‘आतंकवाद को समर्थन देनेवाले पाकिस्तान को भारी क़ीमत चुकाने पर मजबूर करो’ : अमरिकी अभ्यासगुटों की राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प को सलाह

वॉशिंग्टन, दि. ७ : ‘अपने मतलब के लिए पाकिस्तान आज तक आतंकवाद का इस्तेमाल करते आया है| पाकिस्तान की ख़ुदगर्ज़ नीति के कारण अमरीका के हितसंबंध खतरे में आ रहे हैं, जिस कारण आनेवाले समय में अमरीका को इस पर गंभीरता से विचार करना होगा| पाकिस्तान को इस आतंकवादपरस्त नीति की क़ीमत चुकानी पड़ें, ऐसी नीति ट्रम्प प्रशासन को बनानी होगी’, ऐसी सलाह अमरीका के दस अभ्यासगुटों ने संयुक्त रिपोर्ट में दी है| पाकिस्तान के लिए यह बड़ा झटका माना जाता है|

आतंकवादडोनाल्ड ट्रम्प जब अमरीका के राष्ट्राध्यक्षपद पर विराजमान होनेवाले थे, तब वे पाकिस्तान के लिए बहुत ख़तरनाक़ साबित होंगे, ऐसी चिंता पाकिस्तान के कुछ विशेषज्ञों ने जतायी थी| अपनी प्रचारमुहीम के दौरान ट्रम्प ने, ‘मैं भारत का दोस्त हूँ’ ऐसे घोषित किया था, इसपर पाकिस्तानी विशेषज्ञ ग़ौर फ़रमा रहे हैं| अबोटाबाद में छिपकर बैठे ‘ओसामा बीन लादेन’ की जानकारी ‘सीआयए’ को देनेवाले डॉ. शकील आफ्रिदी को पाकिस्तान ने कारागृह में क़ैद किया था| ‘मैं राष्ट्राध्यक्ष होने के बाद आफ्रिदी की रिहाई करने के लिए पाकिस्तान को मजबूर करूँगा’ ऐसा भी ट्रम्प ने कहा था| इन सारी बातों की मिसाल देते हुए, ट्रम्प पाकिस्तान के लिए ख़तरनाक साबित होंगे, ऐसी चिंता पाकिस्तान द्वारा जतायी जा रही थी| पाकिस्तान को लगी यह चिंता अब सच होने के संकेत मिल रहे हैं|

अमरीका के ‘ब्रुकिंग्ज इन्स्टिट्युशन’, ‘हडसन इन्स्टिट्युट’, ‘हेरिटेज फाऊंडेशन’, ‘नॅशनल डिफेन्स युनिव्हर्सिटी’, ‘न्यू अमेरिका’, ‘सेंटर फॉर स्ट्रॅटेजिक अँड इंटरनॅशनल स्टडीज्’ और ‘मिड्लईस्ट इन्स्टिट्युट’ ऐसे प्रतिष्ठित अभ्यासगुटो के प्रसिद्ध विशेषज्ञों ने एक विशेष रिपोर्ट ट्रम्प प्रशासन को सौंप दिया है| ‘अ न्यू युएस अप्रोच टू पाकिस्तान : एन्फोर्सिंग एड कंडिशन्स विदाऊट कटिंग टाईज्’ ऐसा शीर्षक रहनेवाले इस रिपोर्ट में, पाकिस्तान की आतंकवादपरस्त नीति पर रोक लगाने के लिए कुछ विकल्प दिये गये हैं| उपरोक्त शीर्षक के अनुसार, पाकिस्तान के साथ के संबंध न तोड़ते हुए भी इस देश पर जुर्माना थोंपनेवाले प्रभावी विकल्प इस रिपोर्ट में शामिल किये गये हैं|

‘नाटो का सदस्यदेश न होते हुए भी, ‘अमरीका का सबसे बड़ा सैनिकी सहयोगी देश’ यह अमरीका ने पाकिस्तान को दिया दर्जा अब खतरे में आ रहा है, इसका स्पष्ट तौर पर एहसास अमरीका ने पाकिस्तान को करवाना चाहिए| आतंकवाद के खिलाफ निश्‍चित कौनसी कार्रवाई करें, इसकी सूचि अमरीका पाकिस्तान को दे दें और उसके अनुसार यदि कार्रवाई नहीं हुई, तो पाकिस्तान की सेना तथा खुफिया एजन्सी के अधिकारियों को अमरीका में प्रवेशबंदी करें’ ऐसी सूचना इस रिपोर्ट में की गयी है|

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