स्वदेशी बनावट की ‘खांदेरी’ का जलावतरण

मुंबई, दि. १२ : दुश्मनों के रडार को चकमा दे सकनेवाली और युद्धपोतविरोधी जंग में बहुत ही प्रभावी भूमिका निभानेवाली ‘आईएनएस खांदेरी’ इस स्वदेशी बनावट की पनडुब्बी का मुंबई के माझगांव डॉकयार्ड में जलावतरण हुआ|  ‘आईएनएस खांदेरी’ यह ‘कलवरी’ श्रेणी की दूसरी पनडुब्बी होकर, इस साल के अंत तक वह भारतीय नौसेना में दाख़िल होगी| अरब और हिंद महासागर में चिनी पनडुब्बियों की गतिविधियाँ बढ रही होते समय, इस पनडुब्बी का जलावतरण भारतीय नौसेना के लिए अच्छा संकेत साबित होता है|

जलावतरणभारतीय नौसेना की ताकत बढाने के लिए ‘कलवरी’ श्रेणी के पनडुब्बी की अत्यधिक ज़रूरत है| इस समय भारतीय नौसेना में १५ पनडुब्बियाँ हैं, जिनमें दो परमाणु पनडुब्बियों का समावेश है| वहीं, १३ पनडुब्बिया ‘डिझेल-इलेक्ट्रिक’ है| इनमें से, सोव्हिएत रशिया से दो दशक पहले ख़रीदी हुई ‘सिंधुघोष’ श्रेणी की पनडुब्बियों को सेवानिवृत्त करने पर नौसेना विचार कर रही है| इनमें से कुछ पनडुब्बियाँ दुर्घटनाग्रस्त हुईं होकर, उनका बोझ नौसेना पर आ रहा है| इस पृष्ठभूमि पर, ‘कलवरी’ श्रेणी की पनडुब्बी के निर्माण के लिए ज़्यादातर कोशिश की जा रही है|

पिछले साल, ‘कलवरी’ श्रेणी की पहली पनडुब्बी ‘आयएनएस कलवरी’ का जलावतरण हुआ| इस महीने में यह पनडुब्बी नौसेना में दाखिल होगी, ऐसी अपेक्षा जतायी जा रही है| वहीं, गुरुवार को जलावतरण हुई ‘खंदेरी’ के परीक्षण जल्द ही शुरू होंगे| यदि गहरे समुद्र में परीक्षण सफल हुए, तो इस साल के अंत तक ‘खंदेरी’ नौसेना की सेवा में शामिल होगी, ऐसा कहा जाता है| वहीं, इस साल के अंत तक ‘कलवरी’ श्रेणी की और चार पनडुब्बियों का जलावतरण किया जायेगा|

गुरुवार के दिन रक्षाराज्यमंत्री डॉ. सुभाष भामरे और नौसेनाप्रमुख ऍडमिरल सुनिल लान्बा की मौजुदगी में ‘आयएनएस खंदेरी’ का जलावतरण हुआ| १८०० टन वजन की इस पनडुब्बी की बनावट फ्रान्स की ‘स्कॉर्पियन’ पनडुब्बी जैसी है| लेकिन टेक्नॉलॉजी और शस्त्रसज्जता के मुद्दों पर ‘कलवरी’ श्रेणी की पनडुब्बियाँ और ऍड्वान्स्ड हैं, ऐसा दावा नौसेना के विशेषज्ज्ञ कर रहे हैं|

Leave a Reply

Your email address will not be published.