इस्राइल को ईरान की नई धमकी

दुबई – ‘इस्राइल की जुल्मी हुकूमत के विरोध में संघर्ष यानी दमननीति और आतंकवाद विरोधी संघर्ष है। इस्राइल राष्ट्र नहीं है, बल्कि आतंकियों का अड्डा है। इस वजह से इस हुकूमत के विरोध में संघर्ष में शामिल होना यह जनता की ज़िम्मेदारी बनती है। जेरूसलम की आज़ादी के लिए इस्लामधर्मी देशों ने ईरान से सहयोग किया तो यह इस्राइल के लिए बुरा सपना साबित होगा’, ऐसा इशारा ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्ला खामेनी ने दिया है। इसी बीच मात्र एक ही लष्करी हमले में इस्राइल नष्ट हो जाएगा, ऐसी धमकी ईरान के रिवोल्युशनरी गार्ड्स के प्रमुख मेजर जनरल हुसेन सलामी ने दी है।

iran-new-threat-israelईरान ने इससे पहले इस्राइल के विनाश की एवं इस्राइल को विश्‍व के नक्शे से मिटाने की धमकियां दीं थी। लेकिन, बीते कुछ हफ्तों से इस क्षेत्र में जारी गतिविधियों की तीव्रता को देखें तो ईरान और इस्राइल से दी जा रही धमकियों की गंभीरता बढ़ी है। इस्राइल के लड़ाकू विमान सीधे ईरान तक पहुँच सकते हैं, ऐसा इशारा इस्राइल के गुप्तचर मंत्रालय के प्रमुख ने कुछ दिन पहले ही दिया है। अमरीका के रक्षामंत्री लॉईड ऑस्टिन इस्राइल के दौरे पर होने के समय भी ईरान को परमाणु अस्त्र से सज्जित नहीं होने देंगे, ऐसी हमारी सरकार की पुख्ता भूमिका होने का बयान इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने ड़टकर किया था।

ईरान भी इस्राइल को धमका रहा है। युरेनियम का संवर्धन बढ़ाकर ईरान इस्राइल के दोनों हाथ काट देगा, ऐसी धमकी ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी ने दी थी। इसी दौरान ईरान के कुद्स फोर्सेस के प्रमुख मेजर जनरल कानी ने यह ऐलान किया था कि, इस्राइल सुरक्षित नहीं रहेगा। इसी बीच ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्ला खामेनी ने इस्राइल को दिए धमकी का इज़ाफा हुआ है। शुक्रवार के दिन राजधानी तेहरान से ईरानी जनता को संबोधित करते समय खामेनी ने इस्राइल के खिलाफ जारी संघर्ष में शामिल होने का निवेदन जनता से किया।

‘जिस दिन इस्राइल ने पैलेस्टिनी भूमि पर कब्ज़ा किया, तभी से इस क्षेत्र में आतंकियों ने अड्डे स्थापित किए। इस्राइल राष्ट्र नहीं है बल्कि पैलेस्टिन और अन्य मुस्लिम देशों के खिलाफ बनाया गया आतंकियों का किला है। इस दुष्ट हुकूमत के खिलाफ जारी संघर्ष यानी दमननीति और आतंकियों के खिलाफ संघर्ष है और इस संघर्ष में शामिल होना जनता का कर्तव्य है’, यह आवाहन खामेनी ने किया है।

ईरान के सर्वोच्च धर्मगुरू ने इस्राइल का समर्थन कर रहे पश्‍चिमी देशों की भी आलोचना की है। ‘दूसरे विश्‍वयुद्ध के दौरान यूरोप ने ज्यू धर्मियों पर अत्याचार किए, इसी कारण अब यूरोपिय देश अंधों की तरह इसका समर्थन कर रहे हैं। इसका प्रतिशोध लेने के लिए पश्‍चिमी देशों ने पैलेस्टिनी नागरिकों को उन्हीं की देश से बाहर निकाला’, यह आरोप खामेनी ने लगाया है। ‘लेकिन अब विश्‍व की स्थिति बदल रही है। पश्‍चिमी देशों के हाथों में होनेवाला सत्ता का संतुलन अब इस्लामी देशों की ओर झुकने लगा है’, ऐसा दावा ईरान के सर्वोच्च नेता ने किया।

iran-new-threat-israelइसके लिए खामेनी ने अमरीका और यूरोप का दाखिला दिया। अमरीका और यूरोपिय देशों को शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ रहा है और बीते सालों से यह देश कोरोना से जंग में नाकाम साबित हुए हैं। यूरोपिय देशों में अब सियासी और सामाजिक अस्थिरता निर्माण हुई है। ऐसी स्थिति में मुस्लिम देश पैलेस्टिन के लिए एकजूट हो जाएं तो इससे इस्राइल एवं अमरीका और यूरोप में उनकी वकालत करनेवालों की नींद उड़ेगी’, ऐसा दावा खामेनी ने किया।

इसी बीच, वियना में अमरीका और ईरान के दरमियान परमाणु समझौते को लेकर बातचीत चल रही है। ऐसे में इस्राइल और ईरान के बीच अघोषित संघर्ष शुरू होने का दावा करना अंतरराष्ट्रीय माध्यमों ने शुरू किया है। सीरिया में स्थित ईरान के अड्डों पर और ईरान समर्थक संगठनों पर इस्राइल के हवाई हमले और इस्राइल के जहाज़ों पर ईरान के हमले इसी संघर्ष का हिस्सा माने जा रहे हैं। ईरान के परमाणु समझौते पर चर्चा सफल होने का अवसर ना देने के लिए इस्राइल साज़िश कर रहा है, यह आरोप ईरान लगा रहा है। लेकिन, इस चर्चा के दौरान ही इस्राइल को नष्ट करने की धमकियाँ ईरान दे रहा है। इस वजह से हमारे देश को ईरान से बड़ा खतरा है, इस्राइल के इस दावे की पुष्टि हो रही है। इसका दबाव ईरान के साथ नए से परमाणु समझौता करने के लिए उत्सुक अमरीका के बायडेन प्रशासन पर बढ़ रहा है।

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