अमरिकी नौसेना द्वारा स्वार्म ड्रोन्स का परीक्षण

वॉशिंग्टन – अमरीका की नौसेना ने कैलिफोर्निया के किनारे के पास खड़ा विध्वंसक पोत स्वार्म ड्रोन्स द्वारा नष्ट किया। यह अमरीका के स्वार्म ड्रोन्स के परीक्षण का भाग था और अमरीका ने किया यह परीक्षण चीन को चेतावनी देने के लिए ही था, ऐसा अमरीका की अग्रसर मासिक पत्रिका ‘फोर्ब्स’ ने कहा है।

us-navy-swarm-droneलगभग हफ्ते भर पहले अमरीका की नौसेना ने यह परीक्षण किया था। स्वार्म ड्रोन्स की क्षमता जांचने के लिए, अन्य यंत्रणाओं के साथ स्वार्म ड्रोन्स कैसे काम करते हैं, वह दर्ज़ करने के लिए यह परीक्षण किया, ऐसा अमरिकी नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था। इस परीक्षण के लिए किस कंपनी के ड्रोन्स का इस्तेमाल किया, उसका विवरण अमरिकी नौसेना ने घोषित नहीं किया है। लेकिन रेथॉन कंपनी के ‘कोयोटे’ इस स्वार्म ड्रोन का इसके लिए इस्तेमाल किया गया होने का दावा इस अमरिकी मासिक पत्रिका ने किया है।

कोयोटे ड्रोन्स का इस्तेमाल विस्फोटकों का वहन करने के लिए, साथ ही इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के लिए भी किया जा सकता है। इससे पहले नौसेना की ‘लोकोस्ट’ अर्थात ‘लो-कॉस्ट युएव्ही स्वार्मिंग टेक्नॉलॉजी’ इस मुहिम के तहत तकरीबन ५० कोयोटे स्वार्म ड्रोन्स का परीक्षण किया गया था। लेकिन स्वार्म ड्रोन्स द्वारा विध्वंसक नष्ट करके अमरीका ने, अपने पास अतिप्रगत तंत्रज्ञान है, इसका एहसास चीन और रशिया जैसे प्रतिस्पर्धी देशों को कराया दिख रहा है।

इसी बीच, ईस्ट और साऊथ चायना सी, तथा ताइवान की खाड़ी पर पूर्ण वर्चस्व हासिल करने के लिए चीन ‘अँटी एक्सेस/एरिया डिनायल’ अर्थात ‘ए२/एडी’ युद्धतंत्र पर काम कर रहा है। अमरीका और मित्र देशों को रोकने के लिए चीन ने त्रिस्तरीय व्यूहरचना की है।

इसमें चीन के तटवर्ती इलाके से २७० सागरी मिल की दूरी तक के ईस्ट और साऊथ चायना सी के क्षेत्र के द्वीपों का समावेश किया गया है। इस क्षेत्र में बनाए कृत्रिम द्वीपों की सुरक्षा के लिए चीन ने विध्वंसकभेदी क्रूझ् क्षेपणास्त्र, साथ ही जमीन से हवा में दागे जा सकनेवाले क्षेपणास्त्र, गश्तीनौकाएँ सुसज्जित रखी हैं।

२७० से ५४० सागरी मील की दूरी तक के हितसंबंधों की सुरक्षा के लिए लड़ाकू विमान और पनडुब्बियों का इस्तेमाल करने की तैयारी चीन ने रखी है। वहीं, ५४० सागरी मीलों के पार होनेवाले सागरी क्षेत्र में युद्ध करने के लिए अर्थात गुआम तक पहुँचने के लिए बॉम्बर विमान तथा डीएफ-२६ युद्धपोतभेदी क्षेपणास्त्र का इस्तेमाल करने की योजना चीन ने बनाई है।

चीन की इस ए२/एडी व्यूहरचना को झटके देने की क्षमता अपने पास है, यह अमरीका ने स्वार्म ड्रोन्स के परीक्षण द्वारा दिखा दिया है। इसी कारण इस परीक्षण को बहुत बड़ा सामरिक महत्व आया होकर, यह परीक्षण चीन को अपने दांवपेंचों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर करेगा, ऐसा दिखाई देने लगा है।

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