सऊदी अरेबिया मे सौद एवं वहाब घराने मे सत्ता संघर्ष भड़केगा – खाड़ी क्षेत्र के अग्रणी वृत्त माध्यम का दावा

रियाद: सऊदी अरेबिया में सौद राजघराने की राजकीय सत्ता और धार्मिक बातों पर नियंत्रण रखने वाले वहाब घराने में सत्ता का बंटवारा हुआ था। पिछले २५० वर्षों से अधिक समय तक अबाधित रही यह सत्ता का संतुलन नियंत्रित हुआ है और यहां अब रक्तरंजित संघर्ष भड़क सकता है, ऐसा डर खाड़ी क्षेत्र के प्रसार माध्यम से जताया जा रहा है। सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान इनकी धारणा की वजह से यह संतुलन नियंत्रित होने का दावा किया जा रहा है।

पिछले कई महीनों से सऊदी में बड़ी तादाद में उथल-पुथल शुरू है। क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने भ्रष्टाचार के विरोध में आक्रामक कारवाई शुरू की है और सऊदी के प्रभावशाली राजदूत एवं वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। तथा प्रिंस मोहम्मद ने आने वाले समय में सऊदी कट्टरवाद छोड़कर, उदार धारणा स्वीकारने के स्पष्ट संकेत दिए थे। महिलाओं को ड्राइविंग की अनुमति देना, स्पोर्ट्स स्टेडियम पर महिलाओं को आने की स्वतंत्रता, जैसे सऊदी के लिए क्रांतिकारक घोषणाएं प्रिंस मोहम्मद ने की थी। तथा सऊदी में संगीत विषयक कार्यक्रम का आयोजन एवं सिनेमा को अनुमति देने की तैयारी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने की है।

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इसके साथ धार्मिक तथा सांस्कृतिक बातों पर नियंत्रण रखने वाले सऊदी के धर्मगुरु के अधिकार कम करने का निर्णय प्रिंस मोहम्मद ने लिया है। अबतक धर्म से संबंधित होनेवाले इन बातों पर वहाब घराने का नियंत्रण था। एवं उसमें सौद राजघराने से हस्तक्षेप नहीं हो रहा था। इस रुप से सौद राजघराने एवं वहाब घराने में सऊदी अरेबिया की सत्ता का बंटवारा हुआ था। पर पिछले २५० वर्षों से अधिक समय तक होने वाले इस सत्ता का संतुलन अब बिगड़ने लगा है और प्रिंस मोहम्मद सऊदी के पारंपरिक धारणा को बदलने के लिए गतिमान कदम उठा रहे हैं, ऐसा दिखाई दे रहा है। इसे हाउस ऑफ वहाब से विरोध होने की गहरी आशंका जताई जा रही है।

प्रिंस मोहम्मद इनके भ्रष्टाचार विरोधी कारवाई तथा अन्य धारणाओं का वहाब घराने ने समर्थन किया था। पर धार्मिक बातों से संबंधित होने वाले अपने अधिकार खतरे में आते देख, वहाब घराने के सदस्य क्या स्वस्थ रहेंगे, ऐसा प्रश्न माध्यमों से पूछा जा रहा है। फिलहाल स्पष्ट तौर पर वहाब घराने से इसके विरोध में गतिविधियां शुरू नहीं है। पर आने वाले समय में परिस्थिति बदल सकती है, इस आशंका की तरफ माध्यम ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। सऊदी के राजा फैसल ने इस प्रकार की सुधार कार्यान्वित करने का प्रयत्न करके देखा था। पर उस पर कड़ी प्रतिक्रिया उमडी थी और सऊदी ने अपनी धारणा अधिक परंपरावादी की थी। इसकी याद विश्लेषक करा रहे हैं।

उसके बाद तीन दशकों के समय में सऊदी में सुधार के लिए विशेष प्रयत्न नहीं हुए हैं। पर अब प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान तत्काल बदलाव ला रहे हैं। सऊदी जैसे देश में यह बदलाव सहन नहीं होंगे, ऐसा कहकर इस पर वहाब घराने की प्रतिक्रिया उमड सकती है, ऐसा माध्यम का कहना है। उस समय अभी भी वहाब घराने का सऊदी की जनता पर प्रभाव है। इस पर आखात खाड़ी के कई वृत्तसंस्था, आशंका उपस्थित कर रहे हैं। पर अगर वहाब घराने ने सऊदी के सुधार एवं अपने अधिकार में कटौती के विरोध में भूमिका ली, तो सऊदी अरेबिया में सत्ता संघर्ष धड़क उठेगा ऐसा वृत्तसंस्था का कहना है।

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