म्यानमार और हंगेरी के सामने शरणार्थियों की बडी चुनौती

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबुडापेस्ट – म्यानमार की प्रमुख नेता ‘आँग सैन स्यू की’ फिलहाल यूरोप के दौरे पर होकर, बुधवार को उन्होंने हंगेरी के प्रधानमंत्री विक्टर और्बन से भेंट की है| उस समय दोनों नेताओं ने आर्थिक एवं सांस्कृतिक संबंध तथा द्विपक्षीय सहयोग के साथ शरणार्थियों के मुद्दे पर भी चर्चा की है| म्यानमार के साथ आग्नेय एशिया और हंगेरी तथा यूरोप के अन्य हिस्सों में फिलहाल शरणार्थियों के झुंड यह प्रमुख चुनौती होने के मुद्दे पर दोनों नेताओं में सहमति होने की जानकारी स्यू की ने दी है| आँग सैन स्यू की और हंगेरी के प्रधानमंत्री के बीच बातचीत होने का यह पहला ही अवसर है|

आँग सैन स्यू की फिलहाल यूरोप के दौरे पर होकर मंगलवार को उन्होंने झेक रिपब्लिक की यात्रा की| उसके बाद बुधवार को हंगेरी की राजधानी बुडापेस्ट में विदेशमंत्री पीटर झिजार्तो एवं प्रधानमंत्री विक्टर और्बन से भेंट कीै| विदेश मंत्री पीटर झिजार्तो के साथ हुई भेंट में स्यू की ने आर्थिक तथा द्विपक्षीय सहयोग के मुद्दे पर चर्चा की है| उस समय हंगेरी के विदेशमंत्री ने यूरोपीय महासंघ एवं म्यानमार में संबंध मजबूत होने के लिए हंगेरी से होनेवाले प्रयत्नों की जानकारी दी| उस समय दोनों देशों में व्यापार बढ़ाने के लिए साढ़े चार करोड़ डॉलर्स की वित्त सहायता घोषित की है|

स्यू की एवं हंगेरी के प्रधानमंत्री विक्टर और्बन में हुई भेंट की अधिकृत जानकारी दोनों नेताओं ने घोषित नहीं की है| पर इस संदर्भ में एक संयुक्त निवेदन प्रसिद्ध किया गया है| इस निवेदन में शिक्षा एवं सांस्कृतिक संबंध तथा द्विपक्षीय सहयोग के मुद्दे के साथ शरणार्थियों के मुद्दे का विशेष उल्लेख किया गया है|

म्यानमार की स्टेट काउंसलर होनेवाले ‘आँग सैन स्यू की’ ने पिछले २ वर्षों में देश में घुसपैठ करनेवाले रोहिंग्याओं के विरोध में आक्रामक भूमिका ली है| म्यानमार सभी रोहिंग्याओं को आश्रय नहीं देगा, ऐसी स्पष्ट भूमिका स्यू की ने ली है| इस मामले में उन्होंने अपनाई कठोर भूमिका पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी तादाद में आलोचना हो रही थी| शांति एवं जनतंत्र के लिए ‘नोबेल’ पुरस्कार प्राप्त करनेवाली नेता को इस प्रकार की भूमिका शोभा नहीं देती, ऐसा आरोप भी उनपर किया गया था| पर उसकी परवाह न करते हुए स्यू की ने राष्ट्रहित को प्राथमिकता देकर अपनी भूमिका कायम रखी है|

दूसरी तरफ यूरोप में घुसनेवाले शरणार्थियों के झुंडों के बारे में अत्यंत आक्रामक भूमिका लेकर देशहित का पुरस्कार करनेवाले नेता के तौर पर हंगेरी के प्रधानमंत्री विक्टर और्बन पहचाने जाते हैं| महासंघ ने लगातार कार्रवाई की चेतावनी देने के बाद भी और्बनने अपनी भूमिका में बदलाव नहीं किया है| इसके विपरीत शरणार्थियों के झुंड मतलब यूरोपीय मूल्य एवं संस्कृति पर खुलेआम आक्रमण होने की चेतावनी और्बनने दी थी| उनकी इस भूमिका को यूरोप से बड़ा समर्थन मिल रहा है और अब यूरोप के बाहर भी और्बन की तरह शरणार्थियों के विरोध में भूमिका लेनेवाले नेताओं की संख्या बढ़ने लगी है|

इसकी वजह से म्यानमार के प्रमुख नेता आँग सैन स्यू की एवं और्बन में हुई चर्चा एवं दोनों में हुई सहमति के बारे में प्रसिद्ध हुई खबरें महत्व रखती है| परधर्मी शरणार्थियों के विरोध में ठोस भूमिका लेनेवाले नेताओं के राजनीतिक संगठन को इसकी वजह से अधिक बल मिल सकता है|

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