चीन एशिया-प्रशांत क्षेत्र में ५०० युद्धपोत तैनात करेगा

बीजिंग/वॉशिंग्टन : ‘साऊथ तथा ईस्ट चायना सी’ के मसले पर अमरीका और चीन में तनाव बढ़ता जा रहा है| इस पृष्ठभूमि पर, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपने हितसंबंधों की सुरक्षा के लिए चीन आनेवाले समय में इस समुद्री क्षेत्र में करीब ५०० युद्धपोत तैनात कर सकता है, ऐसी खबर ब्रिटन के अग्रसर समाचारपत्र ने प्रकाशित की है|

५०० युद्धपोतअमरीका की नौसेना की अब तक, ‘दुनिया का सबसे बड़ा आरमारी-बेड़ा’ ऐसी पहचान थी| दस बड़े विमानवाहक युद्धपोत, परमाणुअस्त्रवाहक पनडुब्बी, प्रक्षेपास्त्रभेदक सिस्टम से लैस युद्धपोत, साथ ही स्टेल्थ युद्धपोत, ऐसा बड़ा काफिला अमरीका की आरमारी-बेड़े में है| लेकिन पिछले कुछ दशकों में चीन ने भी अपनी नौसेना का सामर्थ्य बढ़ाने के लिए गतिविधियाँ बढ़ा दी हैं| उसी में, ‘साऊथ चायना सी’ के मसले पर अमरीका के साथ निर्माण हुए तनाव के बाद चीन अपने इस सामर्थ्यप्रदर्शन से पीछे नहीं हटेगा, ऐसा दावा ‘डेली एक्सप्रेस’ इस ब्रिटिश समाचारपत्र ने किया|

महीने भर पहले चीन ने, ‘लिओनिंग’ इस अपने पहले विमानवाहक युद्धपोत को ‘साऊथ चायना सी’ के क्षेत्र में युद्धाभ्यास के लिए उतारा था| इस युद्धाभ्यास में चीन के अग्रतम युद्धपोत भी शामिल हुए थे| उसके बाद चीन ने प्रशांत महासागर के पश्‍चिमी समुद्री क्षेत्र में भी सबसे बड़े युद्धाभ्यास का आयोजन किया था| इसमें चीन की नौसेना के युद्धपोत बड़ी मात्रा में शामिल हुए थे|

इसके अलावा चीन ने युद्धपोत, पनडुब्बी तथा विमानवाहक युद्धपोतों के निर्माण की गति बढ़ाई, ऐसी खबरें भी पिछले महीने भर से प्रकाशित हो रही हैं| चीन का देशी बनावट का विमानवाहक युद्धपोत, निर्माण के अंतिम चरण में है; वही, अगले कुछ वर्षों में तीसरा युद्धपोत भी तैयार होगा, ऐसा दावा चीन के सैनिकी विशेषज्ञ कर रहे हैं| साथ ही, चीन आनेवाले कुछ सालों में लगभग १० तैरते परमाणुप्रकल्पों का निर्माण कर रहा है| उसीके साथ, ‘साऊथ चायना सी’ में निर्माण किये गए अप्राकृतिक द्वीपसमूहों पर भी चीन ने सैनिकी हलचल शुरू की है|

चीन की सैनिकी गतिविधियाँ यानी अमरीकाविरोधी संघर्ष की तैयारी है, ऐसा दावा ब्रिटन के समाचारपत्र ने किया है|

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