‘अमरीका द्वारा रशिया की सुरक्षा को खतरा’ : रशिया के विदेश मंत्री का आरोप

मॉस्को, दि. १० (वृत्तसंस्था) – ‘रशियाफोबिया’ से घिरी अमरीका की नीतियाँ रशिया की सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित हो रही हैं| अमरीका ने सीरीया मामले में की हुई बयानबाजी और दी हुई धमकी से यह स्पष्ट हो रहा है, ऐसा रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लॅव्हरोव्ह ने कहा है| लेकिन अमरीका की नीति में बदलाव होते समय, रशिया भी अपने हितसंबंधो की हिफ़ाज़त के लिए तैय्यार है, ऐसा लॅव्हरोव्ह ने डटकर कहा है|

रशिया की सुरक्षापिछले कुछ हफ्तों में रशिया और अमरीका के संबंधों में तनाव पैदा हुआ है| इस तनाव की पृष्ठभूमि पर रशिया ने अपनायी भूमिका स्पष्ट करते हुए विदेशमंत्री लॅव्हरोव्ह ने अमरीका की कड़ी आलोचना की| जब अमरीका रशिया का तिरस्कार करती है, तब तक दोनो देशों के बीच का तनाव बढ़ता रहेगा, ऐसा लॅव्हरोव्ह ने स्थानिक न्यूज चैनल को दिये एक इंटरव्यू में कहा|

अमरीका के साथ नाटो भी ‘रशियाफोबिया’ से त्रस्त है, ऐसा रशिया के विदेशमंत्री ने कहा है| अमरीका को रशिया से बेबुनियाद ड़र लगता है और वह रशिया का तिरस्कार करती है| इसी वजह से अमरीका की सभी नीतियाँ रशिया के खिलाफ़ केंद्रित होकर, इसका सीधा परिणाम रशिया की सुरक्षा से जुड़ गया है, ऐसा लॅव्हरोव्ह ने कहा|

इसके साथ ही, पिछले हफ्तों में अमरीका के कुछ नेताओं ने सीरीया की अस्साद सरकार और सेना पर हवाई हमले करने का ऐलान किया था| सीरिया पर हवाई हमलें करने की अमरीका की योजना ठेंठ रशिया की सुरक्षा को चुनौती देनेवाली है, ऐसा आरोप लॅव्हरोव्ह ने किया| रशिया की सेना सीरिया में तैनात होते समय, अमरीका और मित्र देश द्वारा सीरीया पर किये गये हवाई हमलें रशियन सेना की सुरक्षा के लिए खतरा साबित होते हैं, ऐसी चिंता रशिया के विदेशमंत्री ने ज़ाहिर की|

लेकिन सीरिया में रशिया के दो अड्डें और प्रक्षेपास्त्ररोधक यंत्रणा, ये अस्साद सरकार की तथा रशिया के हितसंबंधों की रक्षा के लिए तैय्यार हैं, ऐसी चेतावनी लॅव्हरोव्ह ने दी| इसी के साथ, रशिया और अमरीका के बीच बढ़ते तनाव के लिए अमरीका ज़िम्मेदार है, ऐसा आरोप भी रशिया के विदेशमंत्री ने किया| रशिया और अमरीका के संबंधों में तनाव सीरिया के संघर्ष की वजह से पैदा न हुआ होकर, युक्रेन से भी पहले से दोनों देशों के बीच मतभेद निर्माण हुए थे, इसकी याद लॅव्हरोव्ह ने करा दी|
इसके अलावा दो दिन पहले संयुक्त राष्ट्रसंघ की रक्षा परिषद में, सीरीया पर हवाई हमलें करने के लिए अमरीका ने सादर किए प्रस्ताव पर भी रशिया के विदेशमंत्री ने नारा़ज़गी ज़ाहिर की| सीरिया में सरकार का तख्तापलट करने के लिए जिन देशों को जल्दी थी, उन्हीं देशों ने इस प्रस्ताव की माँग की थी| साथ ही, यह प्रस्ताव यदि पारित हो गया होता, तो अमरीका और मित्र देश सीरिया में करने जा रहें हवाई हमलों की वजह से ‘आयएस’ और अन्य आतंकवादी संगठन बच जाते थे, ऐसी आलोचना लॅव्हरोव्ह ने की| लेकिन सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य रहनेवाले रशिया ने ‘नकाराधिकार’ इस्तेमाल करते हुए, सीरिया पर हवाई हमले करने करने की माँग को खारिज़ कर दिया|

इसी दौरान, सीरिया पर हवाई हमले करने के विरोध में, रशिया ने ‘नकाराधिकार’ इस्तेमाल किया होने की वजह से फ्रान्स ने अपनी नारा़ज़गी ज़ाहिर की है| सीरिया में हुए युद्ध-अपराधों के लिए रशिया और सीरियन सेना के खिलाफ़ आरोप दर्ज़ करने चाहिए और आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में उनकी सुनवाई होनी चाहिए, ऐसी माँग फ्रान्स के विदेश मंत्री ‘जीन-मार्क आरॉल्ट’ ने की है|

रशियन नौसेना सीरिया के ‘तारतूस’ में अड्डा बनायेगी

अब तक सीरीया के संघर्ष में सेना को बतौर सहायक ऐसी भूमिका निभानेवाली रशिया की नौसेना ने, ‘तारतूस’ में स्थायी रूप के लिए अड्डा बनाने की तैयारी की है| रशिया के उपरक्षा मंत्री ‘निकोलाय पॅनकोव्ह’ ने इस मामले में जानकारी जाहीर की| ‘तारतूस’ में स्थायी रूप में अड्डा बनाने के लिए आवश्यक रहनेवाली सभी दस्तावेजों की पूर्ति होने की जानकारी पॅनकोव्ह ने दी|

russia-tartusसीरिया के पश्‍चिम किनारे पर रहनेवाले ‘तारतूस’ बंदरगाह पर पिछले कई साल रशिया की नौसेना तैनात है| भूमध्य सागर में रशियन नौसेना की मुहिमों की सहायता करने के लिए इस बंदरगाह का इस्तेमाल किया जाता था| रशिया की सेना ने सीरिया में संघर्ष में कूदने के बाद, इस बंदरगाह का इस्तेमाल रसद पहुँचाने के लिए शुरू था| पिछले हफ्तों में, इसी बंदरगाह पर रशिया ने ‘एस-४००’ यह प्रगत मिसाईल्सभेदी यंत्रणा ला रखी होकर, अमरीका और मित्रदेशों ने उसपर ऐतराज जताया था|

 

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