सऊदी अरब ने ‘९/११’ हमले की रंगीन तालीम की थी – अमरिकी याचिका का नया आरोप

न्यूयॉर्क: अमरीका के ९/११ आतंकवादी हमले में हाथ होने की बात ठुकराने वाले सऊदी अरब ने उसकी रंगीन तालीम की थी, ऐसा सनसनीखेज आरोप अमरीका की नई याचिका में किया गया है। २००१ में हुए आतंकवादी हमले के पहले सऊदी सरकार ने अपने दो आदमियों को अमरीका में भेजकर रंगीन तालीम करवाई थी, ऐसी जानकारी सामने आई है। अमरिकी जाँच यंत्रणा ‘एफबीआई’ ने दिए सबूतों के आधार पर यह आरोप किए गए हैं। इस नई याचिका की वजह से अमरीका और सऊदी के बीच तनाव बढने का डर व्यक्त किया जा रहा है।

‘एफबीआई’ के सबूतों के अनुसार, सऊदी अरब सरकार ने ‘मोहम्मद अल-कुदाइन’ और ‘हमदान अल-शलावी’ अपने इन कर्मचारियों को विद्यार्थियों के रूप में १९९९ में अमरीका में भेजा था। इन नकली विद्यार्थियों ने अमरिकी विमान से फिनिक्स से वाशिंगटन तक सफर किया था। नवम्बर में किए इस सफ़र के दौरान, इन दोनों ने ‘अमरीका वेस्ट’ कंपनी के विमान के कॉकपिट में घुसने की कोशिश भी की थी। सऊदी के इन नागरिकों ने विमान के कर्मचारियों को कई तकनिकी सवाल भी पूछे थे।

‘९/११’‘अल-कुदाइन’ और ‘अल-शलावी’ के आशंकाजनक बर्ताव की वजह से पायलट ने ओहिओ हवाई अड्डे पर इमरजेंसी लैंडिंग करके उनको सुरक्षा यंत्रणाओं के कब्जे में दिया था। उसके बाद ‘एफबीआई’ ने उनसे पूछताछ करके उन्हें छोड़ दिया था। यह पूरी घटना ‘९/११ आतंकवादी हमले की रंगीन तालीम थी, ऐसा आरोप अमरीका में दाखिल की गई नई याचिका में किया गया है। इन दोनों संदिग्धों ने अफगानिस्तान की ‘अल कायदा’ इस आतंकवादी संगठन के अड्डे पर प्रशिक्षण लिया था और दोनों भी ‘९/११’ का हमला करने वाले आतंकवादियों के संपर्क में थे, ऐसा दावा याचिका में किया गया है।

अमरीका में दो सऊदी नागरिकों के वास्तव्य के लिए साथ ही विमान यात्रा के लिए वाशिंगटन के सऊदी दूतावास ने आर्थिक मदद की थी, ऐसा आरोप भी लगाया गया है। ‘अल-कुदाइन’ और ‘अल-शलावी’ यह दोनों भी सऊदी सरकार के कर्मचारी होने की जानकारी इस याचिक में दी गई है। सऊदी अरब के वकीलों ने ‘९/११’ हमले के सन्दर्भ में सरकार के खिलाफ दाखिल की गई याचिका को अस्वीकृत किया जाए, ऐसी याचिका दाखिल की है।

मार्च महीने में, न्यूयॉर्क के ‘मैनहटन फेडरल कोर्ट’ में दाखिल की गई याचिका में सऊदी सरकार के खिलाफ छः अरब डॉलर्स का दावा ठोका गया था। इसमें ९/११ आतंकवादी हमले की तैयारी के लिए सऊदी अरब ने अल कायदा इस आतंकवादी संगठन की सक्रीय सहायता की थी, ऐसा आरोप किया गया था। अमरिकी संसद ने मंजूर किए ‘द जस्टिस अगेंस्ट स्पोंसर्स ऑफ़ टेररिज्म एक्ट’ कानून का आधार लेकर यह याचिका दाखिल की गई थी।

९/११ आतंकवादी हमले में करीब तीन हजार नागरिकों की जान गई थी। हमले के पीछे सऊदी अरब का हाथ होने की जानकारी अमरिकी यंत्रणा की जाँच में आगे आई है।

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