….तो आज ट्रम्प अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष होते – अमरीका के वरिष्ठ सिनेटर लिंडसे ग्रैहम

लिंडसे ग्रैहमवॉशिंग्टन – ‘वुहान लैब ली’ के सबूत एक साल पहले सामने आए होते तो अमरीका के चुनावों का नतीज़ा अलग दिखाई देता। डोनाल्ड ट्रम्प फिर से अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बने होते, ऐसा बयान अमरीका के वरिष्ठ सिनेटर लिंडसे ग्रैहम ने किया है। साथ ही अमरीका के २७ शोधकर्ताओं ने झूठी और सियासी उद्देश्‍य से प्रेरित रपट तैयार करने की वजह से ‘वुहान लैब लीक’ की सच्चाई समय पर सामने नहीं आयी, ऐसी आलोचना भी ग्रैहम ने की है।

चीन के ‘वुहान इन्स्टिट्युट ऑफ वायरॉलॉजी’ से संबंधित शोधकर्ताओं ने जाली रपट तैयार की और कोरोना के विषाणु का निर्माण लैब में ना होने का ऐलान किया। आज यही शोधकर्ता अपनी प्रतिष्ठा बचाने की कोशिश में जुटे हैं, इन शब्दों में ग्रैहम ने इस शोधकर्ताओं को फटकार लगाई है। ‘फॉक्स न्यूज’ नामक अमरिकी समाचार चैनल को दिए गए साक्षात्कार के दौरान लिंडसे ग्रैहम बोल रहे थे। कोरोना की महामारी से अमरीका में काफी बड़ा सियासी असर पड़ा है, यह दावा भी सिनेटर ग्रैहम ने इस दौरान किया।

लिंडसे ग्रैहमकोरोना का ‘चायनिज वायरस’ या ‘वुहान वायरस’ ज़िक्र कर रहे उस समय के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के दावे अमरीका के शोधकर्ताओं ने उस समय ठुकराए थे। इसका ट्रम्प को काफी बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। अब चीन के ‘वुहान लैब’ में ही कोरोना का निर्माण होने के दावे सामने आ रहे हैं। इसकी पुष्टि करनेवाले सबूत होने के दावे भी कुछ वैज्ञानिकों ने किए है। ‘वुहान लैब लीक’ की यह सारी जानकारी एक वर्ष पहले सार्वजनिक हुई होती तो डोनाल्ड ट्रम्प दोबारा अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बने होते। क्योंकि, इस वजह से ट्रम्प की अमरीका में बनी छवि पूरी तरह से बदल चुकी होती, यह दावा लिंडसे ग्रैहम ने किया। चायना वायरस जानबूझकर फैलाया गया है और इसके लिए चीन को कौन ज़िम्मेदार ठहरा सकता है, ट्राम्प या बायडेन, यह मुद्दा उस समय चुनाव के दौरान उपस्थित हुआ होता। लिंडसे ग्रैहमबीते वर्ष फ़रवरी में ही ट्रम्प कोरोना को लेकर सच बयान कर रहे हैं, यह बात साबित हुई होती तो आज डोनाल्ड ट्रम्प ही अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बने होते, ऐसा भी ग्रैहम ने कहा।

कोरोना की महामारी से अमरीका में छह लाख लोगों की मौत हुई है। राष्ट्राध्यक्ष के नाते से इस महामारी को रोकने में ट्रम्प और उनका प्रशासन नाकामयाब हुए, ऐसा प्रचार विरोधी पक्ष के नेताओं ने किया। इसका अमरिकी मतदाताओं पर काफी प्रभाव पड़ा था। कुछ लोग तो कोरोना का अमरीका में हुआ फैलाव यानी उनके खिलाफ रची गई राजनीतिक साज़िश का हिस्सा था, यह आरोप भी लगा रहे थे। इस पृष्ठभूमि पर सिनेटर लिंडसे ग्रैहम का यह साक्षात्कार काफी अहम साबित होता है। मुख्य बात तो यह है कि, सोशल मीडिया पर कुछ लोग अमरीका में दोबारा चुनाव कराने की माँग कर रहे हैं। ट्रम्प के विरोध में साज़िश करके उन्हें राष्ट्राध्यक्ष पद से हटाया गया है, यह दावा करके दोबारा चुनाव कराने की यह माँग की जा रही है।

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