म्यानमार के चुनावों में स्यू की की पार्टी को बढ़त

यंगून – म्यानमार के चुनावों में जनतंत्रवादी नेता ‘एंग सैन स्यू की’ की नैशनल लीग फॉर डेमॉक्रसी (एनएलडी) पार्टी बड़ी जीत की ओर बढ़ रही है। चुनाव के नतीजें हालाँकि अभी घोषित नहीं हुए हैं, फिर भी मतों की गिनती में इस पार्टी को बड़ी बढ़त प्राप्त हुई है। आवश्‍यक बहुमत से भी कई अधिक जगहों पर अपनी पार्टी की जीत होगी, यह दावा ‘एनएलडी’ ने किया है। ५० वर्ष की लष्करी हुकूमत खत्म होने के बाद म्यानमार में हो रहे ये दूसरे आम चुनाव हैं। रोहिंग्याओं पर की गई कार्रवाई के मुद्दे पर, स्यू की के खिलाफ जागतिक स्तर पर आलोचना हुई थी। इस पृष्ठभूमि पर म्यानमार के चुनाव के ये नतीजे अहम साबित होते हैं।

रविवार के दिन म्यानमार में संसदीय चुनाव के लिए मतदान हुआ। ९० से भी अधिक राजनीतिक दल इस चुनाव में उतरे हैं। कोरोना वायरस के संकट के दौर में भी म्यानमार की जनता ने इस चुनाव में बड़ी मात्रा में मतदान किया। संसद की ६४२ सीटों के लिए मतों की गिनती शुरू हुई हैं और सत्ताधारी पार्टी एनएलडी को ३७७ से भी अधिक सीटों पर जीत हासिल होगी, यह विश्‍वास पार्टी ने व्यक्त किया है। अभी पूरे नतीजें घोषित नहीं हुए हैं। जल्द ही पूरा चित्र स्पष्ट होगा। लेकिन, उससे पहले ही एनएलडी ने जीत मनाना शुरू किया है। पार्टी के समर्थकों ने रविवार रात से ही जल्लोष करना शुरू किया है।

कोरोना वायरस, आर्थिक संकट और वांशिक संघर्ष की पृष्ठभूमि पर म्यानमार में चुनाव किए गए। इस संकट काल में भी म्यानमार की जनता ने एनएलडी पर भरोसा कायम रखकर उनके लिए वोट किया है, यह कहकर एनएलडी के प्रवक्ता ने जनता का शुक्रिया अदा किया। सन २०१५ में हुए चुनावों में ‘स्यू की’ की पार्टी की जीत हुई थी। अब और पाँच वर्ष के लिए उन्हीं की पार्टी के हाथ में सत्ता रहने से, उनके सामने अर्थव्यवस्था और अंतर्गत स्थिरता ये अहम मुद्दे बने रहेंगे। कोरोना वायरस के संकट की वजह से कमज़ोर हुई अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करना अपनी पहली प्राथमिकता रहेगी, ऐसा बयान एनएलडी के प्रवक्ता ने किया है।

इसी बीच, म्यानमार की सरकार के सामने रोहिंग्याओं की चुनौती बनी रहेगी, यह बात विश्‍लेषकों ने कही है। म्यानमार के चुनाव में रोहिंग्याओं को मतदान का हक ना होने के कारण, मानव अधिकार संगठनों ने म्यानमार की सरकार पर आलोचना की हैं। विद्रोही रोहिंग्याओं के क्षेत्र में सुरक्षा के कारणों से मतदान रद किया गया था। इस वजह से करीबन १० लाख से भी अधिक मतदाताओं को वोटिंग का हक जताना संभव ना होने का दावा किया जा रहा है। स्यू की की एनएलडी पार्टी को, सेना का समर्थन प्राप्त करनेवाली युनियन सॉलिडिटरी ॲण्ड डेव्हलपमेंट पार्टी (यूएसडीपी) द्वारा कुछ सीटों पर चुनौती दी जा रही हैं और यह पार्टी दूसरें क्रमांक का दल बनने के आसार स्पष्ट हो रहे हैं। सन २०१५ के चुनावों में भी एनएलडी के बाद यूएसडीपी को ही दूसरें क्रमांक की सीटें प्राप्त हुई थीं।

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