तीसरे महायुद्ध की शुरुआत – रशिया द्वारा परमाणु युद्ध की तैयारी

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परमाणु हमले में सैनिकी अड्डे तहसनहस हो जाने के बाद भी दुश्मन पर भयंकर हमले की जबरदस्त क्षमतावाले ‘इल्युशिन आयएल-८०’ आधुनिक विमान तैयार रखने का आदेश रशिया के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने अपनी सेना को दिया है। इस तरह की तैयारी परमाणु युद्ध की संभवाना पर ही की जाती है। इसीलिए राष्ट्रपति पुतिन द्वारा दिए गए इस आदेश को रशिया द्वारा परमाणु युद्ध की तैयारी के परिपेक्ष में देखा जा रहा है। कुछ ही दिनों पूर्व राष्ट्रपति पुतिन ने रशिया का लड़ाकू विमान मार गिरानेवाली तुर्की को इसके घातक परिणामों के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी थी। इस पृष्ठभूमि पर रशियाई राष्ट्रपति द्वारा परमाणु युद्ध का यह आदेश, तीसरे महायुद्ध की शुरुआत की पुष्टि करता है।

रशिया के अलावा सिर्फ अमेरिका ही ‘आयएल-८०’ जैसे आधुनिक तकनीकवाले विमान से लैस है। अमेरिका के इस विमान को ‘डूम्सडे प्लेन’ कहा जाता है, अर्थात अंतिम विनाश के दिन जैसी स्थिती निर्माण होने पर इस विमान का उपयोग किया जाता है। इस विमान के द्वारा सैनिकी अड्डे तहसनहस किए जाने पर भी अपनी सेना का संचलन कर उसे दुश्मन पर परमाणु हमला करने के आदेश दिये जा सकते हैं। परमाणु हमले जैसे भयंकर हमलों की अगवाई करने की विशेष क्षमता ‘आयएल-८०’ में है। इस काम को अंजाम देनेवाले ‘आयएल-८०’ का पता लगाना असंभव माना जाता है। इसलिए इसे ‘उडता सैनिकी अड्डा’ कहा जाता है। यही  विशेषता ‘आयएल-८०’ को अजेय बनाती है, ऐसा इस विमान का निर्माण करनेवाले प्रमुख संशोधक ‘अलेक्झँडर कोमायेव्ह’ का कहना है।

अब तक रशिया द्वारा ‘आयएल-८०’ के काफीसारे टेस्ट किए जा चुके हैं। कुछ ही दिनों में यह विमान रशियाई सुरक्षा दलों की रक्षापंक्ति में शामिल होनेवाला था लेकिन राष्ट्रपति पुतिन ने इस कारवाई को तेज करने के आदेश देते हुए दो सप्ताह के भीतर इस विमान को तैयार रखने के आदेश दिए हैं। सीरिया में आतंकी संगठन ‘आयएस’ के ठिकानों पर हमले करनेवाले रशियाई लड़ाकू विमान को तुर्की ने मार गिराया। इस हमले से बौखलाई रशिया ने तुर्की को इसके भयंकर परिणामों की चेतावनी दी थी। तत्पश्चात रशियाई सेना द्वारा जारी गतिविधियों को देखते हुए लगता है कि, रशिया तुर्की को सबक सिखाने की योजना पर कार्यरत है।

किसी भी क्षण तुर्की पर रशिया हमला कर सकती है। सम्भावना है कि नाटो के सदस्यदेश तुर्की पर हमला होने पर अमेरिका समेत सभी नाटो देश इस युद्ध में कूद पडेंगे। नाटो के नियमानुसार किसी भी सदस्यदेश पर हमला नाटो के हर एक देश पर हमला माना जाता है। इसीलिए रशिया और तुर्की का यह संघर्ष केवल इन दो देशों के बीच ही सीमित न रहकर तीसरे विश्‍वयुद्ध के विस्फोट का कारण बन सकता है।

इस युद्ध में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जा सकता है। परमाणु युद्ध की इसी संभावना पर रशिया के राष्ट्रपति पुतिन ने अपनी सेना को ‘आयएल-८०’ तैयार रखने के आदेश दिए हैं। कुछ समय पहले रशिया ने घोषणा की थी कि, उसके पास अमेरिकी प्रक्षेपास्त्र भेदी सिस्टम पर मात करनेवाले प्रक्षेपास्त्र हैं। अगर रशिया पर ‘न्यूक्लिअर हमला’ किया गया तो रशिया उतना ही, या उससे अधिक भयंकर जवाब देने की क्षमता रखता है। ‘आयएल-८०’ से लैस रशिया का परमाणु हमला रोकने की क्षमता किसी भी देश में नहीं है, ऐसे संकेत रशिया द्वारा दिए जा रहे हैं।

अमेरिका की गलत नीतियों के कारण भविष्य में अमेरिका और रशिया के बीच ‘न्यूक्लिअर वॉर’ छिड सकता है, ऐसी चिंता भूतपूर्व अमेरिकी रक्षामंत्री विल्यम पेरी ने व्यक्त की थी। अमेरिका के भूतपूर्व वित्तमंत्री ‘पॉल क्रेग रॉबर्टस्’ ने भी अमेरिका के राजनीतिक नेतृत्व ने रशिया समेत चीन के साथ भी ‘न्यूक्लिअर वॉर’ छेडने की तैयारी की है, ऐसा संगीन आरोप लगाया था। कुछ ही दिनों पूर्व अमेरिका की संसद सदस्या ‘तुलसी गॅबार्ड’ ने भी सीधे सीधे अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की नीतियों की कड़ी आलोचना की।

ओबामा की नीतियों के कारण अमेरिका और रशिया में परमाणु युद्ध छिड सकता है, ऐसी चेतावनी भी गॅबार्ड ने दि थी।

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