसके अलावा चीन ने तैवान के करीब अपने तट पर नौसेना का युद्धाभ्यास भी किया था। इस युद्धाभ्यास के दौरान चीन की सेना ने मिसाइलें भी दागी थीं।

us-aust-strategic-planningइस पृष्ठभूमि पर चीन ने तैवान पर किए हमले को प्रत्युत्तर देने के लिए अमरीका और ऑस्ट्रेलिया स्ट्रैटेजिक प्लैनिंग करने में जुटे होने की जानकारी अमरिकी दूतावास के प्रभारी गोल्डमन ने प्रदान की। ‘केवल लष्करी ही नहीं, बल्कि रणनीतिक मोर्चे पर भी अमरीका और ऑस्ट्रेलिया एकसाथ हैं। जब भी रणनीतिक योजना का मुद्दा आता है तब तैवान जैसे अहम घटक का विचार होता है’, यह बात गोल्डमन ने ऑस्ट्रेलियन युनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम के दौरान स्पष्ट की।

गोल्डमन के इस ऐलान के कुछ घंटे पहले ही ऑस्ट्रेलिया के रक्षामंत्री पीटर डटन ने अमरीका के साथ मिसाइल यंत्रणा विकसित करने की जानकारी प्रदान की। ऑस्ट्रेलिया की सुरक्षा संबंधित ज़रूरतें ध्यान में रखकर इस मिसाइल यंत्रणा का निर्माण किया जाएगा, ऐसा डटन ने कहा। इससे ऑस्ट्रेलिया सज्जित होने पर ‘ग्लोबल सप्लाय चेन’ के खतरे का सामना करना संभव होगा, यह इशारा भी डटन ने दिया। सीधे नाम का ज़िक्र करने से दूर रहने के बावजूद ‘साउथ चायना सी’ क्षेत्र में चीन से बने खतरों की ओर निर्देश करके डटन यह दावा करते हुए दिख रहे हैं।

तेजी से बदल रही अंतरराष्ट्रीय स्थिति में अपने देश को इस मिसाइल यंत्रणा की आवश्‍यकता होने का सूचक बयान ऑस्ट्रेलियन प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने किया। इस वजह से ऑस्ट्रेलिया की संप्रभुता भी सुरक्षित होगी, ऐसा दावा प्रधानमंत्री मॉरिसन ने किया है।

चीन की आक्रामकता की वजह से ही भारत और ऑस्ट्रेलिया को नीति में बदलाव करना पड़ा – अमरिकी अभ्यासगुट का अनुमान

us-aust-strategic-planningवॉशिंग्टन – कोरोना के दौर में चीन ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ की हुई आक्रामक गतिविधियों की वजह से ही इन दोनों देशों को अपनी चीन संबंधित भूमिका में बदलाव करना पड़ा, ऐसा दावा ‘सेंटर फॉर न्यू अमरिकन सिक्युरिटी’ नामक अमरिकी अभ्यासगुट ने किया। इसके साथ ही चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत के खिलाफ इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के अपने मित्र एवं सहयोगी देशों को अपने साथ जोड़ना आवश्‍यक है, ऐसी सलाह भी इस अभ्यासगुट ने दी है।

लिज़ा कर्टिस और स्टिफन टैंकेल ने बनाई इस रपट में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिरता ज़रूरी है तो अमरीका को भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे लोकतांत्रिक देशों की सहायता लेनी होगी, यह इशारा दिया है। इन चारों देशों ने राजनीतिक, आर्थिक और लष्करी मोर्चे पर द्विपक्षीय, त्रिपक्षीय और क्वाड के ज़रिये एक-दूसरे से सहयोग बढ़ाना आवश्‍यक होने का अनुमान इस अभ्यासगुट ने दर्ज़ किया है।

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