कोरोना का वायरस लैब में ही तैयार किया गया – अमरीका के दो संशोधकों का दावा

वायरसवॉशिंग्टन – कोरोना का वायरस मानव निर्मित है, यह अमरीका के और दो संशोधकों ने दावे के साथ कहा है। कोरोना के जिनोम का अध्ययन करने के बाद प्राप्त हुई जानकारी के आधार पर यह स्पष्ट रूप से रखा जा सकता है, ऐसा इन अमरिकी संशोधकों ने कहा है। इससे चीन की वुहान लैब में ही कोरोना का वायरस तैयार किया गया होने के आरोपों की अधिक ही पुष्टि हुई है। पहले के दौर में कुछ संशोधकों ने, जागतिक स्वास्थ्य संगठन ने और अमरीका के स्वास्थ्य विषयक सलाहकार डॉ. फॉसी ने भी कोरोना का वायरस नैसर्गिक होने का यकीन दिलाया था। लेकिन अब मान्यताप्राप्त संशोधक कोरोना के संदर्भ में अलग जानकारी देने लगे होकर, उनका कहना ठुकराना, यह चीन का बचाव करना चाहनेवाले लोगों के लिए अधिक से अधिक मुश्किल बनता चला जा रहा है।

अमरीका में डॉ. फॉसी को स्वास्थ्य विषयक सलाहकार पद से निष्कासित करें, उनकी जाँच करें, यह माँग ज़ोर पकड़ रही है। अमरिकी संसद के सदस्यों ने भी वैसी माँग की है। इतना ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया में भी डॉ. फॉसी के विरोध में मुहिम शुरू की गई है। जानकारी होने के बावजूद भी डॉ. फॉसी ने जानबूझकर कोरोना की असली जानकारी छिपाकर रखी और अमरीका को अंधेरे में रखा, ऐसे आरोप अमरिकी न्यूज़ चैनल कर रहे हैं। साथ ही, अमरीका के तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प कोरोना की महामारी चीन ने फैलाई होने के जो आरोप कर रहे थे, उनकी ओर अनदेखी करने की बड़ी कीमत देश को चुकानी पड़ रही है, ऐसी तीखी आलोचना कुछ अमेरिकन्स कर रहे हैं।

ऐसी परिस्थिति में ‘वुहान लॅब लीक’ की थिअरी की पुष्टि करनेवाली नई नई जानकारी सामने आ रही है। डॉ. स्टिफन कुवे और रिचर्ड म्युलर इन दो संशोधकों ने एक अमरिकी अखबार को दिए इंटरव्यू में, कोरोना का वायरस मानवनिर्मित होने की बात बताकर, वह साजिश का भाग होने का दावा किया। कोरोना का ‘जिनोम सिक्वेंसिंग कॉम्बिनेशन’ सीजीजी-सीजीजी यह नैसर्गिक रूप में विकसित हो ही नहीं सकता, ऐसा इन संशोधनों का दावा है। इससे पहले भी युरोपीय देशों के कुछ संशोधनों ने इसी प्रकार के दावे करके चीन पर शक ज़ाहिर किया था। इस कारण, कोरोना वुहान की लैब से फैलाया नहीं गया है, यह दावा खारिज हुआ है।

इसी बीच, अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने यह माँग की थी कि कोरोना फैलानेवाले चीन से लगभग दस ट्रिलियन डॉलर्स की वसूली करें। लेकिन चीन ने यह माँग ठुकराई है। हम किसी को भी हर्जाना नहीं देंगे, ऐसा चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है।

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