सिरिया के लिए रवाना हुए ईरान के ईंधनवाहक टैंकर्स पर आतंकी हमला – सिरियन प्रधानमंत्री का दावा

तेहरान – सिरिया के लिए ईंधन लेकर निकले हुए ईरान के टैंकर्स पर ‘रेड सी’ के सागरी क्षेत्र में आतंकवादी हमला हुआ होने का आरोप सिरिया के प्रधानमंत्री हुसेन अरनौस ने किया। इस हमले के लिए सिरियन प्रधानमंत्री ने किसी को भी ज़िम्मेदार नहीं ठहराया है। लेकिन इस हमले के कारण, सिरिया को होनेवाली ईंधन की सप्लाई पर असर होने की आलोचना प्रधानमंत्री अरनौस ने की। इसी बीच, सिरिया के होम्स स्थित बंदरगाह में ईंधन के टैंकर में विस्फोट होकर काफ़ी बड़ी आग लगी है।

syria-iran-oil-tankerपिछले कुछ महीनों से सिरिया ईंधन के लिए ईरान पर निर्भर है। अपने देश की ईंधन की माँग पूरी करने के लिए सिरिया ईरान से ईंधन की आयात कर रहा है। पिछले हफ़्ते में सिरिया के लिए सात टैंकर्स ईंधन लेकर निकले थे। लेकिन ‘रेड सी’ के पट्टे में आते ही इनमें से दो जहाज़ों पर आतंकवादी हमला हुआ, ऐसा आरोप सिरियन प्रधानमंत्री ने किया। इन दोनों जहाज़ों में कुल मिलाकर २० लाख बैरल्स तक ईंधन का भांड़ार होने का दावा किया जाता है। इन दोनों जहाज़ों पर की कार्रवाई के कारण सिरिया को मिलनेवाले ईंधन में देरी हुई, ऐसी शिक़ायत प्रधानमंत्री अरनौस कर रहे हैं।

सिरिया के प्रधानमंत्री ने ‘रेड सी’ क्षेत्र में हुई इस कार्रवाई के लिए ठेंठ किसी पर भी आरोप नहीं किया है। लेकिन ईरान और सिरिया विरोधक गुट अथवा देश इस हमले के लिए कारणीभूत होने का दावा सिरियन माध्यम कर रहे हैं। ईरान के टैंकर्स पर हुए हमलों की जानकारी सामने आ रही थी कि तभी बुधवार को सिरिया के होम्स प्रांत में बड़ी दुर्घटना हुई। यहाँ के ईंधन के टैंक से ईंधन भरनेवाले टैंकर्स में आग लगकर प्रचंड विस्फोट हुआ। इस आग का निश्‍चित कारण नहीं समझा है। लेकिन आज के दौर में ईंधन की कमी महसूस कर रहे सिरिया के लिए यह बड़ी आपत्ति साबित हो रही है।

syria-iran-oil-tankerपिछले कुछ दिनों से अमरीका और मित्रदेशों ने, सिरिया की अस्साद हुक़ूमत तथा ईरान पर निर्बंध थोंपे हैं। इसका परिणाम सिरिया और ईरान के बीच के ईंधन व्यवहारों पर हुआ है। इसके बावजूद भी दोनों देशों के बीच ईंधन के व्यवहार जारी हैं। सिरिया की अर्थव्यवस्था ईंधन पर निभर होने का दावा किया जाता है।

सिरिया यह ईंधन संपन्न देश है। इस देश में आज की घड़ी में २५० करोड़ बैरल्स ईंधन का भांड़ार होने का दावा किया जाता है। सन २००८ तक सिरिया प्रतिदिन चार लाख बैरल्स इतने ईंधन का खनन करता था। लेकिन सन २०११ में सिरिया में भड़का हुआ सिविल वॉर और उसके बाद ‘आयएस’ तथा अन्य आतंकवादी संगठनों के बीच जारी संघर्ष के चलते सिरिया में ईंधननिर्माण प्रभावित हुआ। उसीके साथ सिरिया के उत्तरी भाग में होनेवाले ईंधन के कुँए और परियोजनाओं पर ‘आयएस’ और तुर्की से जुड़े आतंकवादी संगठनों ने कब्ज़ा करने के बाद इस देश में ईंधन का खनन कम हुआ। फिलहाल सिरिया से प्रतिदिन ३४ हज़ार बैरल्स का खनन किया जाता है।

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