अमरीका, युरोपीय महासंघ का ताइवान के साथ सहयोग बढ़ा

वॉशिंग्टन/ब्रुसेल्स/तैपेई – ताइवान के मुद्दे पर विदेशी दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, ऐसी चेतावनी चीन ने दी। लेकिन पड़ोसी देशों पर एकाधिकारशाही जमानेवाले चीन की इस चेतावनी की हम परवाह नहीं करते, यह अमरीका और युरोपीय महासंघ ने दिखा दिया। अमरीका ने ताइवान के लिए रविवार को कोरोनाप्रतिबंधक टीके के २५ लाख डोस रवाना किए। अमरीका ने जितनी सहायता घोषित की थी, उसके तीन गुना यह संख्या है। वहीं, युरोपीय महासंघ की काउंसिल ने प्रवास पाबंदी की सूची से हटाए देशों के नाम घोषित किए होकर, उनमें चीन और ताइवान का नाम समेत स्वतंत्र उल्लेख है। उसी के साथ ताइवान का ध्वज भी इसमें दिखाया गया है।

हाल ही में लंदन में संपन्न हुई जी७ और उसके बाद ब्रुसेल्स में हुई नाटो की बैठक में, कोरोना का उद्गम स्थान, ताइवान, इंडो-पैसिफिक इन मुद्दों पर चीन के विरोध में भूमिका अपनाई गई थी। इस बैठक में, लोकतंत्रवादी देशों ने चीन की एकाधिकारशाही की कड़ी आलोचना करके ताइवान को समर्थन दिया था। इस कारण बौखलाए चीन ने ताइवान की सीमा में २८ विमानों की घुसपैंठ करवाकर पश्चिमी देशों को चेतावनी दी। ताइवान यह चीन का सार्वभौम भूभाग होकर, इस मामले में विदेशी दखलअंदाजी हरगिज बर्दाश्त नहीं की जाएगी, ऐसा चीन ने धमकाया था।

लेकिन ताइवान को कोरोनाप्रतिबंधक टीके की सप्लाई करके अमरीका ने यह दिखा दिया कि वह चीन की चेतावनी के परवाह नहीं करती। अमरीका से कोरोनाप्रतिबंधक टीकों के २५ लाख डोस लेकर निकला विमान रविवार को ताइवान में दाखिल हुआ। इससे पहले अमरीका ने ताइवान को ७.५ लाख डोस प्रदान करने का आश्वासन दिया था। अपनी घोषणा से तीन गुना अधिक डोस अमरीका ने ताइवान के लिए रवाना किए। इस संकट के दौर में की इस सहायता के लिए ताइवान के विदेश मंत्रालय ने अमरीका का शुक्रिया अदा किया। साथ ही, इस सहयोग के कारण दोनों देशों के बीच मित्रता अधिक दृढ़ हुई होने का विश्वास ताइवान के विदेश मंत्रालय ने ज़ाहिर किया।

‘राजनीतिक अथवा आर्थिक शर्तों पर अमरीका यह सहायता प्रदान नहीं करती। हमारी इस वैक्सीन सहायता के पीछे किसी भी प्रकार के छुपे हेतु नहीं हैं। मानवीय जीवन बचाने के ही उद्देश्य से हम यह सहायता प्रदान कर रहे हैं’, ऐसा बताकर अमरीका ने चीन की वैक्सीन डिप्लोमैसी को लक्ष्य किया। इससे पहले चीन ने ताइवान को कोरोना प्रतिबंधक टीको की सप्लाई करने की तैयारी की थी। लेकिन चीन के वैक्सीन पर भरोसा ना होनेवाले ताइवान ने यह सहायता लेने से इन्कार किया था।

अमरिका ने ताइवान को प्रदान की इस सहायता की चीन ने आलोचना की। ‘टीका सहयोग की आड़ में अमरीका राजनीतिक बदलाव करने की कोशिश ना करें। साथ ही, चीन की अंदरूनी राजनीति में दखलअंदाजी ना करें’, ऐसी आलोचना चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियांग ने की।

युरोपीय महासंघ की काउंसिल ने बड़ी घोषणा की। कोरोना की पृष्ठभूमि पर पिछले कुछ हफ्तों से थोपी हुई प्रवास पाबंदी महासंघ ने शिथिल की है। इसके अनुसार महासंघ ने १७ देश और प्रशासकीय प्रदेशों को प्रवास पाबंदी की सूची से हटाया। इनमें चीन की तरह ताइवान का नाम के साथ उल्लेख और ध्वज दर्शाया है। दो दिन पहले युरोपीय महासंघ के सांसदों ने ताइवान में निवेश शुरू करने का प्रस्ताव रखा था। अमरीका की तरह महासंघ भी ताइवान में व्यापारी निवेश करें , ऐसा सुझाव इन सदस्यों ने दिया था।

इसी बीच, ताइवान के मामले में अमरीका रेड लाइन का उल्लंघन कर रही है, ऐसी चेतावनी चीन ने इससे पहले दी थी। लेकिन अब अमरीका के बाद युरोपीय महासंघ भी ताइवान के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए गतिविधियाँ करने लगा है, जिससे चीन की चिंता में बढ़ोतरी हुई है।

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