अंतर्गत सुरक्षा के लिए बांग्लादेश से रोहिंग्या शरणार्थीयों पर कठोर प्रतिबन्ध

ढाका: पिछले कई दिनों में म्यानमार से दाखिल हुए हैं रोहिंग्या शरणार्थियों पर बांग्लादेश ने कठोर प्रतिबंध जारी किया है। बांग्लादेश में विविध शिविर में रहने वाले रोहिंग्या शरणार्थियों को उन्हें दी जगह न छोड़ने का इशारा दिया गया है। इस बारे में बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सुरक्षा यंत्रणा को निर्देश देने की जानकारी सामने आयी है। कुछ दिनों पहले बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थियों के घुसपैठ पर म्यानमार को कठोर इशारा दिया था। इस पृष्ठभूमि पर नए प्रतिबंध ध्यान केंद्रित कर रहे है।

पिछले महीने म्यानमार के राखीन प्रांत में वास्तव्य करनेवाले रोहिंग्या एवं स्थानिक सुरक्षा दल में हुए संघर्ष के बाद लाखों रोहिंग्या शरणार्थी पड़ोसी देश में दाखिल हो रहे हैं। २५ अगस्त के बाद बांग्लादेश में करीब ४ लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थी दाखिल होने की बात सामने आयी है। बांग्लादेश ने युद्धस्तर पर किए गतिविधियों से विविध शिविर में रोहिंग्या शरणार्थियों की व्यवस्था की गयी है, पर इस वजह से बांग्लादेश की यंत्रणा पर दबाव महसूस हो रहा है।

बांग्लादेश की यंत्रणा ने किये व्यवस्था के बाद रोहिंग्या शरणार्थी देश के अन्य भाग तथा भारत और अन्य देशों में जाने का प्रयत्न कर रहे हैं। इसकी वजह से भारत, बांग्लादेश की सुरक्षा खतरे में आकर ‘कॉक्स बाजा’र के साथ अन्य भागों में रोहिंग्याओ के विरोध में शिकायतें बढ़ रही है। इसकी वजह से बांग्लादेश सरकार ने आक्रामक नीति का स्वीकार करके रोहिंग्या शरणार्थियों की गतिविधियों पर कठोर प्रतिबंध जारी किए हैं।

रोहिंग्या शरणार्थीयों की अपनी मातृभूमि में वापस जाने की व्यवस्था पूर्ण हो, तब तक उन्हें दिए जगहो पर वास्तव्य करें। रोहिंग्याओ को मित्रों एवं रिश्तेदारों के घरों में आश्रय देने का प्रयत्न न करें, ऐसा इशारा बांग्लादेश के पुलिस दल की प्रवक्ता सहेली फिरदौस ने दिया है। बांग्लादेश के नागरिक रोहिंग्याओ को अपने घर किराए पर ना दे ऐसे स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। बांग्लादेश में दाखिल हुए रोहिंग्या शरणार्थीयों को रास्ता, रेलवे या जलमार्ग से कहीं भी यात्रा करने पर बंदी है। बस तथा ट्रक चलानेवाले और अन्य संबंधित वाहको को भी रोहिंग्या शरणार्थियों को अपने साथ न लिया जाय, यह सूचना दी गयी है।

म्यानमार एवं बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थियों के यात्रा मार्ग पर नई चौकी एवं गश्ती नाका स्थापित किया हैं। उनके वास्तव्य के लिए शिविर मैं अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था तैनात की गयी है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कुछ दिनों पहले रोहिंग्या शरणार्थियों के शिविर को भेंट दी थी। उसके बाद १० दिनों में रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए निवास स्थापित करने के आदेश दिए गए थे।

आनेवाले हफ्ते में संयुक्त राष्ट्रसंघ की सभा में प्रधानमंत्री शेख हसीना रोहिंग्या शरणार्थियों का मुद्दा उपस्थित करते हुए, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने म्यानमार पर दबाव बढ़ाकर इन शरणार्थियों के लिए निधि जल्द से जल्द उपलब्ध करें, यह आग्रही भूमिका लेंगी, ऐसी जानकारी प्रवक्ताओं ने दी है।

म्यानमार के राखीन प्रांत में वास्तव्य करने वाले रोहिंग्याओ को म्यानमार ने नागरिकत्व नहीं दिया। इस प्रांत में होने वाले हिंसाचार पर रोहिंग्या जिम्मेदार होते हुए उनकी हिंसक कारवाई रोकने के लिए म्यानमार को लश्कर जैसी कठोर उपायोजना करनी पड़ रही है, यह दावा दावा म्यानमार ने किया है। भारत ने म्यानमार का पक्ष उठाया है, साथ ही चीन ने भी म्यानमार को समर्थन दिया है।

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