रशियन नौसेना के आर्क्टिक के साथ साथ, भूमध्य और अटलांटिक सागरी क्षेत्र में भी विस्तार के संकेत

मॉस्को, दि. ३ : युक्रेन और सीरिया के मसले पर अमरीका समेत पश्‍चिमी देशों के साथ निर्माण हुए तनाव की पृष्ठभूमि पर रशिया ने रक्षासिद्धता पर अधिक ध्यान देना शुरू कर दिया है| रशिया की यह नीति इस साल भी बरकरार रहेगी, ऐसे संकेत मिल रहे हैं| रशियन नौसेना ज़्यादा से ज़्यादा आक्रामक नीति अपनानेवाली होकर, आर्क्टिक महासागर, साथ ही अटलांटिक तथा भूमध्य सागरी क्षेत्र में गतिविधियाँ बढ़ाने की तैयारियाँ शुरू हो चुकी है| इसके लिए नौसेना में नये लड़ाक़ू जहाज़ों और पनडुब्बियों के साथ लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर्स और ड्रोन्स का समावेश किया जानेवाला होने की जानकारी रशियन अधिकारी ने दी| रशिया द्वारा चल रहीं ये गतिविधियाँ यानी युद्ध की तैयारियों का ही एक हिस्सा है, ऐसा दावा विदेशी मीडिया और विशेषज्ञों द्वारा किया जा रहा है|

रशियन नौसेना‘आनेवाले साल में रशियन नौसेना का हिस्सा रहनेवाला ‘नॉर्दन फ्लीट’ यह नेवल बेस जागतिक समुद्री क्षेत्र में ज़्यादा से ज़्यादा सक्रिय रहेगा| रशियन नौसेना के जवान और अधिकारियों ने आर्क्टिक महासागर, अटलांटिक सागरी क्षेत्र और भूमध्य समुद्र में दीर्घकालीन मुहिमों की दृष्टि से तैयारी शुरू कर दी है’, ऐसी जानकारी रशिया के ‘नॉर्दन फ्लीट’ के प्रमुख व्हाईस ऍडमिरल निकोलाय येव्हमेनोव ने दी|

रशियन नौसेना की रीढ़ माने जानेवाले ‘नॉर्दन फ़्लीट’ पर आर्क्टिक महासागर, अटलांटिक सागरी क्षेत्र, बॅरेन्ट्स सी और भूमध्य सागरी क्षेत्र की जिम्मेदारी है| इस अरमाडा में ३५ से ज़्यादा युद्धपोत और ४० से ज़्यादा पनडुब्बियाँ शामिल हैं| रशिया का विमानवाहक पोत ‘ऍडमिरल कुझनेत्सोव्ह’ के पास ‘नॉर्दन फ़्लीट’ की ज़िम्मेदारी है| फिलहाल यह युद्धपोत भूमध्य सागरी क्षेत्र में सक्रिय है|

पिछले कुछ सालों में पश्‍चिमी देशों के साथ पैदा हुए तनाव की पृष्ठभूमि पर, रशिया ने अपने रक्षादल का स्वरूप बदलना शुरु कर दिया है| रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने इसके लिये पहल की होकर, सन २०२० तक देश के रक्षादल का आधुनिकीकरण पूरा करने की महत्त्वाकांक्षी योजना बनायी है| इसके लिये नये हथियारों से लैस लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर्स, युद्धपोत, पनडुब्बियाँ विकसित करने पर जोर दिया गया है|

कुछ महीने पहले, रशिया के रक्षा विभाग द्वारा नये ‘कोस्टल डिफेन्स डिव्हीजन’ के निर्माण की तैयारी शुरू हुई थी| सन २०१७ में बढ़ा दी गई समुद्री गतिविधियों की व्याप्ति यह इस तैयारी का एक हिस्सा है, ऐसा कहा जाता है| आर्क्टिक सागरी क्षेत्र में भारी मात्रा में रहनेवालीं ईंधन की राशियाँ यह भी रशिया की व्यापक समुद्री गतिविधियों का महत्वपूर्ण कारण माना जाता था|

रशिया ने आर्क्टिक क्षेत्र के लिए नौसेना की व्याप्ति बढ़ाने के साथ ही, वायुसेना के अड्डें भी सक्रिय करने की शुरुआत की है| आनेवाले चार सालों में आर्क्टिक में चार हवाई पट्टियों का निर्माण किया जानेवाला है| इसके अलावा, दो स्वतंत्र ‘पोलर स्टेशन्स’ का भी निर्माण होनेवाला है, ऐसी जानकारी सूत्रों ने दी है|

सागरी मुहिम की व्याप्ति को बढ़ाने के लिए रशियन नौसेना में बड़े पैमाने पर ‘लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर्स और ड्रोन्स का समावेश किया जानेवाला है, ऐसे संकेत मिले हैं| रशिया के ‘नेव्हल एव्हिएशन’ विभाग के प्रमुख मेजर जनरल इगोर कोझिन ने, नौसेना के लिए लगभग १०० नये विमान और हेलिकॉप्टर्स खरीदने की बात कही| इसमें ‘मिग २९-के’, ‘मिग-२९केयुबी’ इन लड़ाकू विमानों के साथ ही, ‘केए-५२ के’ यह लड़ाकू हेलिकॉप्टर भी शामिल है|

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